जौनपुर में पारिवारिक कलह की वजह से महिला ने तीन बच्चों संग खाया जहर, एक की मौत
जौनपुर के शाहगंज में एक महिला ने अपने तीन बच्चों के साथ जहर खा लिया जिसमें एक बच्चे की मौत हो गई। पारिवारिक कलह को घटना का कारण माना जा रहा है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। चारों को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया जहाँ छह वर्षीय शिवम की मृत्यु हो गई।

जागरण संवाददाता, जौनपुर। शाहगंज कोतवाली क्षेत्र के सबरहद गांव में सोमवार को एक महिला ने अपने तीन बच्चों के साथ जहर खा लिया। इस घटना में छह वर्षीय शिवम की मौत हो गई है। प्रारंभिक जांच में घटना के पीछे पारिवारिक कलह को कारण बताया जा रहा है। पुलिस मामले की गहनता से जांच कर रही है।
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घटना की जानकारी के अनुसार, दीपचंद की 32 वर्षीय पत्नी सविता ने अपने तीन बच्चों, आठ वर्षीय सत्या, छह वर्षीय शिवांश और सात माह के दुधमुहे शिवांश को जहर देकर खुद भी जहर खा लिया। चारों की हालत गंभीर होने के कारण स्वजन ने उन्हें एक निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया। वहां उपचार के दौरान शिवम की मौत हो गई, जबकि अन्य तीनों बच्चों की स्थिति भी गंभीर बनी हुई है।
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स्थानीय सूत्रों के अनुसार, सविता और दीपचंद के बीच पारिवारिक विवाद चल रहा था, जो इस दुखद घटना का मुख्य कारण माना जा रहा है। घटना के बाद से गांव में शोक का माहौल है और स्थानीय लोग इस घटना को लेकर हैरान हैं। गांव के लोगों का कहना है कि सविता एक सामान्य महिला थी और उसके इस कदम ने सभी को चौंका दिया है।
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पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और मृतक बच्चे के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि वे इस मामले में सभी पहलुओं की जांच करेंगे और जो भी तथ्य सामने आएंगे, उनके आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
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इस घटना ने समाज में एक बार फिर से मानसिक स्वास्थ्य और पारिवारिक कलह के मुद्दे को उजागर किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की घटनाएं अक्सर मानसिक तनाव और पारिवारिक समस्याओं के कारण होती हैं। समाज में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है ताकि लोग अपने समस्याओं का समाधान संवाद के माध्यम से कर सकें।
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स्थानीय प्रशासन ने भी इस घटना पर गहरी चिंता व्यक्त की है और उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार की मानसिक या पारिवारिक समस्या के लिए विशेषज्ञों से सलाह लें। इसके अलावा, प्रशासन ने यह भी कहा है कि वे इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करेंगे।
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इस घटना ने न केवल परिवार को बल्कि पूरे गांव को प्रभावित किया है। लोग इस घटना को लेकर चर्चा कर रहे हैं और इसे एक चेतावनी के रूप में देख रहे हैं। समाज में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है। इस दुखद घटना ने यह भी स्पष्ट किया है कि हमें अपने आस-पास के लोगों की मानसिक स्थिति का ध्यान रखना चाहिए और उन्हें सहायता प्रदान करनी चाहिए। यदि कोई व्यक्ति मानसिक तनाव में है, तो उसे अकेला नहीं छोड़ना चाहिए।
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