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उना हिंसा में पीड़ि‍त दलित परिवार से मिलने पहुंची अानंदी बेन

उना में चार दलित युवकों को कार से बांधकर पीटने के मामले पर दलित समुदाय ने अाज गुजरात बंद का अाह्वान किया है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Wed, 20 Jul 2016 09:39 AM (IST)Updated: Wed, 20 Jul 2016 03:02 PM (IST)

राज्य ब्यूरो, अहमदाबाद। उना मामले में गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ऊना हिंसा में पीड़ित दलित परिवार से मिलने बुधवार को सामढियाला पहुंची। सीएम के साथ उनके मंत्रिमंडल के दो मंत्री और चीफ सेक्रेटरी भी मौजूद रहे। बता दें कि आनंदीबेन ने इस मामले में पहले ही सीआईडी जांच के आदेश दे दिए हैं। मामले में अब तक 16 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।

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गौरतलब है कि मरे हुए जानवरों की खाल उतारने पर ऊना में चार दलित युवकों को कार से बांधकर पीटने के मामले पर दलित संगठनों ने अाज गुजरात बंद का अाह्वान किया है। इसके लिए सुरक्षा की व्यापक व्यवस्था की गई है।

इससे पहले समूचे गुजरात में उग्र प्रदर्शन किया गया। इसके विरोध में उना में ही मंगलवार को एक दलित युवक ने अपनी जान दे दी। लेकिन आत्महत्या का प्रयास करने वाले चार अन्य दलित युवकों को बचा लिया गया है। भारतीय दलित पैंथर सेना ने बुधवार को गुजरात बंद का एलान भी किया है। सरकार ने इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी है। साथ ही विशेष कोर्ट में इसकी सुनवाई के आदेश दिए हैं। करीब 24 घंटे के अंदर ऊना कस्बे में सात दलित युवाओं ने आत्महत्या करने की कोशिश की। इनमें से तीन युवकों ने जूनागढ़ के बंतवा में जहरीला पदार्थ खा लिया।

तस्वीरें: आज गुजरात बंद, दलितों के प्रदर्शन के बाद तनाव

वहीं इस मामले में प्रशासन का कहना है कि दिलीप जयसिंह भाई परमार, रसिक वीराभाई विंझुड़ा और दिनेश राजाभाई वेगड़ा को तत्काल जूनागढ़ के जिला अस्पताल ले जाया गया। बाद में इनमें से एक की मौत हो गई। वहीं गोंडल कस्बे में दो युवकों ने खुद को मारने की कोशिश की। राजकोट के जामकोंडरना के दो युवकों ने जान देने की नाकाम कोशिश की। जबकि पांच लोगों ने विगत सोमवार को आत्महत्या का प्रयास किया। सौराष्ट्र के जामनगर, पोरबंदर, अमरेली, राजकोट में सोमवार रात से हिंसा व आगजनी तथा हाइवे जाम करने की घटनाएं सामने आ रही हैं। दलित युवकों को बेरहमी से पीटने के मामले में दलित अधिकार मंच, दलित पेंथर सेना तथा अन्य संगठनों ने मंगलवार को राज्य भर में प्रदर्शन किया।

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वहीं अमरेली में दलित व पुलिस के टकराव में एक हेड कांस्टेबल पंकज अमरोलिया की मौत हो गई। इस दौरान सात पुलिस कर्मियों समेत एक दर्जन लोग घायल हो गए। वहीं पर दो हजार दलितों की भीड़ ने दो सरकारी बसों को भी जला दिया। जामनगर के पास ध्रोल और धोराजी में तीन सरकारी बसें फूंकी गईं। ओबीसी एकता मंच ने गांधी आश्रम में धरना दिया। मंच के संयोजक अल्पेश ठाकोर सहित 50 लोगों की पुलिस ने धरपकड़ की है। दलित उत्पीड़न की घटना से गुजरात एकाएक उबल पड़ा है।

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मंगलवार को भी सौराष्ट्र के कई इलाकों में सरकारी व निजी बसों में तोड़फोड़, हाइवे जाम करने तथा धरना आदि किए गए।मुख्यमंत्री आनंदी बेन पटेल ने उना में कई दलितों के विरोध स्वरूप कीटनाशक पीने की घटना की जांच क्राइम ब्रांच से कराने तथा विशेष कोर्ट में इसकी सुनवाई के आदेश दे दिए हैं। उधर, इस मुद्दे पर दलित, ओबीसी व पाटीदार आमने-सामने आ गए हैं। दलित अधिकार मंच ने ओबीसी एकता मंच से कहा है कि दलितों से सबसे अधिक दु‌र्व्यवहार ओबीसी समुदाय कर रहा है। छुआछूत की घटनाएं भी देखने में आती हैं।

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