फ्रांस के रेफेल और मिराज विमानों के हमले में ISIS का कमांड सेंटर और ट्रेनिंग कैंप ध्वस्त
फ्रांस ने लगातार दूसरे दिन मंगलवार को सीरिया के शहर रक्का में मौजूद आईएसआईएस के कई ठिकानों को निशाना हमले किए। इन हमलों में फ्रांस के लड़ाकू विमानों ने आईएसआईएस के कमांड सेंटर और आतकियों के लिए स्थापित ट्रेनिंग सेंटर को निशाना बनाया। रक्षा मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के
पेरिस। फ्रांस ने लगातार दूसरे दिन मंगलवार को सीरिया के शहर रक्का में मौजूद आईएसआईएस के कई ठिकानों को निशाना हमले किए। इन हमलों में फ्रांस के लड़ाकू विमानों ने आईएसआईएस के कमांड सेंटर और आतकियों के लिए स्थापित ट्रेनिंग सेंटर को निशाना बनाया। रक्षा मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक फ्रांस के करीब दस रेफेल और मिराज 2000 विमानों ने आईएस शिविरों के ऊपर करीब 16 बम गिराए। सभी बम ठीक निशाने पर लगे।
इस बीच फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने एक बार फिर से आतंकवाद से लड़ने की प्रतिबद्धता दोहाराई है।उन्होंने कहा है कि आईएसआईएस को माफ नहीं किया जाएगा। पेरिस पर किए हमलों का अंजाम उसको भुगतना ही होगा। उन्होंने संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि पेरिस पर हुए आतंकी हमलों के बाद फ्रांस आईएसआईएस के खात्मे के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने इसमें अमेरिका से साथ देने की अपील भी की है। ओलांद ने कहा कि देश में आतंकी हमलों के बाद फ्रांस ने आईएसआईएस पर हमले तेज कर दिए हैं।
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संसद को संबोधन के दौरान उन्होंने आतंकवाद के खात्मे की कसम खाई और आतंकियों से बदला लेने की बात कही। उन्होंने कहा कि वह अमेरिका और रूस के राष्ट्रपति से आने वाले कुछ दिनों के भीतर मुलाकात कर इसके लिए समर्थन मांगेगे। उन्होंने साफ कर दिया है कि वह राष्ट्र के अधिकतर संसाधन आईएसआईएस के खात्मे के लिए इस्तेमाल करेंगे।
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उन्होंने कहा कि हम उस आतंकवाद के खिलाफ लड़ रहे हैं जो पूरी दुनिया में सर उठा रहा है और लोगों की नृशंस हत्याएं कर समाज और दुनिया में खौफ पैदा कर रहा है। संसद को संबोधित करते हुए आतंकवाद से लड़ने के लिए कई ठोस कदमों को उठाने के साथ-साथ इसके लिए कुछ घोषणाएं भी की। उन्होंने इससे लड़ने के लिए फंड में बढ़ोतरी करने और आतंक विरोधी कानून के विस्तार की भी घोषणाएं की।
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सोमवार को फ्रांस की अमेरिका से अपील के बाद वहां के विदेश मंत्री जॉन कैरी पेरिस पहुंचे और हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने आतंकवाद से लड़ाई में फ्रांस का समर्थन देने की भी बात कही है। इसके अलावा उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि वह आईएसआईएस के खिलाफ सीरिया में थल सेना काे नहीं उतारेगी।
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