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पट्टे की जमीन वाले किसान नहीं कर सकेंगे धान की खेती, सात जिलों में रोपाई पर रोक

सात जिलों में पट्टे वाली जमीनों पर किसान धान की खेती नहीं कर पाएंगे। जलस्तर में गिरावट के देखते हुए सरकार ने यह फैसला लिया है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Mon, 04 May 2020 09:01 AM (IST)Updated: Mon, 04 May 2020 09:01 AM (IST)
पट्टे की जमीन वाले किसान नहीं कर सकेंगे धान की खेती, सात जिलों में रोपाई पर रोक
पट्टे की जमीन वाले किसान नहीं कर सकेंगे धान की खेती, सात जिलों में रोपाई पर रोक

जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने सात जिलों में पट्टे पर जमीन लेकर खेती करने वाले किसानों के लिए धान की रोपाई करने पर रोक लगा दी है। सरकार ने यह फैसला भूमिगत जलस्तर पर में लगातार आ रही गिरावट के चलते लिया है। हरियाणा में पिछले करीब पांच वर्षों के दौरान औसतन 2.20 मीटर पानी का स्तर नीचे चला गया है।

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हरियाणा में कई जिले तो ऐसे हैं जहां भूमिगत जल स्तर में पांच मीटर तक की गिरावट आ चुकी है। हरियाणा में भूमिगत जलस्तर में तेजी से आ रही गिरावट के चलते प्रदेश सरकार ने पिछले साल जल ही जीवन है मिशन शुरू कर प्रदेश में धान बाहुल्य जिलों में किसानों के लिए फसल विविधिकरण पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया था।

इसके तहत 50 हजार हेक्टेयर में मक्का, अरहर, गवार, तिल, ग्रीष्म मूंग, कपास, तिल आदि की पैदावार का लक्ष्य रखा गया था। सरकार का दावा था कि प्रदेश के 49 हजार 445 किसानों को इस योजना में शामिल किया गया। इस साल सरकार ने इस योजना का दायरा बढ़ाकर एक लाख हेक्टेयर तक कर दिया है। हरियाणा के करनाल, कैथल, जींद, कुरुक्षेत्र, अंबाला, यमुनानगर व सोनीपत आदि जिले ऐसे हैं जहां धान की पैदावार अधिक होती है। इनमें से कई जिलों में किसानों द्वारा ऐसी किस्मों की पैदावार की जाती है जो कम समय में अधिक पैदावार तो देती हैं लेकिन पानी की खपत बहुत होती है।

इस साल सरकार ने इस मामले में सख्ती करते हुए उन किसानों पर शिकंजा कस दिया है जो पंचायतों से जमीन पट्टे पर लेकर फसलों की पैदावार करते हैं। सरकार ने ऐसे किसानों द्वारा धान की रोपाई किए जाने पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी है। विकास एवं पंचायत विभाग हरियाणा के प्रधान सचिव द्वारा उक्त सातों जिलों के उपायुक्तों, डीडीपीओ तथा बीडीपीओ के नाम जारी एक पत्र में कहा गया है कि हरियाणा के उपरोक्त सात जिलों के आठ ब्लाकों में पट्टे पर जमीन लेकर धान की पैदावार पर रोक लगा दी है। फील्ड अधिकारियों की यह जिम्मेदारी होगी कि वह अपने-अपने क्षेत्र का दौरा करके यह तय करें कि किसान धान की पैदावार न करें।

इन ब्लाकों में रहेगी सरकार की नजर

जिला        ब्लाक

करनाल     असंध

कैथल       पुंडरी

जींद         नरवाना

कुरूक्षेत्र      थानेसर

अंबाला      अंबाला, साहा

यमुनानगर  रादौर

सोनीपत     गन्नौर

जहां लगी धान पर रोक, वहां पांच साल में ऐसे गिरा जलस्तर

जिला      जलस्तर में गिरावट

अंबाला      4.58 मीटर

कैथल        5.67 मीटर

कुरूक्षेत्र     5.37 मीटर

पानीपत    4.40 मीटर

सोनीपत    2.08 मीटर

जींद         1.39 मीटर

करनाल      1.12 मीटर 

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