चिदंबरम ने पीटा चुनावी ढोल
लोकसभा चुनाव से पहले आए आखिरी बजट में वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने संप्रग सरकार का ढोल जमकर पीटा। लोकलुभावन पुरानी योजनाओं का बखान और चुनाव में वोट दिलाने वाली घोषणाओं को सान चढ़ाने में चिदंबरम ने पूरी ताकत लगा दी।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। लोकसभा चुनाव से पहले आए आखिरी बजट में वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने संप्रग सरकार का ढोल जमकर पीटा। लोकलुभावन पुरानी योजनाओं का बखान और चुनाव में वोट दिलाने वाली घोषणाओं को सान चढ़ाने में चिदंबरम ने पूरी ताकत लगा दी। चुनावी बजट में महंगाई से परेशान मध्य वर्ग को लुभाने से लेकर कार मोबाइल सस्ते करने का तोहफा दिया। साथ ही सैनिकों, किसानों, महिला, अल्पसंख्यक, दलितों, पिछड़ों सबके लिए सपनों का ताना-बाना बुना। सरकारी खर्च में कटौती से खजाने को दुरुस्त रखने पर अपनी पीठ थपथपाई। नरेंद्र मोदी समेत विपक्ष की ओर से उठाए जा रहे आम आदमी से जुडे़ हर मुद्दे की धार भोथरी करने की कोशिश की। सरकार की भावी योजनाओं का खाका पेश करके जनता से सुरक्षित 'हाथों' में सत्ता सौंपने की अपील करने का मौका भी उन्होंने नहीं गंवाया।
उपलब्धियों का श्रेय लेने की चिदंबरम की इन कोशिशों पर तेलंगाना मुद्दा भारी रहा। पूरे समय अपने ही मंत्रियों व सांसदों के हंगामे के बीच वित्त मंत्री को बजट भाषण पढ़ना पड़ा। अप्रैल-मई में आम चुनाव होने हैं। लिहाजा वित्त मंत्री ने अंतरिम बजट के जरिये चार महीने के खर्च की खातिर लेखानुदान पेश किया। इसके बावजूद वित्त मंत्री ने संप्रग सरकार के समूचे वोट बैंक के साथ साथ उद्योग जगत की चिंताओं को भी अपने भाषण में जगह दी। सेना में 'वन रैंक, वन पेंशन' का एलान करके भूतपूर्व सैनिकों को साधने की कोशिश की। साथ ही बढि़या मानसून के सहारे बंपर पैदावार का सेहरा अपनी सरकार के सिर बांधा तो खेती किसानी को बढ़ावा देने के लिए सेवा कर में राहत के तौर पर एलान भी किए।
वित्त मंत्री ने आयकर में कोई बदलाव नहीं किया। लेकिन चुनाव में अर्थव्यवस्था की धीमी रफ्तार के साथ जाने की चुनौती को देखते हुए वित्त मंत्री ने मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए उत्पाद शुल्क की दरों में सीमित फेरबदल करने की भी घोषणा की। ऑटो कंपनियों की मंदी दूर करने के लिए छोटी कारों, स्कूटर, बाइक और मोबाइल हैंडसेट के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए उत्पाद शुल्क में कमी की गई है। उत्पाद शुल्क में कमी की वजह से फ्रिज और एयरकंडीशनर भी सस्ते हो जाएंगे। इसके अलावा कई मदों में सीमा शुल्क में भी राहत दी है। इनमें साबुन बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले रसायनों का आयात भी शामिल है। कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए धान के साथ-साथ चावल के भंडारण, पैकिंग व ढुलाई को भी सेवा कर के दायरे से बाहर कर दिया गया है। प्रत्यक्ष करों में कोई बदलाव नहीं होने से स्पष्ट है कि एक करोड़ से अधिक की आय वाले 'अमीरों' पर दस और कंपनियों पर पांच फीसद सरचार्ज अभी बना रहेगा।
