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    वाराणसी में गंगा शांत, पर पश्चिमी UP की नदियां बढ़ा रहीं बाढ़ का खतरा, तटवर्ती इलाकों में फ‍िर च‍िंता

    Updated: Tue, 12 Aug 2025 02:12 PM (IST)

    वाराणसी में गंगा का जलस्‍तर खतरे के बिंदु से नीचे आ गया है लेकिन पहाड़ों पर भारी बारिश के कारण पश्‍च‍िम में नदियों का जलस्‍तर बढ़ रहा है। यमुना का जलस्‍तर भी लगातार बढ़ रहा है और पानी आसपास के गांवों में प्रवेश कर गया है। चंबल से म‍िलकर पानी प्रयागराज होते हुए वाराणसी तक पहुंचने की उम्‍मीद है।

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    वाराणसी में एक बार फ‍िर से पानी बढ़ने की संभावना है।

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। पूर्वांचल भर में गंगा में बाढ़ का पानी भले ही लौटने लगा है लेक‍िन पहाड़ों पर भारी बार‍िश हो रही है। इसका असर अब पश्‍च‍िम में होने लगा है। वहां से गंगा सह‍ित अन्‍य नद‍ियों के माध्‍यम से भारी बार‍िश का पानी अगले कुछ द‍िनों में वाराणसी तक पहुंच सकती हैं। 

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    वाराणसी में गंगा अब खतरा ब‍िंदु और चेतावनी ब‍िंंदु के नीचे तक आ चुकी हैं। हालात यह है क‍ि मीरजापुर में गंगा में नौका संचालन तक को अनुमति‍ दे दी गई है। मगर पीछे से आ रहा पानी काफी चुनौती दे सकता है। गंगा के साथ ही यमुना का जलस्‍तर भी लगातार बढ़ रहा है। सोमवार की शाम तक मथुरा में यमुना के जल स्तर में 10 सेमी की बढ़ोत्‍तरी के साथ जलस्‍तर 165.10 मीटर पर पहुंच गया था। वहां खतरे का निशान 166 मीटर हैं। यमुना का पानी आसपास के गांवों की सड़कों पर पानी पहुंच गया है। इटावा में पंचनद के रास्‍ते चंबल से म‍िलकर आगे प्रयागराज में गंगा से होते हुए वाराणसी में पहुंचने की उम्‍मीद है।

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    कासगंज में गंगा का जलस्तर हाईफ्लड जोन से 14 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया है। सोमवार की दोपहर कछला पर गेज 163.05 मीटर मापा गया, जबकि हाईफ्लड जोन 162.91 मीटर है। सोरों व पटियाली क्षेत्र के करीब 25 गांव में गंगा का पानी अन्दर तक प्रभावित कर रहा हैं। लहरा पर कुष्ठाश्रम, अपना घर आश्रम और आसपास के गांवों में पानी भर गया है। सहावर क्षेत्र में सुन्नगढ़ी, शहबाजपुर में पुलिया ढहने से आधा दर्जन गांवों का संपर्क टूट गया है। स्कूलों में पानी भरने से पढ़ाई प्रभावित है।

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    बिजनौर में सोमवार सुबह गंगा में 1.27 लाख क्यूसक पानी था। मंगलवार की शाम चार बजे तक गंगा के जलस्तर में वृद्धि दर्ज की गई और जल स्तर बढ़कर 1.53 लाख क्यूसक हो गया। रात में भी जलस्तर में वृद्धि की संभावना है। हालांकि अभी बाढ़ का कोई खतरा नहीं है। ऐसे ही मालन नदी का जल स्तर भी फिलहाल स्थिर है। साथ ही किनारे के गांवों में भरा पानी भी कम होने लगा है और किसान अपने खेतों से चारा लेकर आ रहे हैं। गंगा बैराज पुल पर सिर्फ दोपहिया वाहनों को निकलने दिया जा रहा है। 

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