सियासत में कौन जीता-कौन हारा को भूलकर आगे बढ़ेंः हरीश रावत
निवर्तमान मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि अब आरोप-प्रत्यारोप लगाने का समय नहीं है। दो माह में राज्य विकास के नजरिये से पिछड़ गया। अब सभी को आपसी मतभेद भुलाकर राज्य के विकास में जुटना होगा।
देहरादून। निवर्तमान मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि अब आरोप-प्रत्यारोप लगाने का समय नहीं है। दो माह में राज्य विकास के नजरिये से पिछड़ गया। अब सभी को आपसी मतभेद भुलाकर राज्य के विकास में जुटना होगा।
उत्तराखंड से राष्ट्रपति शासन हटने की सूचना पर उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हाल में हुए सियासी घटनाक्रम के दौरान पूरे देश की जनता का विश्वास न्यायिक व संवैधानिक व्यवस्था पर बढ़ा है। इसके लिए वह हाई कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद देते हैं।साथ ही उन्होंने राष्ट्रपति शासन हटाने के फैसले पर केंद्र सरकार के साथ अटार्नी जनरल का भी धन्यवाद किया।
उन्होंने कहा कि बुरा वक्त को भूलकर राज्य के हित में अब नई शुरूआत करनी होगी। उम्मीद है कि केंद्र सरकार भी राज्य के हित में पूरा सहयोग करेगी। उन्होंने कहा कि वह हम छोटे राज्य हैं। हमें केंद्र से सहयोग की अपेक्षा है। इसके लिए वह शीघ्र ही प्रधानमंत्री व वित्त मंत्री से भी मुलाकात करेंगे।
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उन्होंने संकट की घड़ी में साथ देने वाले बसपा व पीडीएफ विधायकों के साथ ही बसपा सुप्रीमो मायावती को भी धन्यवाद दिया। साथ ही कहा कि इस लड़ाई में कौन हारा और कौन जीता। अब इस ऐपीसोड को भाजपा को भी भूलकर राज्य के विकास के लिए नए चेप्टर की शुरूआत करनी होगी। सियासी संकट के दौरान दो माह में जो नुकसान राज्य को हुआ उसकी भरपाई करने को पूरी मेहनत की जाएगी। उन्होंने कहा कि केदारनाथ आपदा की तरह इस राजनीतिक आपदा से भी हम उभर जाएंगे।
उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के मुद्दे समय-समय पर उठते रहे हैं। इसके खिलाफ अभियान चलाने के लिए सूचना आयोग और लोकपाल को मजबूत किया जाएगा। स्टिंग मामले में सीबीआइ के समक्ष पेश न होने के सवाल को उन्होंने कहा कि ये व्यवस्था है कि सीनियर सिटिजन को पूछताछ के लिए सीबीआइ अपने पास नहीं बुलाती है। वह उसके घर जाकर पूछताछ करती है। मैने भी सीबीआइ से यही अनुरोध किया है कि यहीं आकर पूछताछ कर ले। मैं पूरा सहयोग करुंगा।
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