भदोही में हनी ट्रैप गैंग का मकड़जाल अयोध्या से जुड़ा, दुष्कर्म के आरोपों की इस तरह रचते थे साजिश
भदोही के गोपीगंज में पुलिस ने हनी ट्रैप गैंग का पर्दाफाश किया है। अयोध्या से जुड़े गैंग ने एक अधिवक्ता समेत दो लोगों को दुष्कर्म के झूठे मामले में फंसाने की साजिश रची थी। पुलिस ने गैंग के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है जिनमें एक महिला भी शामिल है।
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही)। लोगों को फर्जी तौर पर हनी ट्रैप के जरिए फंसाकर उगाही करने वाला गिरोह आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ गया। गोपीगंज पुलिस ने रविवार को एक महिला सहित हनी ट्रैप गैंग के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है। यह गैंग एक अधिवक्ता सहित दो लोगों को गैंग रेप के मामले में फंसाने की साजिश रची थी। गैंग की महिला सदस्य ने पुलिस से गैंग रेप की शिकायत भी की थी।
पूरे मामले की जांच के दौरान पूरा मामला फर्जी निकलकर सामने आया। साथ ही पुलिस को यह भी पता चला की यह गैंग कई अन्य को भी अपना शिकार बना चुका है। इस गैंग से बरामद मोबाइल फोन से पुलिस को कई अहम सुराग मिले हैं। जिसके आधार पर पुलिस आगे की जांच कर रही है।
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पुलिस लाइन सभागार में पुलिस अधीक्षक अभिमन्यु मांगलिक ने गिरफ्तार अयोध्या की रहने वाली आरोपित महिला सुमन पांडेय सहित गैंग लीडर सुशील दुबे निवासी भावसिंहपुर डुहिया, थाना गोपीगंज व अशोक शुक्ल निवासी शुक्ला बिल्डिंग पड़ाव गोपीगंज को मीडिया के सामने पेश करते हुए बताया कि कुछ दिन पूर्व अयोध्या जनपद की महिला सुमन ने गोपीगंज थाने में अपने साथ गैंगरेप होने की तहरीर दी थी। पुलिस ने मामले की जांच की तो सच्चाई हनी ट्रिपिंग गैंग से जुड़ा होना पाया गया।
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जिसे सुशील दुबे संचालित करता है। जो महिलाओं से बात कर उन्हें ही ट्रेंड कर एक जगह पर ले आता है और मुकदमा लिखवाने के लिए प्रलोभन देता है। जिस पर मुकदमा लिखवाना चाह रहा होता है उसे डर दिखाकर रुपये भी ऐंठता है। जांच में पता चला है कि सुशील दुबे द्वारा पूर्व में भी ऐसी घटनाओं को अंजाम दिया जा चुका है, जिसकी जांच की जा रही है। एसपी ने बताया कि सुशील महिलाओं से बात कर उसे भदोही लेकर आता है और उनके द्वारा फर्जी आरोप में प्रार्थना पत्र दिलवाता है और सामने वाले पर दबाव बनाता है।
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इस गैंग में कैलाशपति शुक्ला, अशोक शुक्ला निवासी शुक्ला बिल्डिंग पड़ाव गोपीगंज वांछित हैं। अशोक शुक्ला के साथ वीरेंद्र शुक्ला का प्रापर्टी विवाद चल रहा है। जिसे सेटल करने के लिए सुशील दुबे के साथ मिलकर अशोक शुक्ला व कैलाशपति द्वारा वीरेंद्र शुक्ला व उनके अधिवक्ता प्रवेश तिवारी के ऊपर फर्जी मुकदमा दर्ज कराने का षड़यंत्र रचा गया था। एसपी ने बताया कि वाट्सएप व काल डिटेल के माध्यम से काफी सबूत मिले हैं। इस पूरे गैंग की जांच की जा रही है।
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इसमें गैंग से जुड़े और लोगों व पीड़ितों के नाम निकलकर आ सकते हैं। जो विवेचना में रिपोर्ट शामिल किए जाएंगे। गिरफ्तार अभियुक्त अशोक शुक्ल, सुशील दुबे व महिला का चालान किया गया है। जबकि कैलाशपति शुक्ल अभी फरार है। गिरफ्तारी करने वाली पुलिस टीम में निरीक्षक विश्वजीत ज्योति राय (विवेचक), महिला थाना प्रभारी सीमा सिंह, प्रमोद यादव, सुरेश सक्सेना, हेड कांस्टेबल अवनीश राय, महिला कांस्टेबल शिवानी सिंह, ममता शर्मा, कांस्टेबल नीरज निराला, मोहित, हेड महिला कांस्टेबल ललिता यादव, नेहा गौड़, सुनील, राधेश्याम कुशवाहा, राघवेंद्र कुशवाहा शामिल रहे।
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