Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    चिदंबरम के अंतरिम बजट पर किसने क्या कहा?

    By Edited By:
    Updated: Mon, 17 Feb 2014 10:57 PM (IST)

    वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के अंतरिम बजट पर मिलीजुली प्रतिक्रिया आ रही है। कुछ लोग अंतरिम बजट को निराशाजनक और चुनावी बजट के साथ ही संप्रग का विदाई बजट भी करार दे रहे हैं।

    नई दिल्ली। वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के अंतरिम बजट पर मिलीजुली प्रतिक्रिया आ रही है। कुछ लोग अंतरिम बजट को निराशाजनक और चुनावी बजट के साथ ही संप्रग का विदाई बजट भी करार दे रहे हैं। हालांकि, कुछ ने इसे अच्छा बजट बताया और दी गई छूटों को बेहतर कदम बताया है। जानते हैं इस अंतरिम बजट पर किसने क्या कहा:-

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मनमोहन सिंह, प्रधानमंत्री :- मैं वित्त मंत्री को एक संतुलित बजट पेश करने के लिए बधाई देता हूं। यह बजट देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति दिखाता है।

    मनीष तिवारी, सूचना प्रसारण मंत्री :- यूपीए के 10 सालों के शासन में भारत भारतीय अर्थव्यव्स्था को बेहतर बनाने के लिए कई अहम कदम उठाए हैं।

    जितेंद्र सिंह, रक्षा राज्य मंत्री :- बजट में समान रैंक और समान पेंशन योजना बेहद लाभदायक साबित होगी। वित्त मंत्री की घोषणा से फौजियों को जरूर लाभ होगा।

    मुख्तार अब्बास नकवी, भाजपा नेता :- दशक भर देश की अर्थव्यवस्था की धज्जियां उड़ाने के बाद अब सरकार भ्रष्टाचार के जहाज को कागज की कश्ती से बचाने की जुगत में लगी है। अंतरिम बजट सत्तारूढ़ पार्टी का चुनाव घोषणापत्र ज्यादा लग रहा है।

    जय पांडा, बीजद नेता :- भाजपा समान रैंक और समान पेंशन का स्वागत करती है। हालांकि यह मांग भाजपा पहले से करती आ रही थी लेकिन सरकार ने नहीं मानी, अब राहुल गांधी के कहने पर महज दो दिन में ही इस मांग को मान लिया गया।

    मायावती, बसपा सुप्रीमो :- अंतरिम बजट में कुछ भी नया नहीं है। इसमें सिर्फ संप्रग सरकार की 10 साल की उपलब्धियों को सूचीबद्ध किया गया है। सरकार ने इसे चुनावी बजट बनाने की पूरी कोशिश की, लेकिन इससे उन्हें कोई फायदा नहीं मिलेगा।

    जसवंत सिंह, भाजपा नेता :- यह अंतरिम बजट से ज्यादा चुनावी बजट है। अंतरिम बजट के सिद्धांत के मुताबिक सरकार नीतिगत फैसले लेने की जिम्मेदारी चुनाव बाद आने वाली सरकार पर छोड़ देती है या नीतियों पर सिर्फ चर्चा करती है। 2004 में राजग सरकार ने इसी सिद्धांत का पालन किया था। फिर भी एक रैंक-एक पैंशन का स्वागत करता हूं। अंतरिम बजट में महंगाई और भ्रष्टाचार का कोई जवाब नहीं है।

    साबुन, मोबाइल, छोटी कार, बाइक, फ्रिज और टीवी हुए सस्ते

    हर्षपति सिंघानिया, फिक्की के पूर्व अध्यक्ष :- चुनावी माहौल में वित्त मंत्री का यह काफी संतुलित बजट है। उत्पाद क्षेत्र सरंचना क्षेत्र में वित्त मंत्री के ऐलान का फायदा आगे जरूर दिखाई देगा।

    सीताराम येचुरी, माकपा नेता :- वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की जिम्मेदारी अगले वित्त मंत्री पर छोड़ दी है। इससे स्पष्ट है कि अब वह सरकार में नहीं आने वाले।

    जयललिता, तमिलनाडु की सीएम :-अंतरिम बजट में आम चुनाव को ध्यान में रखकर कई छूट दी गई हैं। इस बजट से डांवाडोल अर्थव्यवस्था को कोई फायदा नहीं मिलेगा। उम्मीद है कि आने वाली सरकार संप्रग सरकार द्वारा पहुंचाई गई क्षति को दुरुस्त करने के कदम उठाएगी।

    एम. करुणानिधि, द्रमुक अध्यक्ष :-अंतरिम बजट की कुछ घोषणाएं निश्चित तौर पर शानदार हैं। इनमें चावल की लोडिंग, अनलोडिंग व भंडारण को सेवाकर से छूट, एजुकेशन लोन के ब्याज में छूट और मोबाइल फोन की कीमतों में कमी स्वागत योग्य हैं।

    नवीन पटनायक, सीएम, ओडिशा :-संप्रग सरकार ने देश के आम आदमी के सामने कीमत वृद्धि की समस्या खड़ी कर दी और अंतरिम बजट में भी इससे राहत की कोई व्यवस्था नहीं दी गई है। इसमें आम आदमी के लिए कुछ भी नहीं है।

    डी. राजा, भाकपा नेता :-हमें अंतरिम बजट में बहुत कुछ ढूंढ़ने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। लोकसभा चुनाव से पहले सरकार ने कुछ चीजों को सही ठहराने की कोशिश की है और कुछ को उछालने की। अर्थव्यवस्था बहुत खराब स्थिति में है और यह अगली सरकार के लिए चुनौती होगी।