सरकारी डॉक्टर ने नीलगाय को बना दिया 'हिरण', 8 साल से है कैद
नीलगाय को एक सरकारी डॉक्टर ने गलती से हिरन बना दिया। अब बेचारी नीलगाय अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है। उसे कैद कर रखा गया है।
पटना [जेएनएन]। बिहार सरकार के एक अधिकारी की गलती की सजा बेचारी नीलगाय आठ सालों से भुगत रही है। दरअसल एक सरकारी डॉक्टर की गलती के कारण बेजुबान नीलगाय हिरण बन गई और पिछले 8 सालों से कटिहार वन विभाग में फंसी है।
'सोनी' नाम की यह नीलगाय सरकारी अधिकारियों से गुहार लगा रही है कि साहब मैं हिरण नहीं बल्कि नीलगाय हूं। मुझे बंधन से मुक्त कर दो। कटिहार वन एवं पर्यावरण कार्यालय में रखी गयी यह बेजुवान जानवर शायद कुछ इस अंदाज में अपना दर्द को बयां कर रही है।
2010 में बिहार के कटिहार के अमदाबाद थाना क्षेत्र के दियारा से इसके मिलने की सूचना के बाद वन विभाग ने इसे यहां लेकर यहां लाया था लेकिन तत्कालीन पशु चिकित्सक जांच के क्रम में गलती से इस नीलगाय को हिरण लिख दिया। तब से अब तक अपना वजूद साबित करने की चक्कर में यह नीलगाय लगी हुई है।
वहीं जिला वनकर्मी भी हर दिन इस नीलगाय की बेबसी को देखकर दुखी हैं। जिला वन पदाधिकारी विजय कुमार दास कहते है कि सरकारी नियम के अनुसार हिरण को वह छोड़ नही सकते है। डॉक्टर की गलती के कारण ऐसी स्थिति हुई है। वह इस बारे में कई बार अपने विभाग को लिख चुके हैं लेकिन अब तक नतीजा सिफर है।
नीलगाय आठ साल की हो गई है और इसे मीटिंग की जरुरत है लेकिन हमलोग इसकी मदद नहीं कर पा रहे हैं।
वनकर्मी जोगेंद्र ऋषि का कहना है कि हमलोग पिछले 8 सालों से इसकी देखभाल कर रहे हैं और हमलोग यह साबित नहीं कर पाये हैं कि यह हिरण नहीं बल्कि नीलगाय है।
जिले के प्रसिद्ध पर्यावरणविद टी एम तारक का कहना हैै कि कानूनी तौर पर यह एक गंभीर अपराध है और इस बारे में वह भी अपने संस्था के माध्यम से जल्द से जल्द जिला अधिकारी से मिलकर इस पर सुधी लेने की बात करेंगे।
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