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    दीनू उपाध्याय कानपुर का गैंग्स्टर घोषित! गिरोह में 25 सदस्य, इसमें कई अपराधी और वकील

    Updated: Sun, 26 Oct 2025 06:51 PM (IST)

    कानपुर में पिंटू सेंगर हत्याकांड से जुड़े अधिवक्ता दीनू उपाध्याय और उनके 24 साथियों पर गैंग्स्टर एक्ट लगा है। दीनू के इंटर रेंज गैंग में 26 सदस्य हैं। ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, कानपुर। पिंटू सेंगर हत्याकांड में जेल में बंद अधिवक्ता दीनू उपाध्याय और उसके 24 अन्य साथी अब गैंग्स्टर हो गए हैं। दीनू के इंटररेंज गैंग में 26 सदस्यों के नाम दर्ज हैं, लेकिन नवाबगंज में शनिवार देर रात उत्तर प्रदेश गिरोहबंद और समाज विरोधी क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम, 1986 के तहत हुए मुकदमे में दीनू के अलावा 24 अन्य को आरोपित बनाया गया है।

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    आठ सितंबर 2025 को पुलिस ने दीनू के गिरोह का पंजीकरण किया था और इसके गिरोह को इंटररेंज गैंग (आसपास के जनपदों में भी अपराध) के रूप में मान्यता दी गई है। गैंग का सरगना दीनू को बनाया गया। पहले चरण में दीनू के अलावा गिरोह में 20 अन्य सदस्यों में नाम शामिल थे। इनमें हिस्ट्रीशीटर रामखिलावन, विमला देवी, शुभम कुमार, अजय शर्मा, उपेंद्र सिंह भदौरिया, उदय नारायण, आलोक मिश्रा, अनूप शुक्ला, अरिदमन सिंह, धर्मेंद्र यादव, धीरज दुबे, दीपक जादौन, गोपाल सिंह, मनु उपाध्याय, नारायण भदौरिया, नीरज दुबे, संजय उपाध्याय, सत्येंद्र त्रिवेदी, श्रोत गुप्ता, विकास ठाकुर के नाम शामिल थे।

    तीन दिन पहले गिरोह में जांच के बाद अधिवक्ता व भाजपा नेता अमन शुक्ला व रचित पाठक के अलावा सगे भाई भानु प्रकाश व भुवन प्रकाश और राधेश्याम के नाम भी गिरोह में जोड़े गए। इस तरह दीनू का यह गैंग 26 सदस्यीय हो गया था। गिरोह में 17 आरोपित वकील हैं। डीसीपी सेंट्रल श्रवण कुमार सिंह ने बताया कि शनिवार देर रात दीनू और उसके गिरोह के 24 अन्य सदस्यों को आरोपित बनाकर गैंग्स्टर का मुकदमा दर्ज किया गया। गिरोह में शामिल धीरज दुबे को फिलहाल राहत है।

    चकेरी में मनोज गुप्ता द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमे में धीरज दुबे आरोपित है, लेकिन उस मामले में उसकी गिरफ्तारी अब तक नहीं हो सकी है। चार्जशीट फाइल न होने से तकनीकी दृष्टि से उसे राहत मिली है। धीरज दुबे एक अन्य आरोपित नीरज दुबे का सगा भाई है।

    वहीं नवाबगंज थाना प्रभारी केशव कुमार तिवारी ने बताया कि मुकदमे में आरोपित बनाए गए तमाम आरोपित जेल में हैं। जो जेल से बाहर हैं, मुकदमा दर्ज होने के बाद उनकी गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि आरोपितों की संपत्तियों का चिह्नांकन शुरू कर दिया गया है। जल्द ही गैंग्स्टर एक्ट के तहत आरोपितों की संपत्तियों को पुलिस जब्त करेगी।

    पिंटू सेंगर हत्याकांड में नाम आने के बाद चर्चित हुआ दीनू


    20 जून 2020 को चकेरी थानाक्षेत्र में पिंटू सेंगर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पिंटू एक विवादित जमीन के संबंध में समझौते के लिए चकेरी थानाक्षेत्र स्थित सपा के पूर्व जिला अध्यक्ष रहे चंद्रेश सिंह के घर पहुंचे थे, जहां बदमाशों ने कार से नीचे उतरते ही उन पर गोलियां बरसाकर हत्या कर दी। हत्याकांड में पिंटू सेंगर के भाई चश्मदीद धर्मेंद्र सेंगर ने पप्पू स्मार्ट, सऊद अख्तर, महफूज अख्तर, मनोज गुप्ता, दीनू उपाध्याय और अरिदमन सिंह समेत कई अन्य अज्ञात हत्यारों के विरुद्ध थाना चकेरी में हत्या, हत्या का प्रयास समेत अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। हालांकि लंबे समय तक दीनू व अरिमदन पुलिस से मिलीभगत करके बचते रहे। कई बार इनके नाम हत्याकांड से निकाले गए और शामिल किए गए। इसी मामले में दीनू चर्चित हुआ। इस बीच दीनू के खिलाफ फर्जी मार्कशीट मामले में एक मुकदमा हुआ और उस मामले में दीनू ने स्थानीय अदालत से जमानत करा ली।

