उत्तराखंड में भाजपा की हार पर शिवसेना ने सामना में लिखा, नाक काटी!
उत्तराखंड में शक्ति परीक्षण में मिली भाजपा की हार के बाद शिवसेना ने उस पर हमला बोला है। शिवसेना ने सामना में लिखा है नाक काटी।
नई दिल्ली। उत्तराखंड से राष्ट्रपति शासन हटनेे और एक बार फिर हरीश रावत के सीएम पद संभालने के बाद भाजपा की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने उसी पर हमला बोला है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में लिखा कि उत्तराखंड में जिन्होंने राष्ट्रपति शासन लगाकर शक्ति दिखाना चाहा वो कुद चित हो गए।
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उधर सामना के संपादक और शिवसेना नेता ने कहा कि उत्तराखंड मामले में अगर किसी की किरकिरी हुई है तो वो केंद्र सरकार है। मुझे लगता है कि इस मामले में बहुत संयमता से फैसला होना चाहिए था। उन्होंने ये भी कहा कि केंद्र सरकार को अपने अंहकार का त्याग करना चाहिए।
शिवसेना ने सामना में लिखा
उत्तराखंड विधानसभा में फ्लोर टेस्ट में हार के बाद सामना ने अपने संपादकीय में अपनेे सहयोगी भाजपा पर निशाना साधते हुए 'नाक काटी' शीर्षक से लिखा है कि
'उत्तराखंड को देवभूमि का दर्जा प्राप्त है। इसके राजनीतिक शक्ति परीक्षण में कौन जीता कौन हारा इसकी बजाए लोकतंत्र की जीत हुई ऐसा कहना पड़ेगा। उत्तराखंड पर जल्दबाजी में राष्ट्रपति शासन लादकर शक्ति दिखाने का जिन्होंने प्रयास किया वो खुद चित हो गए, लेकिन कांग्रेस को टॉनिक मिल गया इसका हमें दुख है' ।
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शिवसेना नेे लिखा है कि 9 विधायकों के बगावत का मामला कांग्रेस का अंदरूनी मामला था। लेकिन जिन लोगों ने लोकतंत्र और राजनीतिक साधन सुचिता के नाम पर गला फाड़ा वही लोग सत्ता में आने के बााद कांग्रेस की तरह बर्ताव करने लगे।
शिवसेना ने लिखा हैै कि देश को कांग्रेस मुक्त करने का यह तरीका नहीं है। देश में और भी समस्याएं हैं। छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के हमले में पुलिस के जवान मर रहे हैं और कश्मीर घाटी में स्थिति बेकाबू होती जा रही है। दिल्ली में केजरीवाल की सरकार भी ठीक से नहीं चल रही है।
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बता दें कि उत्तराखंड विधानसभा में 10 मई को सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में शक्ति परीक्षण हुआ, जिसे बंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट भेज दिया गया था। 11 मई को कोर्ट ने बताया कि शक्ति परीक्षण के दौरान कांग्रेस को 33 जबकि भजापा को सिर्फ 28 वोट ही मिले।
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