Trai के नए नियमों में यूजर्स और ऑपेटर्स को आ रही परेशानी, ये हैं 3 मुख्य Drawbacks
Trai के नए टैरिफ नियमों में कुछ कमियां भी हैं जो लोगों के बीच नाराजगी का कारण है। यहां हम आपको इन्हीं कमियों की जानकारी दे रहे हैं
नई दिल्ली (टेक डेस्क)। टेलिकॉम रेग्यूलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (Trai) ने नए नियमों के तहत केबल और DTH प्लान्स की कीमतों में भी बदलाव कर दिया है। इससे अब यूजर्स को उनके द्वारा इस्तेमाल की जा रही सर्विसेज की कीमतों के बारे में पता रहने लगा है। वो यह जानते हैं कि जितने चैनल वो इस्तेमाल कर रहे हैं वो केवल उसी का पैसा दे रहे हैं। हालांकि, इसका एक दूसरा पहलू भी है। Trai के नए टैरिफ नियमों में कुछ कमियां भी हैं जो लोगों के बीच नाराजगी का कारण है। यहां हम आपको इन्हीं कमियों की जानकारी दे रहे हैं।
Cable TV ऑपरेटर्स को हुआ नुकसान:
नए नियमों के रोलआउट के बाद केबल ऑपरेटर्स को मुश्किलों से गुजरना पड़ रहा है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि उनकी कमाई कम हो गई है। जहां कोलकाता में ऑपरेटर्स पहले प्रति यूजर 175 रुपये से 200 रुपये प्रति यूजर कमाते थे। वहीं, अब यह 90 रुपये हो गया है। इनकी कमाई में 45 फीसद की कमी आई है। इससे ऑपरेटर्स को कर्मचारियों (जो शुल्क लेने जाते हैं या फिर मैनटेनेंस फीस लेने जाते हैं) को सैलरी देने में भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसी के चलते ऑपरेटर्स ने Trai से सर्विस चार्ज लेने की बात कही थी। अगर ऐसा ही चलता रहा तो जल्द ही यूजर्स को सब्सक्रिप्शन फीस देने के लिए ऑपरेटर्स ऑफिस जाना पड़ेगा।
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सब्सक्राइबर्स के लिए बढ़ा मासिक रेंटल:
कई यूजर्स ने ऐसा कहा है कि उन्हें नए नियमों के तहत ज्यादा मासिक रेंटल देना पड़ रहा है। जबकि पहले यह बिल कम आता था। हालांकि, यह नया मसला नहीं है, यह काफी समय से चला आ रहा है। इसे कई सर्वे और स्टडीज में नोटिस किया गया है। YouGov द्वारा की गई स्टडी में यह बताया गया है कि नए टैरिफ नियम आने से वीडियो डिमांड और OTT ऐप्स की डिमांड बढ़ गई है। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि नए टैरिफ आने से यूजर्स को ज्यादा बिल पेमेंट करनी पड़ रही है।
जागरूकता और तकनीकी ज्ञान का अभाव:
नए टैरिफ नियमों के तहत यूजर्स को नए सिस्टम में स्विच करना था। यह स्थिति मुश्किल तब हो गई जब यूजर्स को खुद ही एक प्लान से दूसरे प्लान में स्विच करना पड़ा। इसमें सबसे ज्यादा परेशानी अधिक आयु वाले वर्ग को आई। ऐसा इसलिए क्योंकि वो माइग्रेशन प्रोसेस को समझ ही नहीं पा रहे हैं। वेबसाइट पर जाकर किस तरह से चैनल सेलेक्ट करना है उसकी जानकारी कई यूजर्स को नहीं है।
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