    जमानत के बाद किया शक्ति प्रदर्शन


    जमानत मिलने के बाद दीनू ने अदालत परिसर में साथियों के साथ शक्ति प्रदर्शन किया। इस संबंध में एक वीडियो भी प्रचलित हुआ, जिसमें दीनू पुलिस अधिकारियों को चुनौती देते सुनाई पड़ा। आखिरकार 10 मई 2025 को चार साल 11 महीने बाद दीनू को पिंटू सेंगर हत्याकांड में जेल भेज दिया गया। तबसे वह जेल में है। बाद में 25 अगस्त 2025 को हत्याकांड में नामजद कानपुर बार एसोसिएशन के पूर्व मंत्री अरिदमन सिंह को भी गिरफ्तार करके जेल भेजा गया। पिंटू सेंगर हत्याकांड में दीनू की 16वीं गिरफ्तारी थी और अरिदमन को मिलाकर इस हत्याकांड में अब तक 17 जेल गए हैं, जिसमें एक की जेल में ही मृत्यु हो चुकी है। दीनू पर अब तक 18 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। भतीजी की संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु, अधिवक्ता राजाराम हत्याकांड, एनआरआइ सिटी से जुड़ी जमीन के दस्तावेजों में खेल आदि कई चर्चित मामलों में दीनू के खिलाफ जांच अभी चल रही है।

    दीनू उपाध्याय गिरोह पर टूट पड़ी पुलिस, 12 घंटे में छह गिरफ्तार

    बसपा नेता पिंटू सेंगर हत्याकांड में सोनभद्र जेल में बंद अधिवक्ता दीनू उपाध्याय के खिलाफ पुलिस ने शनिवार देर रात गैंग्स्टर का मुकदमा दर्ज करने के बाद पुलिस ने फरार आरोपितों की तलाश में ताबड़तोड़ छापे मारे। 12 घंटों में छह आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। नौबस्ता में गिरफ्तार तीन आरोपितों को जेल भेज दिया गया है,जबकि चकेरी में तीन आरोपितों में रविवार देर शाम गिरफ्तार किया गया। इसमें चकेरी में गिरफ्तार तीनों आरोपित पंजीकृत गिरोह के सदस्य हैं।

    यशोदानगर निवासी बृजराज सिंह रजावत ने 16 मई को थाना नौबस्ता में मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप था कि अधिवक्ता दीनू उपाध्याय, उसके साथी बार एसोसिएशन के पूर्व मंत्री अरिदमन सिंह, गोपाल सिंह, उसके पिता तारा सिंह आदि ने गैंग बनाकर सरकारी जमीन पर कब्जा कर उसे बेच दिया है। जांच में आरोप सही पाए गए। इसके बाद पुलिस ने धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेज तैयार करने, सरकारी संपत्ति कब्जाने, रंगदारी मांगने समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था।

    इसी तरह बर्रा छह के हरी मस्जिद निवासी कासिम रजा ने 21 मई को आरोपितों पर रिपोर्ट दर्ज कराई थी। कासिम रजा के मुताबिक जमीन खरीदने के लिए वर्ष 2010 में रामप्रताप सिंह, उसके भाई राजा सिंह व दामाद अरिदमन सिंह से उसकी मुलाकात हुई थी। इन लोगों ने बूढ़पुर मछरिया निवासी भतीजे गोपाल सिंह की जमीन बेचने का सौदा चार लाख रुपये में किया। सन 2011 में रुपये देकर रजिस्ट्री करा ली।

    सन् 2012 में पता चला कि राज्य सरकार की जमीन को रामप्रताप सिंह, अरिदमन, गोपाल सिंह उसके पिता राजा सिंह आदि ने फर्जी दस्तावेजों जरिए मालिकाना हक दिखाते हुए उसे बेचा। विरोध पर उन्हें बंधक बनाकर पीटा गया और छोड़ने के नाम पर तीन लाख रुपये की रंगदारी भी वसूली गई। एक लाख रुपये लेने के बाद सादे कागजों पर हस्ताक्षर कराकर दो लाख रुपये की और मांग की गई। इसी मुकदमे की जांच में सुलेमान का नाम विवेचना में सामने आया था। नौबस्ता थाना प्रभारी बहादुर सिंह ने बताया कि फर्जीवाड़ा कर सरकारी जमीनों को बेचने में आरोपित गोपाल सिंह, उसके पिता तारा सिंह और सुलेमान को गिरफ्तार किया गया है। आरोपितों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से तीनों को न्यायिक रिमांड में जेल भेज दिया गया है।

    दूसरी ओर चकेरी थाने में वर्ष 2022 में लालबंगला निवासी मनोज गुप्ता ने नीरज दुबे, अमन शुक्ला उर्फ अशोक शुक्ला, दीपक जादौन, रचित पाठक, अनूप शुक्ला समेत अन्य के खिलाफ 12 दिसंबर 2022 को जमीन पर जबरन कब्जा, 50 लाख रुपये की रंगदारी मांगने, लूट समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। इस केस की विवेचना में आरोपित परमट निवासी नीरज दुबे के भाई धीरज दुबे उर्फ ट्विंकल का नाम प्रकाश में आया था। पुलिस उसकी तलाश में थी। रविवार शाम चकेरी पुलिस द्वारा उसे घर के पास से गिरफ्तार कर लिया गया। वहीं दूसरी ओर पुलिस ने तीन दिन पहले नवाबगंज पुलिस ने धीरज दुबे के साथ ही बर्रा निवासी राधेश्याम शुक्ला, श्याम नगर के रामपुरम निवासी भानु दुबे का नाम दीनू गिरोह में शामिल किया था। इन दोनों को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि इस लिस्ट में शामिल अमन शुक्ला और रचित पाठक को अभी गिरफ्तार नहीं किया जा सका है। पुलिस इन दोनों की तलाश कर रही है।

     

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