बलिया में कोबरा सांप को मारना किशोर को पड़ा भारी, इंस्टाग्राम पर मिला सुबूत तो हुआ गिरफ्तार
Ballia news बलिया में एक किशोर ने कोबरा सांप को पीटकर मार डाला और वीडियो सोशल मीडिया पर डाल दिया। वन विभाग ने किशोर को गिरफ्तार कर किशोर गृह मऊ भेज दिया। कोबरा को मारना वन्यजीव संरक्षण कानून का उल्लंघन है और यह वन्यजीवों के प्रति असंवेदनशीलता को दर्शाता है।

जागरण संवाददाता, बलिया : कोबरा सांप को लाठी से पीटकर मारना एक किशोर के लिए महंगा साबित हुआ। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद वन विभाग की टीम ने बाल अपचारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है। न्यायालय के आदेश पर उसे राजकीय संप्रेक्षण किशोर गृह मऊ भेज दिया गया है।
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उभांव क्षेत्र के मुजौना गांव में रविवार को एक किशोर ने झाड़ी से निकलकर सड़क पर टहल रहे कोबरा सांप को लाठी से पीटकर मार डाला। इस घटना का वीडियो बनाकर उसने उसे इंस्टाग्राम पर अपलोड कर दिया। जैसे ही इस घटना की जानकारी वन विभाग को मिली, उन्होंने त्वरित कार्रवाई करते हुए किशोर को बेल्थरारोड से गिरफ्तार कर लिया।
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इस घटना ने वन्यजीव संरक्षण के प्रति जागरूकता की आवश्यकता को उजागर किया है। कोबरा सांप, जो कि एक विषैले सांप के रूप में जाना जाता है, जिसे मारने की इस घटना ने न केवल कानून का उल्लंघन किया है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि कुछ लोग वन्यजीवों के प्रति संवेदनशीलता नहीं दिखाते।
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वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस प्रकार की घटनाएं न केवल वन्यजीवों के लिए खतरा हैं, बल्कि यह मानव स्वास्थ्य के लिए भी जोखिम पैदा कर सकती हैं। कोबरा सांप जैसे जीवों का संरक्षण आवश्यक है, क्योंकि वे पारिस्थितिकी तंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
किशोर की गिरफ्तारी के बाद, वन विभाग ने इस मामले में कार्रवाई करने का निर्णय लिया है। अधिकारियों का कहना है कि इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए समाज में जागरूकता फैलाना आवश्यक है। इसके लिए स्कूलों और कॉलेजों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, ताकि युवा पीढ़ी को वन्यजीवों के संरक्षण के महत्व के बारे में बताया जा सके।
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इस घटना ने यह भी स्पष्ट किया है कि सोशल मीडिया पर किसी भी प्रकार की हिंसा या क्रूरता को साझा करना न केवल अनैतिक है, बल्कि यह कानून के खिलाफ भी है। किशोर ने जो वीडियो साझा किया, वह न केवल उसके लिए बल्कि अन्य लोगों के लिए भी एक नकारात्मक उदाहरण प्रस्तुत करता है।
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किशोर न्यायालय ने इस मामले में सख्त रुख अपनाया है और किशोर को मऊ के किशोर गृह में भेजने का आदेश दिया है। यह निर्णय इस बात का संकेत है कि समाज में इस प्रकार की घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस घटना से यह भी सीखने को मिलता है कि हमें वन्यजीवों के प्रति संवेदनशील रहना चाहिए और उनके संरक्षण के लिए प्रयासरत रहना चाहिए। वन विभाग ने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे वन्यजीवों के प्रति सम्मान दिखाएं और किसी भी प्रकार की हिंसा से दूर रहें।
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