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    पार्टी प्रमुख के पद से हटाए जाएं केजरीवाल: शांति भूषण

    By Kamal VermaEdited By:
    Updated: Thu, 22 Jan 2015 07:54 PM (IST)

    दिल्‍ली विधानसभा चुनाव से ठीक पहले आम आदमी पार्टी (आप) को तगड़ा झटका लगा है। पार्टी के संस्थापक सदस्यों में शामिल शांति भूषण ने पार्टी प्रमुख अरविंद ...और पढ़ें

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    नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक पहले आम आदमी पार्टी (आप) को तगड़ा झटका लगा है। पार्टी के संस्थापक सदस्यों में शामिल शांति भूषण ने पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल को ही हटाने की जरूरत बताई है। उनका कहना है कि भाजपा की मुख्यमंत्री उम्मीदवार किरण बेदी किसी भी मायने में केजरीवाल से कम नहीं हैं। उधर, उनके पुत्र और आप के नेता प्रशांत भूषण ने पिता के बयान से असहमति जताते हुए इसे उनकी निजी राय बताया है।

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    आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री शांति भूषण ने एक बार फिर केजरीवाल पर सवाल खड़े किए हैं। किरण बेदी को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने को उन्होंने भाजपा का मास्टर स्ट्रोक बताया। उन्होंने कहा कि वह बेदी और अरविंद केजरीवाल दोनों को अन्ना आंदोलन की वजह से बहुत अच्छी तरह जानते हैं। दोनों पर विश्वास है कि वे ईमानदार सरकार देंगे। बेदी को किसी भी मायने में केजरीवाल से कम नहीं माना जा सकता।

    पहले भी केजरीवाल पर मनमानी करने का आरोप लगा चुके शांति भूषण ने यहां तक कहा कि पार्टी के कुछ लोग आरोप लगा रहे हैं कि आप के टिकट बेचे गए हैं। उन्होंने कहा, 'इन आरोपों में कितनी सच्चाई है, यह तो मुझे नहीं पता। लेकिन पार्टी के अच्छी छवि वाले लोगों को छोड़ कर उन लोगों को टिकट दिए गए हैं, जो अभी-अभी पार्टी में शामिल हुए हैं।' इतना ही नहीं, उन्होंने केजरीवाल के नेतृत्व पर भी सवाल उठाया। कहा कि पार्टी की राष्ट्रीय परिषद को बैठक कर नेतृत्व के बारे में नए सिरे से विचार करना चाहिए।

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    केजरीवाल ने शांति भूषण के बयान के बारे में पूछे जाने पर इतना ही कहा कि लोकतंत्र में सभी को अपनी बात रखने की छूट है। मगर शांति भूषण के पुत्र और पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति के सदस्य प्रशांत भूषण ने पिता की बातों से असहमति जताई है। प्रशांत ने इसे उनकी निजी राय तो बताया ही, किरण बेदी के भाजपा में शामिल होने पर सवाल भी खड़े कर दिए। उन्होंने कहा, 'किरण बेदी ने यह कहते हुए आप में शामिल होने से मना कर दिया था कि वह चुनावी राजनीति में नहीं आना चाहतीं।

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    अब वह ऐसी पार्टी में चली गई हैं, जो ना सिर्फ सांप्रदायिक है, बल्कि फासीवादी है और पिछली सरकार की ओर से लाई गई जन कल्याणकारी योजनाओं को भी वापस लेने की तैयारी में है। उन्हें बताना चाहिए कि ऐसा उन्होंने क्यों किया।' केंद्रीय विज्ञान और तकनीकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने शांति भूषण की यह कहते हुए तारीफ की है कि उन्होंने सच्चाई कही है। जबकि भाजपा प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने कहा कि आप ने बुजुर्ग अन्ना हजारे की ही तरह शांति भूषण को भी उपेक्षित कर दिया है।

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