पटना [जेएनएन]। पटना की 19 वर्षीय ताइक्वांडो मास्टर नेहा दिखने में तो सीधी-सादी है लेकिन अगर कोई भिड़ जाए तो अच्छे अच्छों के होश ठिकाने लगा देती है। नेहा अक्सर अपने कला का प्रदर्शन करते वक्त कुछ ऐसे ही कारनामों से लोगों को अचंभित कर देती है।
हमारी फिल्मों में अकसर दिखाया जाता है कि फिल्म का हीरो बाइक से आता है और गुंडों के छक्के छुड़ा देता है। पटना की सड़को पर भी कई बार कुछ ऐसा ही दृश्य देखने को मिलता है, लेकिन यहां बाइक पर कोई पुरुष नहीं बल्कि एक 19 साल की लड़की होती है।
पटना के अनीसाबाद के एक साधारण परिवार की नेहा देखने में एक आम और सीधी-साधी लड़की लगेगी। शांत स्वभाव की नेहा से पहली मुलाकात में वो बिलकुल आम घरेलू लड़कियों की तरह ही लगेगी। लेकिन ये आम लड़की आज समाज के लिए एक मिसाल बनी हुई है।
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ताइक्वांडो मास्टर नेहा काफी कम उम्र से ही ताइक्वांडो की ट्रेनिंग लेना शुरू कर दी थी। आज वो पटना की सभी महिला ऑटो चालक को मुफ्त में ताइक्वांडो की ट्रेनिंग भी देती हैं ताकि वे अपनी सुरक्षा खुद कर सकें।
पेशे से ऑटो चालक नेहा के पिता नवीन कुमार मिश्रा जो पटना जिला ऑटो चालक संघ के कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं उन्होंने बताया कि नेहा ने पटना की सभी महिला ऑटो चालकों को मुफ्त में ताइक्वांडो की ट्रेनिंग दी है l पटना में महिलाओं को ऑटो चालक के रूप में उतारने की पहल नेहा के पिता ने ही की थी और उनकी सुरक्षा के लिए उनकी बेटी नेहा ने उन्हें ताइक्वांडो की ट्रेनिंग देने का फैसला किया था।
नेहा ने बताया कि महिलाओं को ताइक्वांडो की ट्रेनिंग देना इतना आसान नहीं थी l शुरुआत में काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ा l औरतें साड़ी पहन कर आती थीं उनको ट्रेनिंग देना मुश्किल हो जाता था, मगर धीरे-धीरे हमने सभी चुनौतियों को पार करके सफलता हासिल की l
आज नेहा की बदौलत पटना की सड़कों पर महिला ऑटो चालक गुंडों और मनचलों के डर के बिना बेधरक ऑटो चला रही हैं l नवीन कुमार मिश्रा ने बताया कि ताइक्वांडो सिखने का ऑटो चालकों को फायदा भी हुआ है l एक ऑटो चालक ने बोरिंग रोड के पास एक मनचले की धुनाई भी की थी l
आज न सिर्फ नेहा निर्भीक हुई हैं बल्कि उसके दोस्त भी उसकी मौजूदगी में खुद को निर्भीक महसूस करते हैं। नेहा बताती हैं कि मैं पहले लोगों से बात करने में थोड़ा झिझकती थी, खुल कर बाते नहीं कर पाती थी, मगर ताइक्वांडो से मुझे बहुत हौसला मिला है l मुझमें बहुत कुछ बदलाव आया है, मुझे आत्मविश्वास मिला है l
आज नेहा के साथ अगर उसकी कोई दोस्त भी कही जाती हैं तो उसकी दोस्त के साथ ही उसकी दोस्त के माता पिता भी बेफिक्र रहते हैं कि नेहा उनकी बेटी के साथ हैं l नेहा का साथ उनमे भी हिम्मत पैदा करता है l4 भाई बहनों में दूसरे नंबर की नेहा के लिए ये सब इतना आसान भी नहीं था l
उसके पिता नवीन कुमार मिश्रा बताते हैं कि मुझे जितनी परेशानियों का सामना करना पड़ा मैं उसे शब्दों में बयां भी नहीं कर सकता l इन सब मुश्किलों के बीच भी नेहा के मां, पापा का साथ और उनकी हिम्मत ने नेहा को हमेशा आगे बढ़ने का हौसला देता रहा है l
नेहा की मां का कहना है कि आज मेरे सारे बच्चे कहीं भी जाते हैं तो मुझे डर नहीं लगता l मुझे पता है कि मेरे बच्चे अपनी सुरक्षा करना जानते हैं l आज नेहा ही नहीं उसके सारे भाई बहन भी ताइक्वांडो सीख रहे हैं l नेहा ऑफिसियल ताइक्वांडो चैंपियनशिप के जिला स्तरीय प्रतियोगिता में गोल्ड और राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में सिल्वर मेडल जीत चुकी हैं l
वही ताइक्वांडोशिप की एक दूसरी श्रेणी की प्रतियोगिता जिसे फ्रेंडशिप ताइक्वांडो चैंपियनशिप कहा जाता है, उसमे नेशनल लेवल में गोल्ड मेडल की विजेता रह चुकी हैंl इसके साथ ही नेहा ने स्कूल लेवल के चैंपियनशिप प्रतियोगिता में जिला और राज्य स्तर में गोल्ड मेडल जीता है l
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