BHU कुलपति के सामने उठे नियुक्ति और सुरक्षा जैसे मुद्दे, रैंकिंग सुधारने के लिए प्रयास पर जोर
BHU Vice Chancellor बीएचयू के कुलपति प्रो. अजीत कुमार चतुर्वेदी की बैठक के दौरान उनके समक्ष नियुक्ति ही नहीं पूर्व के दौरान बीएचयू में छात्राओं संग छेड़खानी जैसे मामले भी सामने आए हैं। वहीं बीएचयू की रैंकिंग में सुधार के लिए भी अपेक्षित जानकारियां देते हुए बीएचयू को और आगे बढ़ाने पर भी परिचर्चा हुई है।

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इस बाबत अलग अलग विभागों की ओर से भी विकास और सुरक्षा के अलावा अन्य मसलों को लेकर सुझाव आए हैं। दरअसल बीएचयू के कुलपति प्रो. अजीत कुमार चतुर्वेदी बुधवार पहली बार संस्थानों के निदेशक और संकाय प्रमुखों से रूबरू हुए। केंद्रीय कार्यालय पर आयोजित बैठक में नान टीचिंग स्टाफ की नियुक्ति और सुरक्षा जैसे मुद्दे प्रमुखता से उठे। उनका निराकरण करने का आश्वासन दिया। रैंकिंग को ऊपर लाने के लिए विशेष कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए।
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कहा कि कई बार बहुत छोटे-छोटे बदलाव भी बड़े परिणाम ला सकते हैं, लेकिन महत्वपूर्ण यह है कि इस दिशा में पहल की जाए। महामना पंडित मदन मोहन मालवीय ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना एक उद्देश्य के साथ की थी, इसके लिए हम सभी को एक टीम की तरह कार्य करना होगा। महामना की विरासत को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी है। जिसे हम तभी निभा सकते हैं, जब अपनी सर्वोत्तम क्षमता से संस्था की सेवा करें।
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बैठक में विश्वविद्यालय के विकास के लिए विभिन्न पहलुओं पर विचार किया गया, जिनमें अनुसंधान एवं विकास, नवाचार, सहयोग, छात्र कल्याण, शिक्षक चयन और विश्वविद्यालय की रैंकिंग सहित अन्य विषय शामिल थे। निदेशकों और संकाय प्रमुखों ने प्रमुख उपलब्धियों और चुनौतियों की जानकारी कुलपति को दी। कुलपति ने कहा कि चुनौतियों को प्राथमिकता के आधार पर सुलझाया जाए ताकि समग्र प्रदर्शन में और अधिक सुधार हो सके।
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तत्परता की भावना शीर्ष नेतृत्व से लेकर विश्वविद्यालय में विभिन्न स्तरों पर कार्यरत प्रत्येक सदस्य में होनी चाहिए। विश्वविद्यालय के प्रमुख पदों पर कार्यरत और नेतृत्व की भूमिका में शामिल अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि वे अपनी टीम के अन्य सदस्यों में आशा और सकारात्मकता का भाव उत्पन्न करें।
विभिन्न क्षेत्रों में विवि की प्रगति और उपलब्धियों को और अधिक उजागर करने की आवश्यकता पर बल देते हुए कुलपति ने कहा कि सभी इकाइयों को एक-दूसरे का सहयोग और मार्गदर्शन कर चुनौतियों को पार करते हुए साझा लक्ष्यों को प्राप्त करना चाहिए।
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