आतंकी हमले के बाद सैलानियों को तरसा इस्तांबुल, बना 'Ghost Town'
इस्तांबुल आतंकी हमले के बाद यहां मौजूद सैलानी इस जगह को छोड़ चुके हैं। हाल यह है कि होटल और रेस्तरां खाली पड़े हैं। अब यह शहर किसी Ghost town से कम नहीं लग रहा है।
इस्तांबुल (एएफपी)। कभी विदेशी सैलानियों से गुलजार रहने वाला तुर्की का इस्तांबुल अब वीरान लगने लगा है। यहां पर पिछले सप्ताह हुए आतंकी हमले के बाद सैलानी शहर और देश छोड़कर जा चुके हैं। आलम यह है कि जहां पहले सैलानियों की भीड़ हुआ करती थी वहां पर सन्नाटा पसरा हुआ है। जिन होटलों में सैलानियों को रुकने के लिए काफी समय पहले से कमरा बुक करााना पड़ता था वहां अब आलम यह है कि किराए कम होने के बाद भी कमरे खाली पड़े हैं।
वहीं जो सैलानी अभी यहां पर बचे हैं वह आसानी से होटल के कमरे के किराए को कम करवा ले रहे हैं। कुल मिलाकर पिछले सप्ताह हुए आतंकी हमले ने यहां की दुर्दशा कर दी है। आलम यह है कि यहां के लोग ही इसको अब किसी 'घोस्ट टाउन' या 'भूतिया शहर' की तरह मानने लगे हैं, जहां लोग कम दिखाई देते हैं और इमारतें ज्यादा हैं।
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तुर्की के इस सबसे बड़े शहर में सैलानी यहां की खूबसूरत मस्जिदें और खूबसूरत इमारतों को देखने खींचे चले आते थे। लेकिन इस्तांबुल एयरपोर्ट पर हुए आतंकी हमले के एक सप्ताह बाद यहां सब कुछ बदल गया है। इसका सबसे बड़ा नुकसान यहां के दुकानदारों को उठाना पड़ रहा है, जिनका कारोबार अधिकतर सैलानियों के दम पर ही चलता था।
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यहां रहने वाले ओरहन सोनमेज पेशे से टूूरिस्ट गाइड हैं। वह बताते हैं कि पहले कभी मस्जिद और फिर चर्च बनने के बाद हागिया सोफिया को अब एक म्यूजियम में तबदील कर दिया गया है। यहां पर सैलानियों का हुजूम कभी दिखाई देता था लेकिन अब ऐसा कुछ नहीं है।
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सोमनमेज बताते हैं कि उन्होंने अपने पूरे जीवन में इस तरह का हमला अपने देश में नहीं देखा जिसने यहां पर सब कुछ बदलकर रख दिया। वह इसको एक डिजास्टर बताते हैं। यहां के सुल्तानमेट टूरिस्ट डिस्ट्रिक में कई रेस्तरां और फाइव स्टार होटल हैं जो अब ज्यादातर खाली हो चुके हैं। वह बताते हैं कि कभी हागिया सोफिया के बाहर उसको देखने वालों की लंबी कतार लगी होती थी।
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सैलानियों को यहां पर आने के लिए काफी भीड़ वाली सड़कों से गुजरकर यहां तक पहुंचना होता था। उसके बाद भी यहां पर लंबा इंतजार करना पड़ता था। लेकिन अब यहां पर आसानी से बिना किसी रुकावट के पहुंचा जा सकता है। अब यह किसी भूतिया जगह से कम नहीं रह गया है। उनके मुताबिक यहां पर रहने वाले कई लोग भी बेराम चले गए हैं। इसके अलावा आतंंकी हमले के बाद पूरे देश में नौ दिनों की छुट्टी घोषित हो चुकी है।
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गौरतलब है कि पिछले सप्ताह इस्तांबुल के अतातुर्क एयरपोर्ट पर हुए आतंकी हमले में 45 लोगों की मौत हो गई थी। इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ने ली थी। इस हमले के बाद यहां की ट्यूरिस्ट इंडस्ट्री को बड़ा झटका लगा हैै। इससे पहले जनवरी में सुल्तानमेट में हुए आतंकी हमले में करीब 12 जर्मन नागरिकों की मौत हो गई थी।
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