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    रिहा होने के बाद बोले कन्हैया - 'भारत से नहीं, भारत में ही चाहिए आजादी'

    By Kamal VermaEdited By:
    Updated: Fri, 04 Mar 2016 02:41 PM (IST)

    कन्हैया की रिहाई के बाद जेएनयू में गुरुवार को विजय जुलूस निकाला गया। इसमें कन्हैया ने एक बार फिर सरकार विरोधी नारेबाजी की और छात्रों को संबोधित किया।

    नई दिल्ली। देशद्रोह के आरोपों का सामना कर रहे जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार के जेल से रिहा होने के बाद जेएनयू परिसर में बृस्पतिवार को विजय जुलूस निकाला गया। इसमें जेएनयू के सैकड़ो छात्र शामिल हुए। गंगा ढाबा से निकला जुलूस प्रशासनिक भवन पर समाप्त हुआ। जहां जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने गरीबी, अशिक्षा, जातिवाद, आरएसएस से आजादी लेने का नारा लगाकर छात्रों को संबंधित किया। अपने संबोधन में कन्हैया ने भाजपा, आरएसएस, एबीवीपी सहित प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर जमकर निशाना साधा। कन्हैया ने साफ किया कि 'हमें भारत से नहीं, भारत में ही चाहिए आजादी।'

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    रोहित की हत्या की जिम्मेदारी लें स्मृति

    कन्हैया ने मानव संसाधान विकास मंत्री स्मृती ईरानी पर निशाना साधते हुए कहां कि आगे अदालत तय करेंगा कि क्या देशद्रोह है और क्या देशभक्ति। क्योंकि हम स्मृति इरानी के बच्चे नहीं है। हम जेन्यूआइट है। हमें हमारा फैलोशिप दे दीजिए और रोहित वेमुला की हत्या की जिम्मेदारी ले लीजिए। हम आपसे इस्तीफा नहीं मांगते।कन्हैया ने लगभग तीन हजार से अधिक छात्रों को संबोधित करते हुए पुलिस को माध्यम बनाकर व्यवस्था और सरकार पर जबरदस्त तंज कसा।

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    आवाज उठाने वालों पर लगता है देशद्रोह

    उन्होंने कहां कि मेरी मां ने कहां था कि मोदी जी मन की बात करते है। कभी मां की भी बात कर ले। मैं किसी एक पार्टी, मीडिया, चैनल या सैनिकों की बात नहीं कर रहा। बल्कि देश की बात कर रहा हूं। जो आवाज उठाता है। उसे पर देशद्रोह का आरोप लगा दिया जाता है। सुब्रमण्यम स्वामी पर तंज कसते हुए कन्हैया ने कहां कि मैं उनसे आमने सामने विमर्स करने के लिए तैयार हूं। उनकी बातों में कोई तर्क नहीं। हम भारत से नहीं भारत का लूटने वालों से आजादी चाहते है। कन्हैया कुमार ने इस बार फिर कैम्पस में आजादी का नारा दिया और उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य की आजादी तक संघर्ष जारी रखने की बात कहीं।

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    एबीवीपी नकली इंकलाबी

    एबीवीपी पर हमला करते हुए उन्होंने कहां कि एबीवीपी नकली इंकलाबी है। जबकि हम असली इंकलाबी है। आप हमको जितना दबाएंगे हम उतना ही उभरेंगे। हमने आक्यूपाई यूजीसी आंदोलन शुरू किया अपना हक मांगा। कन्हैया ने प्रधानमंत्री पर तंज कसते हुए कहां कि प्रधानमंत्री जी मन की तो बात करते है, लेकिन मन की बात सुनते नहीं। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री जी ने ट्वीट किया है सत्यमेव जयते। मैं भी कहता हूं सत्यमेव जयते। क्योंकि सत्यमेव जयते इस देश और संविधान का है। यहीं नहीं कन्हैया ने कहां कि देश में जनविरोधी सरकार है। जिसके खिलाफ बोलने पर इनका साइबर सेल डॉक्टर्ड वीडियो दिखाएंगा।

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    हमें एबीवीपी से कोई दुर्भावना नहीं

    कन्हैया ने कहां जेएनयू पर सुनियोजित तरीके से हमला किया गया। क्योंकि वो लोग रोहित वेमुला की न्याय की लड़ाई को खत्म करना चाहता है। लेकिन अन्याय के खिलाफ हमेशा जेएनयू ने आवाज उठाई है। कन्हैया ने कहां कि एबीवीपी से हमें कोई दुर्भावना नहीं है। कन्हैया ने कहां एबीवीपी का शिकार नहीं करुंगा, क्योंकि शिकार भी करने लायक का किया जाता है।

    सुप्रीम कोर्ट में कन्हैया की पिटाई का मामला

    पटियाला हाउस कोर्ट में जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की पेशी के दौरान हिंसा करने वाले वकीलों पर अदालत की अवमानना का मुक़दमा चलाने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा. याचिका में कहा गया है कि इन वकीलों ने ना सिर्फ निचली अदालत के कामकाज में बाधा डाली बल्कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों की भी अवहेलना की। इसके अलावा इससे ही संबंधित एक अन्य मामले में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी सहित नौ लोगों पर हैदराबाद में दायर देशद्रोह के मामले की सुनवाई आज स्थानीय अदालत में होगी।

    पढ़ें: रिहाई के बाद अपने भाषण में कन्हैया ने जताया संविधान में भराेसा

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