चुनावी चिंता के मद्देनजर उन्होंने बैंक खातों के जरिये सब्सिडी के नकद भुगतान की स्कीम (डीबीटी) का जिक्र करके मध्य वर्ग को लुभाने का प्रयास किया। कौशल विकास के लिए अगले साल 1,000 करोड़ रुपये दिए। महिलाओं की सुरक्षा से जुड़े निर्भया फंड में एक हजार करोड़ की अतिरिक्त राशि समेत बची हुई रकम अगले साल भी बनाए रखने की घोषणा की।
अल्पसंख्यकों, महिला व बाल विकास और दलितों, पिछड़ों के विकास से जुड़े इन मंत्रालयों के बजट बढ़ाकर चिदंबरम कांग्रेस के वोटबैंक को साधते दिखे। वित्त मंत्री ने शिक्षा कर्ज में ब्याज सब्सिडी सहायता योजना में राहत देते हुए मार्च, 2009 से लेकर दिसंबर, 2013 तक की अवधि के बकाया ब्याज का भुगतान केंद्र सरकार की तरफ से करने का एलान किया। वित्त मंत्री ने बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) की सीमा बढ़ाने और बाजार नियामक सेबी को ज्यादा अधिकार देने वाले विधेयकों के संसद से पारित न होने पर अफसोस जताया।
महंगे होंगे दो हजार से कम के मोबाइल
नई दिल्ली। मोबाइल हैंडसेट पर एक समान छह फीसद उत्पाद शुल्क लगाए जाने से 2,000 रुपये से कम कीमत वाले मोबाइल 60 रुपये तक महंगे हो जाएंगे। अब तक केवल इससे ज्यादा कीमत के फोन पर छह फीसद शुल्क लगता था। इसके अलावा सात फीसद के एक समान आयात शुल्क से भी सस्ते फोन के आयात पर मार पड़ेगी। 2,000 रुपये से कम कीमत वाले फोन पर सीमा शुल्क दो फीसद बढ़कर सात फीसद हो जाएगा।
वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने घरेलू स्तर पर हैंडसेट मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए यह कदम उठाया है। सस्ते हैंडसेट बेचने वाली ज्यादातर घरेलू कंपनियां आयात पर ही निर्भर हैं। मोबाइल निर्माता कंपनियों को सेनवैट क्रेडिट की भी सुविधा दी गई है। इसके साथ उत्पाद शुल्क छह फीसद रहेगा, जबकि बिना सेनवैट क्रेडिट के महज एक फीसद शुल्क लगेगा। बिना सेनवैट क्रेडिट के एक फीसद उत्पाद शुल्क का लाभ विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) और ईओयू में बने उत्पादों को नहीं मिलेगा। इन क्षेत्रों में बने उत्पादों को आयातित उत्पादों की तरह माना जाएगा।
क्या-क्या हुआ सस्ता-सभी तरह की कारें, एसयूवी, मोटरसाइकिल, स्कूटर, कॉमर्शियल वाहन
-टीवी, फ्रिज, मोबाइल फोन, कंप्यूटर, प्रिंटर, कीबोर्ड, माउस, हार्ड डिस्क, स्कैनर
-वैक्यूम क्लीनर, माइक्रोवेव ओवन, डिजीटल कैमरा, डीवीडी प्लेयर, एमपी3 प्लेयर, वाटर कूलर, इलेक्ट्रिक आयरन, टॉर्च लाइट, साबुन, चावल
बजट की हाइलाइट्स
1-एक करोड़ रुपये से ज्यादा आय वाले 'सुपर रिच' पर लगा रहेगा 10 फीसद का सरचार्ज
2-दस करोड़ से अधिक आय वाली कंपनियों को भी नहीं मिलेगी दस फीसद सरचार्ज से छूट
3-राष्ट्रीय सोलर मिशन के तहत चालू साल में लगेंगे चार अल्ट्रा मेगा सोलर पावर प्रोजेक्ट
4-आधार से जुड़ी एलपीजी सब्सिडी ट्रांसफर को सरकार प्रतिबद्ध, स्कीम अस्थायी तौर पर रुकी
5-एलपीजी सब्सिडी के मद में ग्राहकों के खाते में 3,370 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए
6-चालू साल के लिए विनिवेश लक्ष्य 40,000 करोड़ से घटाकर 16,027 करोड़ रुपये किया गया
7-मौजूदा वित्त वर्ष के लिए निर्यात का लक्ष्य 6.3 फीसद बढ़ाकर 326 अरब डॉलर किया
8-ऋण प्रबंधन कार्यालय गठित करने का प्रस्ताव, नए साल में होगा चालू
9-चालू साल में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का पूंजीगत खर्च 2.57 लाख करोड़ रुपये रहेगा
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