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सत्र के पहले दिन चुनावी रंग में दिखीं मायावती, दलित उत्पीड़न का मुद्दा उठाया

दलित उत्पीड़न के मुद्दे पर बसपा प्रमुख मायावती ने भाजपा पर निशाना साधा। जवाब से बौखलाए बसपा सांसदों ने लोकसभा में जमकर हंगामा किया।

By Lalit RaiEdited By: Published: Tue, 19 Jul 2016 12:22 AM (IST)Updated: Tue, 19 Jul 2016 05:35 AM (IST)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र के पहले दिन ही बहुजन समाज पार्टी चुनावी रंग में दिखी। दलित उत्पीड़न का हवाला देते हुए केंद्र की भाजपा सरकार पर आरोपों के गोले दागे। लेकिन सरकार के जवाब से बौखलाये बसपा सदस्यों ने सदन की कार्यवाही में बाधा डाली, जिससे सदन स्थगित करना पड़ा। बसपा मुखिया मायावती ने यह ध्यान रखा कि दलित के मुद्दे पर तेवर मे कहीं ढील न दिखे और इस क्रम में सभापति हामिद अंसारी को भी नहीं बख्शा। उन्होंने सीधे तौर पर सभापति से कहा कि उन्हें बोलने से न रोका जाए।

उत्तर प्रदेश में बसपा के दलित वोट बैंक में सेध डालने की कोशिश में जुटी भाजपा को मायावती ने राज्यसभा में घेरा। शून्यकाल शुरु होते ही बसपा नेता मायावती ने गुजरात के ऊना जिले में कथित तौर पर दलितों पर अत्याचार का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि मरे जानवरों का चमड़ा उतारने वाले लोगों के साथ दबंगों और असामाजिक तत्वों ने अमानवीय व्यवहार किया। उन्हें भरे बाजार में नंगा करके पीटा और गाडि़यों में बांधकर घसीटा।

राज्य की भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए आरोपियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करने में देरी की। उन्होंने कहा कि मामला मीडिया में आने के बाद ही सरकार जागी। बसपा नेता ने भाजपा पर दलित विरोधी होने का आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र में सरकार आने के बाद देशभर में दलितों पर अत्याचार बढ़ा है। इस दौरान सत्ता पक्ष की ओर से कई सदस्यों ने विरोध मायावती की बातों पर अपना विरोध जताया।

बसपा नेता के हमलावर तेवर के जवाब में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम वेंकैया नायडू ने सख्त ऐतराज जताया। उन्होंने कहा कि संसदीय प्रावधानों के मुताबिक अनुसार किसी राजनीतिक दल का नाम नहीं लिया जाना चाहिए। इसी दौरान बसपा सदस्यों ने सरकार विरोधी नारे लगाने शुरु कर दिया। उन्होंने सभापति के आसन के समीप (वेल) में आकर हंगामा किया।

सभापति हामिद अंसारी ने पहले तो समझाने और सीटों पर लौट जाने का आग्रह किया, लेकिन हंगामा न थमने पर सदन को कुछ देर के लिए स्थगित कर दिया। हालांकि इसके बाद शुरु हुए सदन सदन में कामकाज सुचारू रूप से हुआ।


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