भाजपा को गठबंधन तोड़ने के लिए मजबूर कर रहे महबूबा-मुफ्ती
जम्मू कश्मीर में बनी पीडीपी-भाजपा की सरकार पर सवाल उठाते हुए राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि पीडीपी नेता मुफ्ती मोहम्मद सईद और उनकी बेटी महबूबा मुफ्ती इस गठबंधन को अधिक दूरी तक नहीं ले जा सकेंगे। मुफ्ती द्वारा राज्य के सीएम पद की शपथ लिए
नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर में बनी पीडीपी-भाजपा की सरकार पर सवाल उठाते हुए राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि पीडीपी नेता मुफ्ती मोहम्मद सईद और उनकी बेटी महबूबा मुफ्ती इस गठबंधन को अधिक दूरी तक नहीं ले जा सकेंगे। मुफ्ती द्वारा राज्य के सीएम पद की शपथ लिए जाने के तुरंत बाद पाकिस्तान के समर्थन में दिए विवादित बयान के बाद उमर ने सो शल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर लिखा है कि क्या मुफ्ती ने फैसला कर लिया है कि मोदी-मुफ्ती समझौता एक गलती थी। पिता-पुत्री भाजपा को मजबूर कर रहे हैं कि पार्टी गठबंधन तोड़ दे।
उमर ने लिखा है कि गुरू के शव को लेकर अगर पीडीपी गंभीर होती तो वह इसे मुद्दे को न्यूनतम साझा कार्यक्रम में शामिल करती। वहीं, पीडीपी विधायकों के अफजल गुरू के शव का मुद्दा उठाने को विधान परिषद चुनाव में इंजीनियर रशीद के वोट को खरीदने की कोशिश करार देते हुए उन्होंने कहा लिखित बयान देने के बाद भी पीडीपी सीट हार गई। गुरू के शव को लेकर नेकां की सोच पर उमर ने लिखा है कि उनकी राय प्रधानमंत्री कार्यालय में दर्ज है।
उमर ने मुफ्ती के सीएम बनने पर दी बधाई, भाजपा पर साधा निशाना
दरअसल सीएम पद की शपथ लेने के बाद मुफ्ती मोहम्मद सईद ने कहा था कि राज्य में शांतिपूर्ण मतदान करवाने में पाकिस्तान, आंतकिेंयों और अलगाववादियों ने काफी मदद की है। उनके इस बयान की गर्मी जम्मू कश्मीर से लेकर दिल्ली तक महसूस की जा रही है। भाजपा ने उनके इस बयान से किनारा करते हुए कहा है कि राज्य का चुनाव उन लोगों की वजह से शांतिपूर्ण रहा जो भारतीय संविधान में विश्वास रखते हैं। पार्टी का कहना है कि इसमें एक अहम रोल चुनाव आयोग का भी रहा है।
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वहीं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पीडीपी नेता और राज्य के सीएम की इस बयान पर कड़ी आलोचना की है। उनका कहना है कि राज्य के लोगों की बदौलत चुनाव शांतिपूर्ण संभव हुआ है। इसमें पाकिस्तान का कहीं कोई रोल नहीं है। इस बयान पर आज लोकसभा में भी काफी हंगामा हुआ। कांग्रेस ने मुफ्ती मोहम्मद सईद की इस मुद्दे पर कड़ी अालोचना की और पीएम नरेंद्र मोदी से इस विवादित बयान की आलोचना करने की मांग की।
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