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    17 साल पुराने जदयू-भाजपा गठजोड़ में अलगाव तय

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    Updated: Fri, 14 Jun 2013 11:05 PM (IST)

    पटना [जागरण ब्यूरो]। भाजपा से रिश्ते को लेकर शनिवार को होने जा रही जदयू नेताओं की बैठक के पहले ही पटना में सियासी तलाक का माहौल बन गया है। इंतजार बस इस बात का है कि इसकी घोषणा किस तरह और कौन करता है-जदयू या भाजपा? चूंकि भाजपा को गठबंधन तोड़ने की जल्दी नहीं और वह इस तोहमत से भी बचना चाहती है कि रिश्ते उसने खत्म किए इसलिए जदयू की ओर से ही ऐसी घोषणा किए जाने के आसार बढ़ गए हैं।

    पटना [जागरण ब्यूरो]। भाजपा से रिश्ते को लेकर शनिवार को होने जा रही जदयू नेताओं की बैठक के पहले ही पटना में सियासी तलाक का माहौल बन गया है। इंतजार बस इस बात का है कि इसकी घोषणा किस तरह और कौन करता है-जदयू या भाजपा? चूंकि भाजपा को गठबंधन तोड़ने की जल्दी नहीं और वह इस तोहमत से भी बचना चाहती है कि रिश्ते उसने खत्म किए इसलिए जदयू की ओर से ही ऐसी घोषणा किए जाने के आसार बढ़ गए हैं।

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    पढ़ें: भाजपा विधायकों को प्रलोभन दे रहा जदयू

    जदयू-भाजपा गठबंधन में अब कुछ शेष नहीं रहा, इसके संकेत दो दिन की सेवा यात्रा पूरी करके कटिहार से पटना लौटे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दवा-दुआ वाला शेर पढ़कर दिए। उन्होंने प्रसन्नचित्त मुद्रा में यह भी कहा कि कुछ लोग इतना पुराना गठबंधन चलाने की सलाह तो दे रहे हैं, लेकिन परिस्थितियां बड़ी कठिन हैं।

    ..औपचारिकता दिखा रही भाजपा

    भाजपा खेमे की गतिविधियां भी यह बता रही हैं कि 17 साल पुराना यह गठजोड़ खत्म होने के कगार पर है।

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    राजनीतिक सरगर्मी के इस माहौल में भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रसन्न मुद्रा में थे। मीडिया से मुखातिब होते हुए उन्होंने कहा-'सेवा यात्रा तो समाप्त हो गई। कहिए क्या हुक्म है?' संवाददाताओं ने सवालों की झड़ी लगा दी। कमोबेश सभी सवाल गठबंधन और इसके टूटने की समयसीमा से जुड़े थे। एक सवाल था-'क्या 15 जून को गठबंधन टूट जाएगा?' मुख्यमंत्री-'आप तो फाइनल स्टेटमेंट जैसी बात कह रहे हैं। .. मगर जो हालात हैं, बड़े कठिन है। ढेर सारी बातें हो रहीं हैं, हमारे पास आ रही हैं। हम सब पर गौर किए हुए हैं। सबको गंभीरता से ले रहे हैं। बहुत जल्द सब कुछ आप लोगों के सामने होगा। मैंने पहले भी कहा है अपने विधायकों-नेताओं से बात करने के बाद कुछ तय करूंगा।'

    भाजपा की तरफ से हो रहे मान- मनौव्वल के सवाल पर उन्होंने कहा कि कुछ लोग गठबंधन को चलाने की सलाह भी दे रहे हैं। लेकिन परिस्थितियां बड़ी कठिन हैं। इसी दौरान उन्होंने दवा और दुआ वाला शेर पढ़ा। इसमें काफी कुछ साफ हो गया। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनाव प्रचार अभियान समिति का चेयरमैन बनने के बाद मचे सियासी घमासान के बीच यह पहला मौका था, जब नीतीश ने इस तरह की बात बड़े इत्मीनान से कही।

    जदयू सूत्रों के मुताबिक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव शनिवार को यहां आएंगे। वह भाजपा से रिश्ता तय करने के लिए शनिवार और रविवार को होने वाली बैठक में भाग लेंगे। इस बीच भाजपा से अलगाव की स्थिति में विधानसभा में 122 अंकों का जादुई आंकड़ा पाने के लिए जदयू नेताओं द्वारा निर्दलीय विधायकों से संपर्क किए जाने की खबर है।

    243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में सत्ता का नेतृत्व कर रहे जदयू के 118, भाजपा के 91, मुख्य विपक्षी दल राजद के 22 और कांग्रेस के चार सदस्य हैं। सदन में निर्दलीय विधायकों की संख्या छह है।

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