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धर्म और जाति को सत्‍ता पाने का हथियार न बनाया जाए: प्रणब मुखर्जी

राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आतंकवाद को पूरी दुनिया के लिए सबसे बड़ा खतरा बताते हुए पूरे विश्‍व से इसके खिलाफ एकजुट होकर लड़ने की अपील की है। जोर्डन के एक अखबार को दिए एक इंटरव्‍यू में राष्‍ट्रपति ने कहा है कि राजनीति के लिए जातीय या धार्मिक भावनाएं भड़काना कभी

By Kamal VermaEdited By: Published: Fri, 09 Oct 2015 08:18 AM (IST)Updated: Fri, 09 Oct 2015 08:59 AM (IST)
धर्म और जाति को सत्‍ता पाने का हथियार न बनाया जाए: प्रणब मुखर्जी

नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आतंकवाद को पूरी दुनिया के लिए सबसे बड़ा खतरा बताते हुए पूरे विश्व से इसके खिलाफ एकजुट होकर लड़ने की अपील की है। जोर्डन के एक अखबार को दिए एक इंटरव्यू में राष्ट्रपति ने कहा है कि राजनीति के लिए जातीय या धार्मिक भावनाएं भड़काना कभी स्वाकार्य नहीं हो सकता है। इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि आतंकवाद से आज कोई एक या दो देश नहीं बल्कि पूरा विश्व प्रभावित हो रहा है और यह मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा बनता जा रहा है। आतंकवाद पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में आतंकी वारदातें बढ़ी हैं। इससे दक्षिण एशिया भी अछूता नहीं रहा है। राष्ट्रपति के इस इंटरव्यू को आज प्रकाशित किया गया है। गौरतलब है कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी 10 अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक जोर्डन, फिलीस्तीन और इजराइल के दौरे पर रहेंगे।

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इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि सीरिया और इराक समेत पूरे विश्व में आतंकियों की सप्लाई बेहद चिंता का विषय है। भारत पिछले करीब चार दशकों से आतंकवाद की मार को झेलता आया है। इंटरव्यू में उन्होंने सीमा पार से हो रही आतंकवादी गतिविधियों का भ्ाी मुद्दा उठाया। उनका कहना था कि जॉर्डन और भारत इस संबंध में काफी कुछ समान दृष्टि से सोचते हैं। हमारी सीरिया और मध्य एशिया पर समान सोच है। इस इंटरव्यू में उन्होंने उन लोगों की तीखी आलोचना की जाे सत्ता पाने के लिए धर्म और जातीय भावनाएं भड़काने से भी परहेज नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि इसको कहीं से भी उचित नहीं कहा जा सकता है।

दक्षिण-मध्य एशियाई देश मिलकर चुनौतियों से लड़ें : प्रणब

राष्ट्रपति ने जॉर्डन और भारत सुरक्षा और आतंक के खिलाफ लड़ाई के मुद्दे पर दोनों देशों से साथ आने की अपील भी की है। उन्होंने कहा कि इन मुद्दों पर जॉर्डन को भारत का सहयोग करना चाहिए। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की होने वाली तीन देशों की यात्रा के दौरान जॉर्डन से कई समझौतों पर हस्ताक्षर पर भी किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि भारत चाहता है कि जॉर्डन से होने वाले व्यापार को दो बिलियन डॉलर से बढ़ाकर पांच बिलियन डॉलर किया जाए।

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