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    सोनभद्र के अस्पताल में लटका रहा ताला, गेट पर तड़पती रही गर्भवती, सड़क पर बच्चे को दिया जन्म

    Updated: Fri, 05 Sep 2025 11:48 AM (IST)

    सोनभद्र के बीजपुर में एक गर्भवती महिला को अस्पताल के बाहर प्रसव पीड़ा सहनी पड़ी क्योंकि अस्पताल बंद था और कोई भी स्वास्थ्य कर्मी उपलब्ध नहीं था। महिला ने सड़क पर ही बच्चे को जन्म दिया जिससे परिवार में आक्रोश है। परिजनों ने लापरवाह स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

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    सोनभद्र में सड़क पर मह‍िला ने बच्चे को दिया जन्म।

    जागरण संवाददाता, बीजपुर (सोनभद्र) : संवेदनहीनता और लापरवाही की एक शर्मनाक घटना बीजपुर पुनर्वास प्रथम में गुरुवार की रात घटित हुई, जब एक गर्भवती महिला सरकारी अस्पताल के बाहर घंटों तड़पती रही।

    अस्पताल के गेट पर ताला लटका रहा और फोन करने के बावजूद कोई स्वास्थ्य कर्मी मौके पर नहीं पहुंचा। अंततः महिला ने सड़क पर ही बच्चे को जन्म दे दिया। इस घटना ने मानवता को शर्मसार कर दिया है और स्वजन ने शासन-प्रशासन से ऐसे लापरवाह कर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

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    पीड़ित ने बताया कि उनकी पत्नी का चेक अप प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बीजपुर पुनर्वास में चल रहा था। गुरुवार की रात उनकी पत्नी को प्रसव पीड़ा शुरू हुई। उन्होंने आशा कार्यकर्ता को फोन किया, जो मौके पर पहुंच गई। आशा कार्यकर्ता ने स्थिति देखकर एएनएम को फोन किया, लेकिन एएनएम या कोई अन्य स्वास्थ्य कर्मी मौके पर नहीं आया। प्रसव पीड़ा से तड़पती महिला ने अंततः प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के सामने सड़क पर ही बच्चे को जन्म दिया।

    इस घटना से आक्रोशित परिजनों ने स्वास्थ्य कर्मियों की घोर लापरवाही की जांच की मांग की है। उन्होंने मुख्य चिकित्साधिकारी से अनुरोध किया है कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। सीएमओ डा. अश्वनी कुमार ने मामले की जांच का आश्वासन दिया है और कहा है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

    यह घटना स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पर गंभीर सवाल उठाती है। जब एक गर्भवती महिला को समय पर चिकित्सा सहायता नहीं मिलती, तो यह न केवल उसके जीवन के लिए खतरा बनता है, बल्कि समाज की संवेदनशीलता पर भी प्रश्नचिह्न लगाता है। ऐसे में आवश्यक है कि स्वास्थ्य विभाग इस मामले को गंभीरता से ले और सुनिश्चित करे कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।

    स्वजन की मांग है कि इस घटना के जिम्मेदार कर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में किसी अन्य गर्भवती महिला को ऐसी स्थिति का सामना न करना पड़े। यह घटना एक चेतावनी है कि स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की आवश्यकता है, ताकि सोनभद्र जैसे ज‍िले में मानवता की गरिमा को बनाए रखा जा सके।

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