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    दीनू उपाध्याय कानपुर का गैंग्स्टर घोषित! गिरोह में 25 सदस्य, इसमें कई अपराधी और वकील

    Updated: Sun, 26 Oct 2025 06:51 PM (IST)

    कानपुर में पिंटू सेंगर हत्याकांड से जुड़े अधिवक्ता दीनू उपाध्याय और उनके 24 साथियों पर गैंग्स्टर एक्ट लगा है। दीनू के इंटर रेंज गैंग में 26 सदस्य हैं। पुलिस ने गिरोह का पंजीकरण किया था, जिसमें कई हिस्ट्रीशीटर और वकील शामिल हैं। डीसीपी सेंट्रल ने बताया कि 24 सदस्यों पर गैंग्स्टर का मुकदमा दर्ज किया गया है और गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं।

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    जागरण संवाददाता, कानपुर। पिंटू सेंगर हत्याकांड में जेल में बंद अधिवक्ता दीनू उपाध्याय और उसके 24 अन्य साथी अब गैंग्स्टर हो गए हैं। दीनू के इंटररेंज गैंग में 26 सदस्यों के नाम दर्ज हैं, लेकिन नवाबगंज में शनिवार देर रात हुए गिरोह बंध अधिनियम के मुकदमे में दीनू के अलावा 24 अन्य को आरोपित बनाया गया है।

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    पुलिस ने पिछले दिनों दीनू उपाध्याय के गिरोह का पंजीकरण किया था और इसके गिरोह को इंटर रेंज गैंग (आसपास के जनपदों में भी अपराध) के रूप में मान्यता दी गई है। गैंग का सरगना दीनू को बनाया गया। पहले चरण में दीनू के अलावा गिरोह में 20 अन्य सदस्यों में नाम शामिल थे। इनमें हिस्ट्रीशीटर राम खिलावन, विमला देवी, शुभम कुमार, अजय शर्मा, उपेंद्र सिंह भदौरिया, उदय नारायण, आलोक मिश्रा, अनूप शुक्ला, अरिदमन सिंह, धर्मेंद्र यादव, धीरज दुबे, दीपक जादौन, गोपाल सिंह, मनु उपाध्याय, नारायण भदौरिया, नीरज दुबे, संजय उपाध्याय, सत्येंद्र त्रिवेदी, श्रोत गुप्ता, विकास ठाकुर के नाम शामिल थे।

    तीन दिन पहले गिरोह में जांच के बाद अधिवक्ता व भाजपा नेता अमन शुक्ला व रचित पाठक के अलावा सगे भाई भानु प्रकाश व भुवन प्रकाश और राधेश्याम के नाम भी गिरोह में जोड़ दिए गए थे। इस तरह दीनू का यह गैंग 26 सदस्यीय हो गया था। गिरोह में 17 आरोपित वकील हैं।

    डीसीपी सेंट्रल श्रवण कुमार सिंह ने बताया कि शनिवार को देर रात दीनू उपाध्याय और उसके गिरोह के 24 अन्य सदस्यों को आरोपित बनाकर गैंग्स्टर का मुकदमा दर्ज किया गया। गिरोह में शामिल धीरज दुबे को फिलहाल राहत दी गई है। चकेरी में मनोज गुप्ता द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमे में धीरज दुबे की गिरफ्तारी अब तक नहीं हो सकी है। चार्जशीट फाइल न होने की वजह से तकनीकी दृष्टि से उसे राहत मिली है। धीरज दुबे एक अन्य आरोपित नीरज दुबे का सगा भाई है।

    वहींं नवाबगंज के थाना प्रभारी केशव कुमार तिवारी ने बताया कि मुकदमे में आरोपित बनाए गए तमाम आरोपित जेल में हैं। जो जेल से बाहर हैं, मुकदमा दर्ज होने के बाद उनकी गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।

    जानें कौन है गैंग्स्टर दीनू उपाध्याय

    बसपा नेता पिंटू सेंगर हत्याकांड में पुलिस ने 10 मई 2025 को चार साल 11 महीने बाद अधिवक्ता दीनू उपाध्याय को गिरफ्तार किया था। बाद में हत्याकांड में नामजद कानपुर बार एसोसिएशन के पूर्व मंत्री अरिदमन सिंह को भी गिरफ्तार करके जेल भेजा गया। पिंटू सेंगर हत्याकांड में दीनू की 16वीं गिरफ्तारी थी और अरिदमन को मिलाकर इस हत्याकांड में अब तक 17 जेल गए हैं, जिसमें एक की जेल में ही मृत्यु हो चुकी है। 20 जून 2020 को चकेरी थाना क्षेत्र में पिंटू सेंगर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पिंटू ण्क विवादित जमीन के संबंध में समझौते के लिए चकेरी थानाक्षेत्र स्थित सपा के पूर्व जिला अध्यक्ष रहे चंद्रेश सिंह के घर पहुंचे थे, जहां बदमाशों ने कार से नीचे उतरते ही उन पर गोलियां बरसाकर हत्या कर दी। हत्याकांड में पिंटू सेंगर के भाई चश्मदीद धर्मेंद्र सेंगर ने पप्पू स्मार्ट, सऊद अख्तर, महफूज अख्तर, मनोज गुप्ता, दीनू उपाध्याय और अरिदमन सिंह समेत कई अन्य अज्ञात हत्यारों के विरुद्ध थाना चकेरी में हत्या, हत्या का प्रयास समेत अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। हालांकि लंबे समय तक दीनू व अरिमदन पुलिस से मिलीभगत करके बचते रहे। कई बार इनके नाम हत्याकांड से निकाले गए और शामिल किए गए।

     

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