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    'सपा सरकार के भरोसे न रहें मुसलमान'

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    Updated: Sun, 15 Sep 2013 02:16 AM (IST)

    मुजफ्फरनगर दंगे के बाद उत्तर प्रदेश की अखिलेश सरकार को लेकर बरेलवी उलेमा में गुस्सा बढ़ रहा है। जानशीन मुफ्ती-ए-आजम हिंद अजहरी मियां के साहबजादे एवं जमात रजा-ए-मुस्तफा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना असजद रजा खां ने कहा कि मुसलमान सपा सरकार के भरोसे नहीं रहें। राजनीतिक दलों से उन्हें कुछ हासिल नहीं होगा। इंसाफ के लिए

    बरेली, जागरण संवाददाता। मुजफ्फरनगर दंगे के बाद उत्तर प्रदेश की अखिलेश सरकार को लेकर बरेलवी उलेमा में गुस्सा बढ़ रहा है। जानशीन मुफ्ती-ए-आजम हिंद अजहरी मियां के साहबजादे एवं जमात रजा-ए-मुस्तफा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना असजद रजा खां ने कहा कि मुसलमान सरकार के भरोसे नहीं रहें। राजनीतिक दलों से उन्हें कुछ हासिल नहीं होगा। इंसाफ के लिए अल्लाह से दुआ करें।

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    पढ़ें: अखिलेश सरकार पर भड़के अल्पसंख्यक

    दरगाह आला हजरत स्थित आवास पर पत्रकारों से मौलाना ने कहा कि मुजफ्फरनगर के हालात साफ बता रहे हैं, वहां दंगा सुनियोजित था। सपा और भाजपा की साजिश जाहिर हो रही है। यही वजह है कि दंगे का सबब बनी महापंचायत को होने देने के जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई नहीं हुई। ऐसे में सरकार पर भरोसा करना समझदारी नहीं है। अपनी हिफाजत को लेकर सचेत रहें। अल्लाह से इंसाफ मांगे। उन्होंने घोषणा की कि जल्द ही मुजफ्फरनगर में जमात का प्रतिनिधिमंडल भेजा जाएगा। उसकी रिपोर्ट मिलने पर आगे की रणनीति बनाई जाएगी।

    जमात के महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि जुल्म के बावजूद सरकार के मुस्लिम मंत्रियों की चुप्पी अफसोसनाक है। यहां तक कि कद्दावर मंत्री आजम खां भी तमाशाई बने रहे। एक भी मंत्री ने इस्तीफा देने की जुर्रत नहीं की। वह भी तब जबकि रामगोपाल यादव ने खुलेआम पद छोड़ने की चुनौती दे डाली। प्रेस कांफ्रेंस में मुफ्ती शहीद आलम, मौलाना अबसार अहमद, मौलाना फाजिल अहमद ने भी दंगों को लेकर सरकार पर नाकामी का आरोप लगाया। कहा कि डेढ़ साल के कार्यकाल में लगातार हो रहे दंगे सरकार के कामकाज का सबूत हैं।

    मुलायम बताएं उप्र में क्या भेड़-बकरी मारी गईं : याह्यंा

    नई दिल्ली, जागरण न्यूज नेटवर्क। जामा मस्जिद यूनाइटेड फोरम के अध्यक्ष सैयद याह्या बुखारी ने कहा है कि पिछले दिनों मुजफ्फरनगर और उसके आसपास के इलाके में प्रशासन के दावे के विपरीत हिंसा अभी जारी है। मुजफ्फरनगर में मुसलमान स्वयं को उतना ही असुरक्षित महसूस कर रहा है जितना गुजरात के दंगों के बाद वहां मुसलमान असुरक्षित था। समाजवादी पार्टी का कहना है कि मुजफ्फरनगर की हिंसा को गुजरात के दंगों से जोड़कर नहीं देखा जा सकता। याह्यंा ने पूछा है कि क्या मुलायम सिंह यादव कह सकते हैं कि गुजरात के दंगों में तो मनुष्यों (मुसलमानों) की हत्या हुई जबकि मुजफ्फरनगर में भेड़-बकरियां मारे गए ? उत्तर प्रदेश में मुसलमानों पर जो अत्याचार हुआ है, उसके चलते मुसलमान समाजवादी पार्टी के नाम का पृष्ठ जीवन के पन्नों से निकाल कर जला दें।

    दंगे के लिए सरकारी तंत्र दोषी : तौकीर:--

    जागरण संवाददाता, मुरादाबाद ।

    इत्तेहाद ए मिल्लत कौंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व हथकरघा, वस्त्र उद्योग के सलाहकार (राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त) तौकीर रजा खां ने कहा-मुजफ्फरनगर दंगे के लिए उत्तर प्रदेश सरकार नहीं, बल्कि सरकारी तंत्र जिम्मेदार है। उन्होंने दोषी अफसरों के खिलाफ कार्रवाई न होने के चलते राज्य सरकार को सशर्त इस्तीफा भेजा है।

    शनिवार को वह दंगा पीड़ितों को राहत सामग्री बांटने के लिए मुजफ्फनगर जाने के दौरान सर्किट हाउस में मीडिया से मुखातिब थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार या सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव को अगर समय से सूचना मिल जाती तो मुजफ्फरनगर में दंगा नहीं होता, लेकिन भाजपा व कांग्रेस के इशारे पर आरएसएस की मानसिकता वाले अफसरों ने साजिश के तहत दंगा कराया।

    लंबे समय से कौंसिल प्रदेश में दंगा जांच आयोग के गठन की मांग कर रही है। जो दंगे की जांच कर दोषी लोगों व अफसरों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करे, लेकिन सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है। इसी वजह से साजिश के तहत प्रदेश में सौ से अधिक दंगे व हिंसा की वारदातें हो चुकी हैं। असली गुनहगारों के खिलाफ अभी तक कार्रवाई नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर दंगे के दोषी अफसरों के तबादले के बजाय उनकी सेवा समाप्त करने की कार्रवाई की जाए। इसके लिए प्रदेश सरकार को पत्र भी भेजा है। अगर कार्रवाई नहीं की जाती तो मेरे पत्र को ही दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री पद से त्यागपत्र समझा जाए।

    साहित्यकार ही करा सकते संप्रदायों में एका : मुलायम

    जागरण ब्यूरो, लखनऊ। हिंदी दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने हिंदी साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए कुल 112 साहित्यकारों को विभिन्न सम्मानों से अलंकृत किया। विख्यात कवि और भाषा संस्थान के अध्यक्ष डॉ.गोपाल दास नीरज को हिंदी संस्थान के सर्वोच्च सम्मान 'भारत भारती' से विभूषित किया गया। इस मौके पर मुलायम ने कहा कि हाल में प्रदेश में हुई सांप्रदायिक हिंसा दो संप्रदायों के बीच अविश्वास और अलगाव का नतीजा है। साहित्यकार ही अपनी कलम से संप्रदायों के बीच विश्वास और एकता पैदा कर सकते हैं। वहीं मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि साहित्यकार समाज को दिशा देने के साथ संकट में रास्ता भी दिखाते हैं।

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