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    रिहाई के बाद JNU में कन्हैया का भाषण, संविधान में जताया भरोसा

    By Lalit RaiEdited By:
    Updated: Fri, 04 Mar 2016 06:46 AM (IST)

    दिल्ली हाई कोर्ट से छह माह की जमानत मिलने के बाद गुरवार शाम तिहा़ड़ जेल से रिहा होते ही जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने एक बार फिर नारेबाजी की। तिहाड़ जेल से जेएनयू कैंपस पहुंचने पर सैक़़डों छात्रों की मौजूदगी में कन्हैया ने करीब 50 मिनट तक भाषण दिया।

    नई दिल्ली । दिल्ली हाई कोर्ट से छह माह की जमानत मिलने के बाद गुरवार शाम तिहा़ड़ जेल से रिहा होते ही जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने एक बार फिर नारेबाजी की। तिहाड़ जेल से जेएनयू कैंपस पहुंचने पर सैक़़डों छात्रों की मौजूदगी में कन्हैया ने करीब 50 मिनट तक भाषण दिया। इसमें उसने भाजपा, संघ और अभाविप को भी खूब खरी--खोटी कही। फिर भारत की जय व जय हिंद के नारे भी गूंजे। कन्हैया ने कहा कि उसका पीएम मोदी से किसी तरह का विरोध नहीं है बल्कि वो उनकी विचारधारा से विरोध करता है। उसने छात्रों से लंबी लड़ाई लड़ने की अपील की।

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    कन्हैया के भाषण के प्रमुख अंश

    सिर्फ 31 फीसदी वोट की सरकार केन्द्र सरकार ने जेएनयू पर हमला किया है, लेकिन हम उन्हें कुचलने नहीं देंगे। देश में जो हो रहा वह खतरनाक प्रवृत्ति है। देश के 69 फीसदी लोगों ने उनके खिलाफ वोट दिया है। सिर्फ 31 फीसदी ने मोदी को वोट दिया। इस जीत को आप हमेशा की जीत मत समझिए। आपने 'हर--हर कहकर ठग लिया अब अरहर से परेशान हैं। इनकी अगली तैयारी है राम मंदिर बनाएंगे। मुख में राम बगल में छुरी अब नहीं चलेगी। भाजपा की कोशिश है, चीजों को भटकाया जाए।संघ के मुख पत्र ऑर्गनाइजर में जेएनयू के खिलाफ लेख छपा था। जेएनयू के खिलाफ सारा प्लान नागपुर की साजिश है। बुनियादी सवालों से जनता का ध्यान भटकाने की साजिश है।

    कन्हैया कुमार की रिहाई पर जतायी खुशी

    सुब्रमण्यम स्वामी को चुनौती

    भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी जेएनयू को बंद कराना चाहते हैं तो इससे पहले एक बार वह मेरे साथ विमर्श कर लें, तार्किक बहस कर लें। फिर फैसला करें। भारत को लूटने वालों से आजादी मांगते हैं। देश को बर्बाद करने वालों के खिलाफ एकजुट होकर ख़़डे होंगे। मोदी मन की बात करते हैं, लेकिन सुनते नहीं हैं।

    पीएम के सत्यमेव जयते ट्वीट पर वार

    ये मत समझिएगा कि कुछ छात्रों को देशद्रोह में फंसाने से आवाज दब जाएगी। आपने ट्वीट कर कहा था--सत्यमेव जयते। यह संविधान का शब्द है इसलिए हम भी कहते हैं सत्यमेव जयते। उल्लेखनीय है कि लोकसभा में स्मृति ईरानी के भाषषण के बाद मोदी ने यह ट्वीट किया था। फिर गूंजा--'लेकर रहेंगे, आजादी--आजादी 50 मिनट तक चले कन्हैया के भाषण में कन्हैया के तेवर उग्र बने रहे। सैक़़डों छात्रों व जेएनयू के शिक्षकों की मौजूदगी में भाषण व नारेबाजी का दौर चलता रहा। कन्हैया ने कई बार 'भारत माता की जय 'लेकर रहेंगे आजादी, फासीवाद, सामंतवाद से आजादी, आरएसएस से आजादी, 'जय हिंद के नारे लगवाए। 'जब तक जेल में चना रहेगा, आना--जाना लगा रहेगा।

    कन्हैया ने कहा कि लंबे अरसे बाद जेएनयू से कोई जेल गया है। उन्होंने कहा, 'जब तक जेल में चना रहेगा आना जाना लगा रहेगा। जेल की बातें बताते हुए कहा--एक पुलिसकर्मी ने मुझसे पूछा था कि लाल सलाम क्यों कहते हो। मैंने उसे बताया कि लाल मतलब क्रांति और सलाम मतलब क्रांति को सलाम। पुलिस वाले ने कहा--समझ नहीं आया, मैंने कहा इंकलाब जिंदाबाद समझते हैं। पुलिस वाले ने कहा हां। मैंने बताया कि क्रांति को ही उर्दू में इंकलाब कहते हैं।

    आप सरकार ने दी क्लीन चिट

    दिल्ली की आप सरकार के जांच दल ने कन्हैया को क्लीनचिट दे दी है। मजिस्ट्रेट जांच में जेएनयू में छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार के भारत विरोधी नारेबाजी करने का कोई सबूत नहीं पाया गया। जबकि दिल्ली पुलिस ने इस आरोप के आधार पर ही कन्हैया के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया था। नई दिल्ली जिला मजिस्ट्रेट संजय कुमार ने गुरवार को दिल्ली सरकार को जो जांच रिपोर्ट सौंपी है, उसके अनुसार जेएनयू परिसर में राष्ट्र विरोधी नारेबाजी की गई। जेएनयू प्रशासन पहले ही उन 'कुछ चेहरों' की पहचान कर चुका है जिन्हें 'साफ तौर पर' नारे लगाते सुना गया।

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