कानपुर में एसटीपी के खुले नाले में गिरकर तीन साल की बच्ची की मौत, जिम्मेदार कंपनी के सचिव बोले-'सारी'
कानपुर में दिलदहलाने वाला हादसा हुआ। कानपुर के जाजमऊ में एक तीन वर्षीय बच्ची की एसटीपी के खुले नाले में गिरने से मौत हो गई। इस घटना के बाद जिम्मेदार कंपनी के सचिव का असंवेदनशील बयान सामने आया है, जिससे स्थानीय लोगों में आक्रोश है।

जाजमऊ बुढ़िया घाट स्थित नाले में 3 साल की बच्ची सानिया के गिर जाने से मौत हो जाने के बाद रोता पिता जकी अहमद। क्षेत्रीय नागरिक
जागरण संवाददाता, कानपुर। जाजमऊ में बैंडमिंटन खेल रही तीन साल की मासूम बच्ची की 12 फीट गहरे खुले नाले में गिरने से मौत हो गई। साथ खेल रहे बच्चों ने घटना की जानकारी बच्ची के स्वजन को दी तो अफरा-तफरी मच गई। आनन-फानन में सभी भागकर मौके पर पहुंच गए। इलाके के एक युवक ने खुद की जान की परवाह किए नाले में उतरकर बच्ची को बाहर निकाला।
इसके बाद निजी अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डाक्टर के मृत घोषित करने पर कोहराम मच गया। इधर, घटना की सूचना मिलते ही एसीपी कैंट आकांक्षा पांडेय भी फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गईं। एसीपी ने एसटीपी का संचालन करने वाली जाजमऊ टेनरी एफ्लुएंट ट्रीटमेंट एसोसिएशन (जटेटा) कंपनी के सचिव को सारी बोलने पर जमकर फटकारा।
मूलरूप से लखनऊ के मौजम नगर चौक में रहने वाला जकी अहमद चमड़ा फैक्ट्री में मजदूरी करता है। वर्तमान में वह पत्नी मुस्तरा और चार बेटियों सात वर्षीय अलीबा, पांच वर्षीय अलीशा, तीन वर्षीय सानिया और तीन माह की अल्फिजा के साथ जाजमऊ के बुढ़िया घाट इलाके में रहता है। बुधवार को सानिया दो बच्चों के साथ घर के बाहर बैंडमिंटन खेल रही थी। इसी दौरान सानिया के हाथ में बैडमिंटन छूटकर नाले में जा गिरा, जिसे वह निकालने का प्रयास कर रही थी।
साथ खेल रहे बच्चों ने दी जानकारी
अचानक से उसका पैर फिसला और सीधे खुले नाले जा गिरी। उसके नाले में गिरते ही साथ खेल रहे भागकर सानिया के घर पहुंचे और उसकी मां मुस्तरा को घटना की जानकारी दी। मुस्तरा के साथ ही मुहल्ले वाले भी भागकर नाले के पास पहुंचे और उसे तलाशने का प्रयास करने लगे। सानिया नाले में कुछ पता नहीं चलने पर वहां मौजूद इलाके में रहने वाला सलमान नाले में उतार गया। सलमान ने जान जोखिम में डालकर सानिया को नाले से बाहर निकाला। हालांकि जहरीली गैस की चपेट में आने से बच्ची की जान नहीं बच सकी।
दो दिन में नाला बंद कराने के निर्देश
घटना की सूचना पर एसीपी कैंट, जटेटा कंपनी के सचिव मो. रिजवान नादरी और नगर निगम के अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। एसीपी ने जटेटा सचिव से लापरवाही का कारण जानने की कोशिश की तो वह सारी बोलने लगे। इस पर एसीपी का गुस्सा भड़क गया। उन्होंने फटकारते हुए कहा कि आपकी लापरवाही से एक बच्ची की जान चली गई और आप सारी बोल रहे हैं। एसीपी ने बताया कि जटेटा सचिव को खुले नालों को दो दिन बंद कराने का निर्देश दिया है। साथ ही पीड़ित परिवार को मुआवजा दिलाने के लिए भी कहा गया है।
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