दलित युवकों को कार से बांधकर पीटने के खिलाफ गुजरात में दलितों का उग्र प्रदर्शन
सरकार ने इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी है। साथ ही विशेष कोर्ट में इसकी सुनवाई के आदेश दिए हैं।
राज्य ब्यूरो, अहमदाबाद। मरे हुए जानवरों की खाल उतारने पर ऊना में चार दलित युवकों को कार से बांधकर पीटने के मामले पर दलित समुदाय ने समूचे गुजरात में उग्र प्रदर्शन किया। भारतीय दलित पेंथर सेना ने बुधवार को गुजरात बंद का एलान भी किया है। सरकार ने इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी है। साथ ही विशेष कोर्ट में इसकी सुनवाई के आदेश दिए हैं।
सौराष्ट्र के जामनगर, पोरबंदर, अमरेली, राजकोट में सोमवार रात से हिंसा व आगजनी तथा हाइवे जाम करने की घटनाएं सामने आ रही हैं। दलित युवकों को बेरहमी से पीटने के मामले में दलित अधिकार मंच, दलित पेंथर सेना तथा अन्य संगठनों ने मंगलवार को राज्यभर में प्रदर्शन किया। वहीं अमरेली में दलित व पुलिस के टकराव में एक कांस्टेबल की मौत हो गई।
ओबीसी एकता मंच ने गांधी आश्रम में धरना दिया। मंच के संयोजक अल्पेश ठाकोर सहित 50 लोगों की पुलिस ने धरपकड़ की है। दलित उत्पीड़न की घटना से गुजरात एकाएक उबल पड़ा है। मंगलवार को भी सौराष्ट्र के कई इलाकों में सरकारी व निजी बसों में तोड़फोड़, हाइवे जाम करने तथा धरना आदि किए गए।
मुख्यमंत्री आनंदी बेन पटेल ने ऊना में कई दलितों के विरोध स्वरूप कीटनाशक पीने की घटना की जांच क्राइम ब्रांच से कराने तथा विशेष कोर्ट में इसकी सुनवाई के आदेश दे दिए हैं। उधर, इस मुद्दे को लेकर दलित, ओबीसी व पाटीदार आमने-सामने आ गए हैं। दलित अधिकार मंच ने ओबीसी एकता मंच से कहा है कि दलितों से सबसे अधिक दुर्व्यवहार ओबीसी समुदाय कर रहा है। छूआछूत की घटनाएं भी देखने में आती हैं।
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