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    मुंबई हमले के आरोपियों ने नियुक्त किए नए वकील

    By Edited By:
    Updated: Mon, 25 Nov 2013 02:16 PM (IST)

    पाकिस्तान में मंद गति से चल रही मुंबई आतंकी हमले (26/11) से जुड़े केस की सुनवाई में थोड़ी प्रगति हुई है। लश्कर-ए-तैयबा कमांडर जकीउर रहमान लखवी समेत इस मामले के सातों आरोपियों ने दो नए वकील नियुक्त किए हैं। आरोपियों के पुराने वकील निजी कारणों का हवाला देकर केस छोड़ चुके हैं। इस्लामाबाद की आतंकवाद निरोधी अ

    इस्लामाबाद। पाकिस्तान में मंद गति से चल रही मुंबई आतंकी हमले (26/11) से जुड़े केस की सुनवाई में थोड़ी प्रगति हुई है। लश्कर-ए-तैयबा कमांडर जकीउर रहमान लखवी समेत इस मामले के सातों आरोपियों ने दो नए वकील नियुक्त किए हैं। आरोपियों के पुराने वकील निजी कारणों का हवाला देकर केस छोड़ चुके हैं।

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    इस्लामाबाद की आतंकवाद निरोधी अदालत में चल रहे मुकदमे में सातों आरोपियों का पक्ष अब जाहिद हुसैन तिरमिजी और रजा रिजवान अब्बासी रखेंगे। लखवी के अलावा अब्दुल वाजिद, मजहर इकबाल, हमद अमीन सादिक, शाहिद जमील रियाज, जमील अहमद और यूनुस अंजुम को जुलाई, 2009 में गिरफ्तार किया गया है। इन पर 26 नवंबर, 2008 को भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई पर हुए आतंकी हमले की साजिश रचने, हमले के लिए आर्थिक मदद देने और हमलावरों को निर्देश देने का आरोप है। इस हमले में 166 लोग मारे गए थे। मामले की अगली सुनवाई आतंकी हमले की पांचवीं बरसी के एक दिन बाद बुधवार को होगी।

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    आरोपियों के नए वकीलों में से एक अब्बासी ने रविवार को कहा, अब मामले में और देरी नहीं होगी। हमारी तरफ से कोई समस्या नहीं है। हमारे मुवक्किल पांच साल से हिरासत में हैं। हम चाहते हैं कि मामला जल्द खत्म हो जाए। शनिवार को पुराने वकील ख्वाजा हरीस और रियाज अकरम चीमा ने मामले से हटने की घोषणा कर दी थी। ख्वाजा से पहले यह मामला उनके पिता सुल्तान अहमद देख रहे थे।

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    भारत ने कई बार मामले की सुस्त प्रक्रिया पर नाराजगी जाहिर की है। पाकिस्तान में भारतीय उच्चायुक्त टीसीए राघवन ने भी हाल में कहा था कि इस मामले में कोई कार्रवाई न होने से भारत निराश है। भारतीय लोगों की भावनाओं के मद्देनजर पाकिस्तान को इस केस को जल्द खत्म करना चाहिए। पांच साल में छह बार इस मामले में जज बदले जा चुके हैं।

    मुकदमे की सुनवाई की जा रही तेज

    भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त सलमान बशीर ने मुंबई हमला मामले की सुस्त सुनवाई पर हो रही आलोचनाओं को खारिज करते हुए कहा कि उनकी सरकार पीड़ितों को जल्द से जल्द न्याय दिलाने की कोशिश कर रही है। बशीर ने कहा, अभियोजन पक्ष पूरी कोशिशें कर रहा है। सीमा के दोनों ओर न्यायिक प्रक्रिया एक जैसी है। हमें इस मामले को अंजाम तक पहुंचाने के लिए भारत का भी समर्थन चाहिए।

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