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    वाराणसी में कुत्तों के आतंक पर न‍ियंत्रण के ल‍िए नगर निगम का पंजीकरण अभियान शुरू

    Updated: Mon, 18 Aug 2025 11:16 AM (IST)

    वाराणसी में कुत्तों के बढ़ते आतंक को देखते हुए नगर निगम सक्रिय हो गया है। पालतू कुत्तों के पंजीकरण के लिए घर-घर अभियान चलाया जाएगा क्योंकि केवल 253 कुत्ते ही पंजीकृत हैं। अगस्त से आवारा कुत्तों का बंध्याकरण भी शुरू होगा। सदन में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करने और शतप्रतिशत पंजीकरण कराने की मांग की गई।

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    महापौर ने 17 अक्टूबर तक पांच हजार कुत्तों का पंजीकरण कराने का निर्देश दिया है।

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। देश भर में कुत्‍तों को लेकर चल रहे व‍िवाद के बीच शहर में भी कुत्‍तों की समस्‍या को लेकर चर्चा का दौर चल रहा है। नगर निगम के साधारण अधिवेशन में आवारा कुत्तों का आतंक गूंजा तो दूसरी ओर पालतू कुत्तों के पंजीकरण के लिए अब घर-घर व्यापक अभियान की तैयारी शुरू हुई। अगस्त से एबीसी का संचालन व आवारा कुत्तों का बंध्याकरण शुरू क‍रने की तैयारी है। 

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    शहर में करीब 15,000 से अधिक पालतू कुत्ते होने होने का अनुमान है। वहीं पशुओं के प्रति क्रूरता निवारण (श्वान प्रजजन एवं विपणन) नियम 2017 के तहत नगर निगम में महज 253 पालतू कुत्तों का रजिस्ट्रेशन है। निगम के सदन ने इसे गंभीरता से लिया है। सदन ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के क्रम में निगम को दो माह के भीतर शहर के सभी पालतू कुत्तों का रजिस्ट्रेशन कराने का निर्देश दिया है। हालांकि दो माह में पांच हजार कुत्ताें का पंजीकरण कराने का लक्ष्य रखा गया है।

    आवारा आतंक नामक अभियान के तहत दैनिक जागरण ने शहर में कुत्तों के रजिस्ट्रेशन से लेकर आवारा आतंक तक की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। मैदागिन स्थित टाउनहाल भवन में रविवार को महापौर अशोक कुमार तिवारी की अध्यक्षता हुई सदन की बैठक (साधारण अधिवेशन) में आवारा आतंक पर व्यापक चर्चा हुई। नगर निगम अधिनियम अधिनियम की धारा 91 (2) के तहत पार्षद श्याम आसरे मौर्य ने पालतू और आवारा कुत्तों की समस्या पर सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन लागू करने की मांग रखी। उन्होंने कहा कि पालतू कुत्तों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है।

    इसके बावजूद शहर में पालतू कुत्तों के रजिस्ट्रेशन के नाम पर कोरम पूरा किया जा रहा है। यही नहीं पांच माह में कुत्तों के नसबंदी (बंध्याकरण) भी ठप है। उन्होंने पालतू कुत्तों का शतप्रतिशत रजिस्ट्रेशन कराने व आवारा कुत्तों की नसबंदी कराने, एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाने की मांग की। इस पर पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी डा. संतोष पाल ने स्वीकार किया कि अब तक महज 253 पालतू कुत्तों का रजिस्ट्रेशन हो सका है। कहा कि पालतू कुत्तों के रजिस्ट्रेशन के लिए अब घर-घर अभियान चलाया जा रहा है। वहीं ऐढ़े में एबीसी (एनिमल बर्थ कंट्रोल) सेंटर संचालित करने के लिए टेंडर किया जा चुका है। आवारा कुत्तों की बंध्याकरण अगस्त से प्रथम सप्ताह से शुरू करने का लक्ष्य है। इस पर महापौर ने पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी 17 अक्टूबर तक पांच हजार कुत्तों का पंजीकरण कराने का निर्देश दिया।