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    मुजफ्फरनगर में अखिलेश के खिलाफ नारेबाजी

    By Edited By:
    Updated: Mon, 16 Sep 2013 05:03 AM (IST)

    नफरत का जहर घुलने और सौहार्द का लहू बहने के आठ दिन बाद रविवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मुजफ्फरनगर व शामली की सुध ली। इस दौरान उन्हें दंगे का दर्द झेलने वाले लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा। आक्रोशित भीड़ ने जहां अखिलेश के विरोध में जमकर नारेबाजी की तो वहीं कैबिनेट मंत्री आजम खां जिंदाबाद के भी नारे लगाए। इन सबके बीच मुख्यमंत्री दंगा पीड़ितों से मिले और उनके जख्मों पर मरहम लगाने का प्रयास किया।

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरनगर। नफरत का जहर घुलने और सौहार्द का लहू बहने के आठ दिन बाद रविवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मुजफ्फरनगर व शामली की सुध ली। इस दौरान उन्हें दंगे का दर्द झेलने वाले लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा। आक्रोशित भीड़ ने जहां अखिलेश के विरोध में जमकर नारेबाजी की तो वहीं कैबिनेट मंत्री आजम खां जिंदाबाद के भी नारे लगाए। इन सबके बीच मुख्यमंत्री दंगा पीड़ितों से मिले और उनके जख्मों पर मरहम लगाने का प्रयास किया।

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    करीब छह घंटे के दौरे के बाद अखिलेश यादव ने प्रेस कान्फ्रेंस कर दंगे में मारे गए लोगों के परिजनों को 10-10 लाख की सहायता राशि और परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी दिए जाने की घोषणा की। मुजफ्फरनगर में बवाल का कारण बने कवाल से अखिलेश ने सुबह दौरे की शुरुआत की। कवाल में मारे गए शाहनवाज के पिता और परिजनों से भेंटकर उनका ढांढस बढ़ाया।

    यहां अल्पसंख्यक वर्ग के कई और लोग उनसे मिलना चाहते थे, लेकिन समय न देने पर वे नाराज हो गए और अखिलेश मुर्दाबाद, मुलायम मुर्दाबाद के साथ आजम जिंदाबाद के नारे लगाए। कवाल से मुख्यमंत्री गांव मलिकपुरा पहुंचे। छेड़छाड़ को लेकर हुए विवाद में शाहनवाज की हत्या के बाद सचिन-गौरव को भीड़ ने पीटकर मार दिया था। इसी के बाद तनाव के हालात बने और दंगा भड़क गया। अखिलेश ने यहां सचिन व गौरव के परिवार से मुलाकात की। सचिन की पत्‍‌नी स्वाति को सरकारी नौकरी का भरोसा दिलाया।

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    यहां से मुख्यमंत्री का हेलीकॉप्टर शामली के कांधला के लिए उड़ा। यहां दंगा प्रभावित क्षेत्रों और राहत शिविरों के दौरे के दौरान भी उनको विरोध झेलना पड़ा। मुख्यमंत्री सीधा ईदगाह भवन में हजरत मौलाना इफ्तखार उल हसन से मुलाकात के लिए पहुंचे। कुटबा गांव का दौरा कर लौटते समय बड़ी संख्या में ग्रामीण उनके काफिले के सामने आ गए और निष्पक्ष जांच की मांग की। उन्होंने उतरकर ज्ञापन लिया और आश्वस्त किया कि एक भी निर्दोष नहीं पकड़ा जाएगा।

    पास ही इंतजार कर रही महिलाओं से बगैर मिले ज्यों ही वह आगे बढ़े, अखिलेश मुर्दाबाद के नारे फिर लगने लगे। यहां से वह मुजफ्फरनगर में मारे गए पत्रकार राजेश वर्मा के घर गए। दिन भर दंगे का दर्द महसूस करने के बाद जब मुख्यमंत्री से पूछा गया कि क्या यह गोधरा कांड और गुजरात दंगों के बाद हाल-फिलहाल का सबसे बड़ा दंगा है तो वह झल्ला गए। बोले कि यह तुलना नहीं की जानी चाहिए।

    आज आएंगे प्रधानमंत्री

    लखनऊ। अखिलेश यादव के बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी सोमवार को दंगा प्रभावित मुजफ्फरनगर के दौरे पर आएंगे। उनके साथ कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उपाध्यक्ष राहुल गांधी और उत्तर प्रदेश के राज्यपाल बीएल जोशी भी रहेंगे। इनकी सुरक्षा के लिए राज्य सरकार ने कड़ी सुरक्षा के इंतजाम किए हैं।

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