उपद्रवियों ने फिर उठाया सिर
मुजफ्फरनगर [जागरण संवाददाता]। सामान्य होते मुजफ्फरनगर में शनिवार को उपद्रवियों ने फिर सिर उठाने की कोशिश की। तीन दिन की शांति के बाद शरारती तत्वों ने ...और पढ़ें

मुजफ्फरनगर [जागरण संवाददाता]। सामान्य होते मुजफ्फरनगर में शनिवार को उपद्रवियों ने फिर सिर उठाने की कोशिश की। तीन दिन की शांति के बाद शरारती तत्वों ने शहर में एक प्लाइवुड गोदाम में आग लगा दी। हालांकि शहर में दिन भर कर्फ्यू में ढील जारी रही। ग्रामीण क्षेत्र के फुगाना में खेतों पर गए लोगों पर फायरिंग की गई जिसमें कई किसान घायल हो गए। दो को गंभीर हालत में मेरठ रेफर किया गया है। नई मंडी कोतवाली के पचेंडा में भी खेत में गए किसानों के साथ मारपीट की गई। खतौली में एक व्यक्ति की हत्या के बाद तनाव है। रविवार को मुख्यमंत्री मुजफ्फरनगर आ रहे हैं। सोमवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के आने का कार्यक्रम है। हिंसा और आगजनी की ताजी वारदातों से अफसरों की पेशानी पर बल पड़ गए हैं। धर्म गुरुओं और सामाजिक संगठनों ने शहर में पहुंचकर शांति की अपील की है।
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धीरे-धीरे अमन की ओर बढ़ रहे मुजफ्फरनगर में बलवाइयों ने शनिवार को खलल पैदा करने की कोशिश की। सिविल लाइन थानाक्षेत्र के धर्मपुरी में बलवाइयों ने रात के समय प्लाइवुड के गोदाम में आग लगा दी। कोतवाली क्षेत्र में शामली बस स्टैंड के पास एक समुदाय के लोगों में मारपीट हो गई।
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इसके बाद अफवाहों का बाजार गर्म रहा। खतौली कस्बे में एक सब्जी विक्रेता की धारदार हथियारों से हत्या कर दी गई। उसके बाद से इलाके में तनाव है। फुगाना के आधा दर्जन किसान खेत में चारा लेने गये थे। अचानक ईख के खेत से निकले हमलावरों ने उन पर गोलियां चला दीं। दो किसान गंभीर रूप से घायल हो गए, जबकि अन्य छर्रे लगने से घायल हो गए। इसके बाद से क्षेत्र में तनाव है। आलाधिकारी मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों से शांति बनाए रखने की अपील की। सेना भी पहुंच गई।
मुजफ्फरनगर दंगा फासिस्ट ताकतों की साजिश: आजम
रामपुर। उत्तर प्रदेश के नगर विकास मंत्री आजम खां ने कहा है कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव 15 सितंबर को दंगा पीड़ितों का दर्द जानने मुजफ्फरनगर जा रहे हैं, वहां के लोग सब्र के साथ उनके सामने बेखौफ होकर अपनी बात रखें।
कैबिनेट मंत्री शनिवार शाम मीडिया से मुखातिब थे। बोले, मुजफ्फरनगर का दंगा फासिस्ट ताकतों की सोची-समझी साजिश है। लोग किसी गलतबयानी से जोश में न आएं। जो रिश्ते खराब हुए हैं उनमें सुधार की जरूरत है। दिखने वाले जख्म पर तो मरहम लगाया जा सकता है, लेकिन जो जख्म नजर नहीं आ रहे हैं उनको भरना है। इसके लिए अपने अंदर सहनशीलता पैदा करने की जरुरत है। सद्भावना के ख्याल से अच्छे रिश्ते लाजमी हैं, वरना नुकसान सभी का होगा।
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