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    पाकिस्‍तान : मुंबई के मुजरिम लखवी को मिली जमानत

    By manoj yadavEdited By:
    Updated: Fri, 19 Dec 2014 08:06 AM (IST)

    पेशावर में आर्मी स्कूल के 132 बच्चों के कत्लेआम के दो दिन बाद पाकिस्तान में न्याय की भी हत्या हो गई। आतंकवाद के खिलाफ एक सिरे से कार्रवाई को लेकर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की तमाम दलीलें अगले ही दिन ढेर हो गईं। अच्छे और बुरे तालिबान में फर्क खत्म

    नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। पेशावर में आर्मी स्कूल के 132 बच्चों के कत्लेआम के दो दिन बाद पाकिस्तान में न्याय की भी हत्या हो गई। आतंकवाद के खिलाफ एक सिरे से कार्रवाई को लेकर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की तमाम दलीलें अगले ही दिन ढेर हो गईं। अच्छे और बुरे तालिबान में फर्क खत्म करने जैसी बड़ी बातों के बीच पाक ने मुंबई हमले के आरोप में जेल में बंद लश्कर-ए-तैयबा के ऑपरेशन कमांडर कीउर्रहमान लखवी को जमानत पर रिहा कर दिया। भारत ने इस पर कड़ा विरोध दर्ज कराते हुए कहा है कि नवाज सरकार को इस अदालती फैसले को फौरन वापस लेना चाहिए।

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    केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि लखवी को जमानत देने की जिम्मेदार पाकिस्तान सरकार ही है। सरकारी पक्ष ने ही केस में कमी रखी। जबकि भारत ने उसके खिलाफ पाकिस्तान को सारे सबूत दिए हैं। इधर, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि भारत मुंबई आतंकी हमले के प्रमुख साजिशकर्ता और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की फेहरिस्त में अंतरराष्ट्रीय आतंकी करार दिए गए व्यक्ति को जमानत पर रिहा किए जाने को कतई स्वीकार नहीं कर सकता। उन्होंने इस बात पर हैरानी भी जताई कि यह फैसला पेशावर में 132 बच्चों के आतंकियों के हाथों कत्ल होने के महज दो दिन बाद आया है। ऐसे फैसले से आतंकियों का हौसला बढ़ेगा। उन्होंने पाकिस्तान से इस फैसले को पलटने के लिए तत्काल जरूरी कदम उठाने का आग्रह किया। इस बीच सूत्रों के अनुसार इस फैसले को बदलवाने के आग्रह के साथ इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग पाकिस्तान सरकार के साथ संपर्क में है।

    छह आरोपियों पर सुनवाई सात जनवरी तक टली

    लखवी और छह अन्य लोगों ने रावलपिंडी की विशेष अदालत में बुधवार को जमानत अर्जी दाखिल की थी। गुरुवार को फेडरल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एफआइए) के वकील ने जमानत की गुहार पर खास विरोध नहीं जताया। हालांकि उन्होंने कहा कि वह ऊपरी अदालत में अपील करेंगे। लखवी का पक्ष वकील रिजवान अब्बासी ने रखा। मुंबई हमले पर बनी विशेष अदालत में जस्टिस कौसर अब्बासी जैदी ने सात आरोपियों में से लखवी को जमानत पर रिहा कर दिया। वहीं अब्दुल वाजिद, मजहर इकबाल, हमद अमीन सादिक, शाहिद जमील रियाज, जमील अहमद और यूनिस अंजुम पर सुनवाई सात जनवरी तक टाल दी। ये सब रावलपिंडी की अडियाला जेल में बंद हैं।

    गौरतलब है कि मुंबई हमले में शामिल एकमात्र जिंदा पकड़े गए आतंकी अजमल कसाब को महाराष्ट्र की जेल में फांसी दे दी गई थी। भारत हमेशा से ही यह मांग करता रहा है कि पाकिस्तान इस हमले के दोषियों के खिलाफ निष्पक्ष जांच करे और दोषियों को सजा दे।

    अब तक बदल चुके हैं सात जज

    मुंबई हमले के मामले में लखवी को जमानत आतंकवाद रोधी अदालत के जस्टिस कौसर अब्बासी जैदी ने दी। जस्टिस जैदी मुंबई मामले की सुनवाई करने वाले आठवें जज हैं। वर्ष 2009 से जारी सुनवाई के दौरान अब तक सात जज बदल चुके हैं।

    हाफिद सईद और दाऊद भारत को सौंपे पाक: वेंकैया

    नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने पाकिस्तान से हाफिज सईद और दाऊद इब्राहिम को भारत को सौंपने की ताकीद की। उन्होंने कहा कि ये दोनों भारत की मोस्ट वांटेड सूची में हैं। उन्होंने कहा कि हाफिद सईद मानवता का दुश्मन है और पूरी दुनिया में आतंकवाद का मुख्य प्रसारक है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम उठाने से चूकना नहीं चाहिए। खासकर जब दो दिन पहले ही उन्होंने पेशावर में नृशंस आतंकी हमले का सामना किया है।

    यह फैसला बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। उम्मीद है कि पाक सरकार निचली अदालत के फैसले के खिलाफ बड़ी अदालत में अपील करेगी। -राजनाथ सिंह, गृहमंत्री

    -यह सही नहीं हुआ। इसका असर पाकिस्तान को भी नजर आएगा। -मनोहर पर्रिकर, रक्षा मंत्री

    26/11 के दोषियों को सजा के लिए पाकिस्तान पर दबाव बनाना चाहिए। ये मामला भारत को सौंपा जाना चाहिए। -स्मिता सालस्कर, मुंबई हमले में शहीद पुलिस अफसर विजय सालस्कर की विधवा

    अजमल कसाब बुलाता था चचा लखवी

    आतंकियों का आका और लश्कर कमांडर जकी उर्र रहमान लखवी उन सात पाकिस्तानियों में शुमार है जिन्होंने हाफिद सईद के साथ मुंबई में 9/11 के हमले की साजिश रची थी और उसे पाकिस्तान से संचालित किया था। इस हमले में जिंदा पकड़े गए एकमात्र पाक आतंकी अजमल कसाब ने खुद भारतीय जांचकर्ताओं के सामने जुर्म कबूलते हुए बताया था कि लश्कर कमांडर चचा लखवी ने ही उन्हें हिंदुस्तान की आर्थिक ताकत मुंबई पर हमला करने का हुक्म दिया था।

    कसाब ने अपने कबूलनामे में बताया था कि हाफिज सईद और लखवी ने मुंबई हमले में शामिल दस आतंकियों को दो टुकडि़यों में बांट दिया था। साथ ही वह दोनों खुद कराची में बैठकर टीवी पर हमले का सीधा प्रसारण देख रहे थे और मुंबई की सड़कों पर दहशतगर्दी के लिए उन्हें हिदायतें देते जा रहे थे। 54 वर्षीय जकी उर्र रहमान लखवी पाकिस्तान में नए आतंकियों की भर्ती करता है और वह इसे चाचू और छोटे चाचा कह कर बुलाते हैं।

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