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वशीकरण विद्या से बेटी को बर्बाद किया बापू ने

दुष्कर्म पीड़ित छात्रा के पिता ने कहा कि आसाराम बापू ने वशीकरण विद्या से पूरे परिवार को वश में कर बर्बाद कर दिया। जो 'बेटी' बापू को ईश्वर मानती थी, उसके साथ राक्षस जैसा सलूक करके उसे कहीं का न छोड़ा। जब पूरा देश आजादी का जश्न मना रहा था तो बापू उसकी इज्जत से खेल रहे थे। वहीं, आसाराम ने कहा है कि छात्रा मेरी बेटी के समान है।

By Edited By: Published: Sun, 25 Aug 2013 08:25 PM (IST)Updated: Mon, 26 Aug 2013 05:32 AM (IST)
वशीकरण विद्या से बेटी को बर्बाद किया बापू ने

जागरण संवाददाता, शाहजहांपुर। दुष्कर्म पीड़ित छात्रा के पिता ने कहा कि आसाराम बापू ने वशीकरण विद्या से पूरे परिवार को वश में कर बर्बाद कर दिया। जो 'बेटी' बापू को ईश्वर मानती थी, उसके साथ राक्षस जैसा सलूक करके उसे कहीं का न छोड़ा। जब पूरा देश आजादी का जश्न मना रहा था तो बापू उसकी इज्जत से खेल रहे थे। वहीं, आसाराम ने कहा है कि छात्रा मेरी बेटी के समान है।

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लेकिन मैं अपनी बेटी की बहादुरी को नमन करता हूं कि उसने अपने करियर और जान को दांव पर लगा कर बापू के कुकृत्यों का पर्दाफाश कर दिया। इससे अब और लड़कियों की जिंदगी बर्बाद नहीं होगी।

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बापू पर दुष्कर्म का मुकदमा

मैं हंसते हुए जेल जाने को तैयार, जेल बैंकुठ के समान: आसाराम

छिंदबाड़ा में बेटे को आसाराम बापू के आश्रम से पुलिस के साथ लाने गए पीड़ित छात्रा के पिता ने जागरण से फोन पर बातचीत में बताया कि वह संत आसाराम बापू को भगवान मान उनकी भक्ति में पागल थे। शाहजहांपुर में आश्रम के लिए जमीन खरीदवाई। लाखों रुपये बापू की सेवा में खर्च कर दिए। पत्नी, बेटे, बेटी भी बापू को भगवान मानते थे। 'अंधी आस्था' में उन्हें संत के अंदर बैठा 'राक्षस' नहीं दिखाई दिया। उन्होने बताया कि बेटी के साथ दुष्कर्म की घटना की जानकारी पर उन्हें विश्वास ही नहीं हुआ। लेकिन जब उन्होंने बेटी को भरोसे में लेकर पूछा तो लाड़ली के आंखों से आंसुओं की धार फूट पड़ी। बोली पापा, बापू बहुरूपिया है, राक्षस है। साक्षात्कार व दिव्यदर्शन सब ढकोसला है। बताया कि 15 अगस्त की रात बापू उसके कमरे में आए। दरवाजा बंद करके डेढ़ घंटे तक शोषण किया। यह कहते हुए पीड़िता के पिता रोने लगे।

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मैं भी भिड़ जाता था मीडिया से

पीड़िता के पिता ने बताया कि चैनलों और अखबारों में बापू के खिलाफ खबरें देख उन्हें भी बापू के खिलाफ दुष्प्रचार, षड्यंत्र नजर आता था। कई बार वह मीडिया से भिड़ गए, गाली-गलौच तक कर डाला। लेकिन खुद की बेटी के साथ दुष्कर्म होने पर बापू की असलियत का पता चला। बापू के कुकृत्यों को सामने लाने पर जो साधक आज मुझे गलत समझ रहे हैं, असलियत सिद्ध होने पर वे साथी साधक भी उनकी तरह आसाराम से घृणा करने लगेंगे।

तब सुरेशानंद क्यों नहीं आए शाहजहांपुर!

