बीएचयू में एमबीबीएस की छात्रा से छेड़खानी करने के आरोप में तीन पूर्व छात्र गिरफ्तार
वाराणसी के बनारस हिंदू विश्वविद्यालय परिसर में तीन पूर्व छात्रों को एक एमबीबीएस छात्रा के साथ छेड़छाड़ के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। छात्रा अपने दोस्तों के साथ लाइब्रेरी से छात्रावास लौट रही थी तभी मोटरसाइकिल सवार युवकों ने उसके साथ छेड़छाड़ की। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और जांच जारी है।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के तीन पूर्व छात्रों को मंगलवार तड़के विश्वविद्यालय परिसर में एक एमबीबीएस छात्रा के साथ कथित छेड़छाड़ के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने इस घटना की जानकारी दी है। वहीं सीसीटीवी फुटेज की पड़ताल भी की जा रही है।
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पुलिस उपायुक्त (डीसीपी), काशी क्षेत्र, गौरव बंसवाल ने बताया कि यह घटना सुबह लगभग साढ़े तीन बजे हुई, जब छात्रा अपने दोस्तों के साथ लाइब्रेरी से अपने छात्रावास लौट रही थी। बंसवाल के अनुसार, मोटरसाइकिल पर सवार तीन युवकों ने छात्रा के साथ छेड़छाड़ की और उसे मारपीट करने का प्रयास भी किया। इस घटना के संबंध में छात्रा की एक साथी द्वारा दी गई लिखित शिकायत के आधार पर आरोपियों के खिलाफ छेड़छाड़ और मारपीट से संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
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डीसीपी बंसवाल ने कहा, "तीनों आरोपी बीएचयू के पूर्व छात्र हैं और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है।" उन्होंने आगे बताया कि पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है और मामले की जांच जारी है।
इस घटना ने विश्वविद्यालय परिसर में सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है। छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन को और अधिक सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है। छात्राओं के साथ इस तरह की घटनाएं न केवल उनके मानसिक स्वास्थ्य पर असर डालती हैं, बल्कि यह विश्वविद्यालय की छवि को भी प्रभावित करती हैं।
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छात्राओं के लिए सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करना विश्वविद्यालय प्रशासन की प्राथमिकता होनी चाहिए। इस घटना के बाद, छात्राओं में भय और असुरक्षा की भावना बढ़ गई है। ऐसे में यह आवश्यक है कि विश्वविद्यालय प्रशासन इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करे और सुरक्षा उपायों को सख्त करे। पूर्व में हुई वारदात भी इस बात की गवाही दे रही है कि परिसर पूरी तरह से सुरक्षित नहीं है।
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हालांकि पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई की है, जो प्रशंसनीय है। यह भी आवश्यक है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। इसके लिए, विश्वविद्यालय को सुरक्षा गार्डों की संख्या बढ़ाने, सीसीटीवी कैमरों की निगरानी को सख्त करने और छात्राओं के लिए विशेष सुरक्षा प्रोटोकाल लागू करने की आवश्यकता है। पूर्व में वारदातों को अगर सबक लिया गया होता तो यह स्थिति संभवत: नहीं होती।
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इस घटना ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा और छेड़छाड़ की घटनाएं समाज में एक गंभीर समस्या बनी हुई हैं। समाज के सभी वर्गों को इस दिशा में जागरूकता फैलाने और महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए एकजुट होना होगा।
इस प्रकार की घटनाओं के खिलाफ सख्त कानून और प्रभावी कार्यवाही ही समाज में बदलाव ला सकती है। हमें उम्मीद है कि इस मामले में न्याय मिलेगा और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं होगी।
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