बिहार के चुनाव में बनारसी अचार के नाम पर दारू का शुरूर, अचार के डिब्बे से बिहार में खपाई जा रही अंग्रेजी शराब
वाराणसी के कैंट स्टेशन पर पार्सल कार्यालय में शराब तस्करी का पर्दाफाश हुआ। 32 कनस्तरों में भरकर 288 बोतलें पटना भेजी जा रही थीं। संदेह होने पर स्कैनिंग की गई तो शराब बरामद हुई। जीआरपी ने एक युवक को गिरफ्तार किया है। जांच में पता चला कि शराब बिहार के सारण निवासी विनोद गुप्ता की है।

जागरण संवादाता, वाराणसी। बिहार के चुनाव में शराब की डिमांड इतनी अधिक है कि उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल से नित नए तौर तरीकों के साथ दारू की आपूर्ति बिहार में की जा रही है। बलिया, गाजीपुर और चंदौली के बाद अब बनारस में नए जुगत के साथ शराब की खपत मांग को देखते हुए बिहार में खूब हो रही है। इसी कड़ी में कैंट स्टेशन स्थित पार्सल कार्यालय में गुरुवार शाम शराब तस्करी का खेल उजागर हुआ।
तस्करों ने 32 कनस्तर का 16 पार्सल पैकेट बनाकर पटना के लिए बुक कर दिया। पार्सल कर्मियों को शक हुआ तो पैकेट दोबारा स्कैनिंग कराने पर शक और गहरा गया। जीआरपी-आरपीएफ के सामने पार्सल पैकेट खोला गया तो उसमें से 288 बोतल अंग्रेजी शराब बरामद हुई। हरियाणा निर्मित शराब की कीमत लाखों में आंकी गई है। जीआरपी ने फुलवरिया के वरुणापुरी कालोनी निवासी कृष्णा गुप्ता को गिरफ्तार किया है। स्टेशन निदेशक अर्पित गुप्ता ने मौका मुआयना किया।
दिन में 11 बजे शत्रुग्ध राय नामक व्यक्ति 16 पार्सल पैकेट का खेप लेकर गुरुवार को वाराणसी पहुंचा।उसने वहां मिले हैंडलर कृष्णा गुप्ता के जरिए पार्सल पैकेट पटना निवासी सुल्तान के नाम से बुक करा दिया। खास बात यह कि पार्सल पैकेट में शराब होने की बात को स्कैनिंग मशीन भी नहीं पकड़ पाई। चूंकि उस समय कोई ट्रेन नहीं थी, लिहाजा पार्सल पैकेट वहीं पड़ा रहा। किन्हीं परिस्थितियों में पार्सल कर्मचारियों को शक हुआ तो जीआरपी प्रभारी राजोल नागर, आरपीएफ इंस्पेक्टर संदीप यादव, कांस्टेबल प्रमोद सिंह पहुंचे थे। जिसके बाद उनकी उपस्थिति में जांच कराई गई तो खेल उजागर हो गया।
सारण निवासी विनोद की थी शराब
पुलिस की जांच में सामने आया है कि शराब बिहार के सारण निवासी विनोद गुप्ता की है। जिसने अपने शागिर्द शुत्रुग्ध राय के जरिए पार्सल बुक कराया था। बिहार के शराब बंदी और आगामी चुनाव से जोड़कर शराब तस्करी को देखा जा रहा है। सुरक्षा कर्मियाें की जांच के दौरान एक बात चर्चा में रही कि दो दिन पूर्व ऐसे ही पार्सल पैकेट बुक कराए गए थे।
700 की बोतल बिकती है दो हजार में
हरियाणा निर्मित शराब की बोतल रायल स्टैग यूपी में करीब 700 रुपये बोतल है, जो बिहार में दो हजार में बिकती है। ग्राहक भी खोजना नहीं पड़ता। लोग चोरी छिपे खुद ही बिक्रेता के पास पहुंच आते हैं। विक्रेता जेबें भरने के लिए आन डिमांड लोगों के घर तक भी पहुंचाते हैं।
बोले अधिकारी
रेलकर्मियों की सक्रियता से बड़ी मात्रा में शराब पकड़ी गई है। आरपीएफ और जीआरपी के स्तर पर कार्रवाई चल रही है। स्कैनिंग मशीन में शराब क्यों नहीं दिखे, इसकी जांच कराई जाएगी।
-अर्पित गुप्ता, निदेशक कैंट स्टेशन।
तस्करों और उनके सहयोगियों पर कसेंगे शिकंजा : सीओ
पुलिस उपाधीक्षक कुंवर प्रभात सिंह ने बताया कि कई स्तर पर झोल देखने को मिल रहा है। स्कैनिंग मशीन कैसे कमजोर पड़ गई, उसकी क्षमता की जांची जाएगी। कृष्णा गुप्ता गिरफ्तार है, जबकि कई और नाम अभी तक की जांच में सामने आए हैं। कई बिंदुओं पर जांच होगी, तस्करी में लिप्त एक-एक व्यक्ति पर कार्रवाई होगी।
तस्कर अचार और मुरब्बा के डिब्बे में भेजते थे शराब
वर्ष 2023 में मामा-भांजे का गिरोह ट्रांसपोर्ट के जरिए अचार और मुरब्बा के नाम पर शराब की बोतलें बिहार भेजते थे।उस समय सिगरा इंस्पेक्टर रहे राजू सिंह ने खेल उजागर किया था। पुलिस यूपी से बिहार तक छापेमारी कर गिरोह को बेनकाब किया था।
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