पीड़िता के पिता ने कहा कि उन्होंने सुरेशानंद से सत्संग के लिए कई बार आग्रह किया, तब उन्होंने समय नहीं दिया। सत्संग के लिए मोटी रकम की भी मांग की। लेकिन बेटी के साथ दुष्कर्म की घटना के बाद अचानक शाहजहांपुर आकर उन्होंने 'जले में नमक' की तरह काम किया है। उन्होंने कहा कि शाहजहांपुर के लोग बेटी के साथ हुए दु‌र्व्यवहार को बर्दाश्त नहीं करेंगे। ईश्वर और न्यायालय पर पूरा भरोसा है, दुष्कर्मियों को सजा जरूर मिलेगी।

बापू ही नहीं 'बेटी' भी गंगा जल की तरह पवित्र

शाहजहांपुर। बापू ही नहीं 'बेटी' भी गंगा जल की तरह पवित्र है। कथित पीड़िता के पिता समर्पित कार्यकर्ता व आस्थावान सत्संगी हैं। देर-सबेर उन्हें भी गलती का अहसास होगा और वे वापस आएंगे। जिन लोगों ने षड्यंत्र किया है, समय आने पर उन्हें भी सबक मिल जाएगा।

यह कहना है संत आसाराम बापू के दत्तक पुत्र व कृपापात्र शिष्य स्वामी सुरेशानंद जी का। वह शनिवार से यहां डेरा जमाए हुए हैं। रुद्रपुर आश्रम में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि बापू पर लगा दुराचार का आरोप निराधार व कल्पना पर आधारित है। कहा कि साधक की पुत्री बापू के लिए पौत्री समान है। समाज का कोई भी मनुष्य अपनी पौत्री पर गलत दृष्टि नहीं डाल सकता। बापू तो साधक समाज के गुरू हैं, वह ऐसा घृणित कार्य नहीं कर सकते। उन्होंने खुद का उदाहरण दिया, कहा कि वह पिछले तीस सालों से बापू और आश्रम की सेवा कर रहे हैं। उनकी तीन बहनें भी बापू की सेवा में रहीं, अब उनकी शादी हो चुकी है। आज तक बापू को गंगाजल की तरह पवित्र परमात्मा की तरह निष्कलंक पाया। बापू ही नहीं दुराचार का आरोप लगाने वाली लड़की भी गंगा जल की पवित्र है। उन्होंने कहा कि जिस तरह अयोध्या में साक्षात भगवान के होते हुए भी मंथरा ने कैकेई की बुद्धि को फेर कर राम को वनवास करा दिया, उसी तरह मंथरा रूपी षड्यंत्रकारियों ने साधक परिवार की बुद्धि फेर दी। उन्होंने कहा कि जोधपुर में कराए गए मेडिकल में दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई। सुरेशानंद ने कहा कि आज तक बापू पर लगा कोई भी आरोप सिद्ध नहीं हो सका। देर-सबेर इस मामले में बापू निर्दोष साबित होंगे। उन्होंने आरोप लगाने वाले साधक की सुख समृद्धि की कामना की।

छात्रा मेरी बेटी के समान : आसाराम

नई दुनिया, इंदौर। दुष्कर्म के आरोपों से घिरे संत आसाराम ने खुद को बेकसूर बताया है। उनका कहना है कि 'छात्रा आज भी शीलवान है। उसने मुझसे दीक्षा ली और उसके माता-पिता मेरे शिष्य हैं, इसलिए वह मेरी बेटी, पोती और नातिन के समान है।'

रविवार को इंदौर आए आसाराम पत्रकारों से रूबरू हुए। कहा- 'मुझ पर जुलाई-अगस्त में ही आरोप क्यों लगते हैं? जवाब है बरसात में मेंढक बहुत पैदा हो जाते हैं। आरोप लगाने वाले बरसाती मेंढक हैं।' उन्होंने कहा कि 'मैं अग्रिम जमानत करवाने इंदौर नहीं आया हूं। अगर मैं भौतिकता में डूबा होता तो इतने आरोपों के बाद मुझे दिल का दौरा पड़ जाता। ब्लडप्रेशर बढ़ जाता, तमाम बीमारियां घेर लेतीं लेकिन अभी चंगा हूं। 74 की उम्र में भी टनाटन हूं। आध्यात्मिक जगत में हिंदू साधु चमकते हैं और भौतिक जगत हिंदू साधुओं को बदनाम कर रहा है।' आसाराम ने कहा कि मेरे जैसे व्यक्ति पर जब बेवजह आरोप लग सकते हैं तो आम व्यक्ति का क्या हाल होता होगा। समाज में कितने झूठे आरोप लगाए जाते होंगे। जेल में बंद सभी दोषी नहीं है। उनका पता लेकर मिलूंगा और उन्हें छुड़ाने के लिए समिति का गठन करूंगा।

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