Delhi Blast: Kanpur मेडिकल कालेज पहुंची इंटेलिजेंस, शाहीन के साथ-साथ इन चार डाक्टरों के भी खंगाले दस्तावेज
Delhi Blast: कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में इंटेलिजेंस टीम ने शाहीन सईद और अन्य बर्खास्त डॉक्टरों के दस्तावेजों की जांच की। शाहीन फार्माकोलॉजी विभाग की प्रवक्ता थीं। टीम ने उनकी ज्वाइनिंग, कार्यकाल और बिना सूचना के गायब होने से संबंधित रिकॉर्ड देखे। अन्य डॉक्टरों की फाइलें भी खंगाली गईं और टीम शाहीन के पुराने घर भी गई।

जागरण संवाददाता, कानपुर। Delhi Blast: जीएसवीएम मेडिकल काॅलेज में वर्ष 2006 से 2013 तक लगभग आठ साल फार्माकोलाजी की प्रवक्ता रही शाहीन सईद को लेकर कानपुर में इंटेलिजेंस लगातार छापेमारी कर रही। उससे जुड़े दस्तावेज की जांच के लिए बुधवार को मेडिकल काॅलेज इंटेलीजेंस की टीम पहुंची। टीम के सदस्यों ने काॅलेज के रिकाॅर्ड सेक्शन में जाकर शाहीन व उसके साथ शासन की ओर से बर्खास्त हुए चार अन्य डाॅक्टरों के प्रपत्रों की जांच की। करीब एक घंटे तक प्रपत्रों की जांच करने के साथ शाहीन की ज्वाइनिंग, विभागाध्यक्ष के कार्यकाल व अचानक बिना सूचना दिए 2013 में जाने के दौरान हुए पत्राचार देखे।
जैश की सफेदपोश आतंकी शाहीन जीएसवीएम मेडिकल कालेज के फार्माकोलाजी विभाग में एक सितंबर 2012 से 31 दिसंबर 2013 तक विभाग की प्रमुख रही। इस दौरान शाहीन से जुड़े प्रपत्र काॅलेज के रिकार्ड सेक्शन में अभी भी सुरक्षित रखे हैं। इसकी जांच करने के लिए क्राइम इंटेलीजेंस के सदस्य पहुंचे। जिन्होंने काॅलेज के प्राचार्य प्रो. संजय काला से शाहीन से जुड़ी जानकारी हासिल की। इसके बाद रिकाॅर्ड सेक्शन में जाकर शाहीन की प्रारंभिक पढ़ाई से लेकर विभागाध्यक्ष रहने के दौरान हुए पत्राचार की फाइल देखी।
पुराने घर एल 29 भी पहुंची
क्राइम इंटेलीजेंस के सदस्यों ने शाहीन के साथ शासन की ओर से बर्खास्त हुए फिजियोलाजी के डाॅ. हफीजुल रहमान, एनाटामी के डाॅ. हामिद अंसारी तथा सर्जरी विभाग के डाॅ. निसार अहमद की फाइल को भी देखा। बताया जा रहा है कि इंटेलीजेंस की टीम एल ब्लाॅक में बने शाहीन के पुराने घर एल 29 भी पहुंची थी। प्राचार्य प्रो. संजय काला ने बताया कि जांच टीम की लिखित मांग पर जो भी दस्तावेज उन्हें देखने थे, वो सब दिखाए गए हैं।
कानपुर में एनजीओ की बैंक डिटेल भी खंगाल रही इंटेलिजेंस
दिल्ली धमाके के षड्यंत्र में शामिल डाॅ. शाहीन के कई करीबी फंडिंग के लिए चार माह से एनजीओ के संपर्क में थे। एनजीओ संचालकों से इनकी 70 व 30 प्रतिशत की डील होने की बात सामने आ रही है। इस गिरोह के सदस्यों के मछरिया, बाबूपुरवा, बेकनगंज, चमनगंज व जाजमऊ, चकेरी समेत कई मुहल्लों में होने की जानकारी मिल रही है।

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