राष्ट्रपति ने 91 वर्षीय लालाबेन को आइकॉनिक मदर अवार्ड से नवाजा
अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के मौके पर गुरुवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 91 वर्षीय लीलाबेन छविदास गुर्जर को सीनियर सिटीजन अवार्ड फॉर आइकॉनिक (अतुलनीय) मदर 2015 से नवाजा। गुजरात की इस बुजुर्ग मां ने विपरीत परिस्थितियों से संघर्ष करते हुए अपने छह बच्चों को पढ़ा-लिखा कर काबिल बनाया। लीलाबेन के

नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के मौके पर गुरुवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 91 वर्षीय लीलाबेन छविदास गुर्जर को सीनियर सिटीजन अवार्ड फॉर आइकॉनिक (अतुलनीय) मदर 2015 से नवाजा। गुजरात की इस बुजुर्ग मां ने विपरीत परिस्थितियों से संघर्ष करते हुए अपने छह बच्चों को पढ़ा-लिखा कर काबिल बनाया। लीलाबेन के अलावा राष्ट्रपति ने हरियाणा के 104 वर्षीय उदय सिंह मन्न समेत दस बुजुर्गो को भी वरिष्ठ नागरिकों के कल्याणार्थ उल्लेखनीय योगदान देने के लिए नेशनल अवार्ड्स फॉर सिनीयर सिटीजंस 2015 से सम्मानित किया।
मां तुझे सलाम
अहमदाबाद की वीरमगाम निवासी लीलाबेन ने सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता मंत्रालय द्वारा स्थापित पुरस्कार ग्रहण करने के बाद कहा, 'मैं यह सम्मान मिलने से बेहद खुश हूं।' दो बेटियों समेत छह बच्चों के पालन-पोषण और पढ़ाई के लिए दरअसल लीलाबेन को न केवल घोर आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा बल्कि छुआछूत जैसी सामाजिक कुरीतियों का भी सामना करना पड़ा।
अपने कामकाजी दिनों में पेशे से सफाईकर्मी इस बुजुर्ग महिला का गुजारा जब अपनी कम तनख्वाह से नहीं चल पाता था तो लीलाबेन ड्यूटी के बाद सिर पर मैला ढोकर परिवार के लिए दो जून की रोटी जुटाती थीं। छुआछूत की प्रथा के कारण उन दिनों उनके बच्चों को स्कूल में अन्य बच्चों के साथ बैठने नहीं दिया जाता था, इसके बावजूद वह हिम्मत नहीं हारीं और लगातार बच्चों को पढ़ाई के लिए प्रेरित करती रहीं।
यह लीलाबेन के अनवरत प्रयास का ही नतीजा है कि आज उनके सभी बच्चे उच्च शिक्षा ग्रहण कर काबिल इंसान बनने में कामयाब हुए हैं।
बेमिसाल जज्बा
नेशनल अवार्ड्स फॉर सेंटेनेरियन (शतायु) सिनीयर सिटीजंस सम्मान से नवाजे गए झज्जर के गांव लोवा कलां निवासी 104 वर्षीय उदय सिंह के संघर्ष का जज्बा भी गजब का है। खुद बुजुर्ग होते हुए उन्होंने वरिष्ठ नागरिकों के कल्याणार्थ उल्लेखनीय योगदान किया है और अभी भी समाज सेवा के कार्यो में दिलचस्पी लेते हैं।
पुरस्कार ग्रहण समारोह में उन्हें व्हील चेयर से लाया गया। इनके साथ महाराष्ट्र के यशवंत नारायण कदम, मध्य प्रदेश के देवास निवासी मनोहर विश्वनाथ भाले, जम्मू के जितेंद्र उधमपुरी, त्रिपुरा के रबींद्र नाथ दास शास्त्री और पटियाला (पंजाब) के बहादुर सिंह को भी उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए नेशनल सीनियर सिटीजंस अवार्ड से नवाजा गया।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।