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    उत्तराखंड विधानसभा चुनाव: कांग्रेस में हल्द्वानी के बाद टिहरी में फूटा बवाल

    By BhanuEdited By:
    Updated: Sun, 15 Jan 2017 07:10 AM (IST)

    उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 17 में पीडीएफ को लेकर कांग्रेस के भीतर रार नहीं थम रही है। हल्द्वानी में कांग्रेस के सम्मेलन में हंगामे के बाद अब टिहरी जिले में भी बवाल के हालात बने।

    उत्तराखंड विधानसभा चुनाव: कांग्रेस में हल्द्वानी के बाद टिहरी में फूटा बवाल

    देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: प्रोग्रेसिव डेमोक्रेटिक फ्रंट (पीडीएफ) को लेकर कांग्रेस के भीतर रार थमने के बजाए और तेज हो रही है। बीते रोज हल्द्वानी में कांग्रेस के बूथस्तरीय सम्मेलन में हंगामे के बाद अब टिहरी जिले में भी बवाल के हालात बने।

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    टिहरी जिला कांग्रेस अध्यक्ष ने बाहरी प्रत्याशी को टिकट देने पर विरोध करने के साथ में अपने उम्मीदवार उतारने का ऐलान किया। वहीं जिले की देवप्रयाग सीट पर पीडीएफ के संयोजक मंत्री प्रसाद नैथानी को टिकट दिए जाने के विरोध में पूर्व मंत्री शूरवीर सिंह सजवाण दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं।

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    उधर, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने भी राज्य की सभी 70 सीटों पर पार्टी के प्रत्याशी खड़े किए जाने का बयान दोहराकर पीडीएफ के साथ तकरार बरकरार रहने के संकेत दे दिए हैं।

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    पीडीएफ को लेकर कांग्रेस के भीतर असंतोष चुनाव के मौके पर भी थमने का नाम नहीं ले रहा है। मुख्यमंत्री हरीश रावत गाहे-बगाहे सरकार को संकट में साथ देने के एवज में पीडीएफ से जुड़े विधायकों और काबीना मंत्रियों को हर हाल में साथ रखने और उन्हें चुनाव में उन्हें पार्टी का टिकट दिए जाने का सार्वजनिक तौर पर कई बार समर्थन कर चुके हैं।

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    मुख्यमंत्री के इस रुख के बावजूद पार्टी इस मामले में उनका साथ देने को तैयार नहीं है। यहां तक कि कांग्रेस में तकरीबन शामिल माने जा रहे काबीना मंत्री हरीशचंद्र दुर्गापाल को बीते रोज हल्द्वानी में कांग्रेस के कुमाऊं मंडलस्तरीय बूथ सम्मेलन में विरोध का सामना करना पड़ा। दुर्गापाल का कांग्रेस के टिकट पर अगला चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है।

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    दुर्गापाल के बाद टिहरी जिले में पीडीएफ के मंत्री कांग्रेस कार्यकर्ताओं के निशाने पर रहे। पीडीएफ के मंत्रियों के कांग्रेस के टिकट पर या साथ मिलकर लड़ने को लेकर सबसे ज्यादा विवाद की स्थिति टिहरी जिले में ही है। इस जिले में पीडीएफ से जुड़े दो मंत्री कांग्रेस प्रत्याशियों को हराकर ही पिछला चुनाव जीते थे।

    टिहरी से विधायक काबीना मंत्री दिनेश धनै कम मतों के अंतर से ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय को हराकर चुनाव जीते थे। वहीं जिले की दूसरी सीट देवप्रयाग से विधायक मंत्री प्रसाद नैथानी ने पूर्व मंत्री शूरवीर सजवाण को हराया था।

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    पीडीएफ से जुड़े अन्य विधायक व मंत्री प्रीतम सिंह पंवार उत्तरकाशी जिले की यमुनोत्री सीट पर कांग्रेस को हराकर ही चुनाव जीते। कांग्रेस प्रत्याशियों को हराकर प्रदेश की कांग्रेस सरकार में मंत्री बने विधायकों को पार्टी पचा नहीं पा रही है।

    देवप्रयाग सीट से टिकट पर दोबारा दावेदारी कर रहे पूर्व मंत्री शूरवीर सजवाण दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। यमुनोत्री विधायक प्रीतम पंवार के टिहरी जिले की धनोल्टी सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने के ऐलान से कांग्रेस में खलबली है।

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    मुख्यमंत्री निर्दलीय चुनाव लड़ने वालों को भी कांग्रेस का समर्थन देने का भरोसा दिला चुके हैं। इन हालात में टिहरी जिला कांग्रेस अध्यक्ष सूरज राणा ने बाहरी प्रत्याशी के विरोध का मुद्दा उछालकर बवाल को हवा दे दी। राणा को किशोर का समर्थक माना जाता है।

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    वहीं ऋषिकेश में मीडिया से बातचीत में प्रदेश अध्यक्ष किशोर ने भी जिसतरह से पीडीएफ का हौवा खड़ा नहीं किए जाने और सभी सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशियों के चुनाव लड़ने की बात कही, उसे पीडीएफ को लेकर पार्टी की मुश्किल के तौर पर देखा जा रहा है।

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