जामताड़ा नहीं अब बनारस बना साइबर क्राइम का नया हब, यह रिपोर्ट उड़ा देगी आपके होश...
वाराणसी के रोहनिया में एक फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ हुआ। पुलिस ने छापेमारी कर 32 लोगों को गिरफ्तार किया जो पूरे देश में ठगी कर रहे थे। कॉल सेंटर निवेश और लोन के नाम पर लोगों को धोखा देता था। सूचना पर पुलिस ने कार्रवाई की और मौके से लैपटाप डेस्कटॉप और लाखों रुपये बरामद किए।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। जामताड़ा का खौफ इधर पुलिस खत्म करने में जुटी तो दूसरी ओर बनारस दूसरे बड़े और खतरनाक साइबर फ्राड के सेंटर के रूप में उभर गया। बनारस में जापान की ओर से बीते दिनों साइबर फ्राड की शिकायत आने के बाद कार्रवाई की गई थी।
दूसरी ओर लगातार देश भर के तमाम साइबर फ्राड का कनेक्शन बनारस से जुड़ने के बाद एजेंसियों के रडार पर बनारस आ गया है। बनारस के साइबर ठगी के मामले दरअसल विदेशों तक से जुड़ने से अधिकारी भी हैरान परेशान हैं। जामताड़ा के साइबर ठग तो देश में ठगी का गिरोह चलाते थे लेकिन बनारस के ठगों का जाल तो वैश्विक हो चुका है।
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विशेषज्ञ बताते हैं कि बनारस में युवाओं की फौज है, विदेशी भाषा सीखने के तमाम अवसर हैं और कई विश्वविद्यालय विदेशी भाषाओं में युवाओं को पारंगत कर रहे हैं। विदेशी टूरिस्ट को हैंडल करने का अनुभव रखने वाले भी तमाम युवाओं के इस प्रकार के मामलों में लिप्त पाए जाने की संभावनाएं बलवती हो रही हैं। बेरोजगारी का दंश और काल सेंटर आपरेटरों की साजिश के शिकार विदेशी भाषा के जानकार युवा भी बन रहे हैं। बीते दिनों जापान का मामला सामने आने के बाद अब रोहनिया में भी काल सेंटर पकड़े जाने के बाद और भी फर्जी साइबर ठगी वाले काल सेंटरों के सामने आने की संभावनाएं बलवती हुई हैं।
एक दिन पूर्व रोहनिया में बंद पड़े कंप्यूटर सेंटर में फर्जी काॅल सेंटर के संचालन का खेल बुधवार देर रात उजागर हुआ। कंप्यूटर सेंटर के इर्द-गिर्द असम, नागालैंड, महाराष्ट्र के संदिग्ध लोगों की बढ़ती गतिविधियां देख रोहनिया पुलिस ने उच्चाधिकारियों को इनपुट दिए। इसके बाद तीन आइपीएस के नेतृत्व में छापेमारी हुई तो सनसनीखेज खेल उजागर हुआ।
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मौके से गिरफ्तार 32 युवक-युवतियों ने बताया कि काल सेंटर से पूरे देश में ठगी की जा रही थी। पुलिस को मौके से लाखों रुपये, 40 लैपटाॅप-डेस्कटाॅप आदि बरामद हुए। बरामद इलेक्ट्राॅनिक उपकरणों के साक्ष्यों से छेड़छ़ाड़ न हो जाए, इसके लिए साइबर सेल और फॉरेंसिक टीम देर रात तक ऑपरेशन में जुटी रही।
वरुणा जोन के डीसीपी प्रमाेद कुमार ने बताया कि रोहनिया अंतर्गत अखरी पुलिस चौकी अंतर्गत अवलेशपुर में जीवन हास्पिटल के पास बंद पड़े कंप्यूटर सेंटर में फर्जी कॉल सेंटर चल रहा था। रोहनिया पुलिस काे इनपुट स्थानीय लोगों ने इस आशंका पर दी कि कई प्रांतों के संदिग्ध युवा बंद कंप्यूटर सेंटर में डेरा जमाए हैं। ये लोग कार से बंद पड़े कंप्यूटर सेंटर से निकलते और होटल चले जाते। आस-पड़ोस के लोगों से कोई मतलब नहीं रखते थे। युवाओं की टीम में नागालैंड, असम के युवाओं को देख लोग डर गए जिसके बाद रोहनिया पुलिस को सूचना दी।
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डीसीपी क्राइम सरवणन टी ने बताया कि इंस्पेक्टर राजू सिंह ने इनपुट कलेक्ट करके सूचना दी, जिसपर पूरी तैयारी के साथ छापेमारी की गई। एडीसीपी नीतू ने एसीपी संजीव शर्मा व रोहनिया थाने की फोर्स के साथ छापेमारी की, जबकि मैं साइबर के नजरिए से मौजूद रहा। पुलिस की पूछताछ में पता चला कि यहां से निवेश और लोन के नाम पर कस्टमर को फोन कर उनके साथ धोखाधड़ी की जाती है। कुछ काल पार्सल के नाम पर करके लोगों को ब्लैकमेल कर उनसे रुपये ऐंठे जाते थे। एडीसीपी नीतू ने बताया कि पकड़े गए लोगों से पूछताछ की जा रही, जिससे मुख्य आरोपित तक पहुंचा जा सके।
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