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    क्या आप भी मांगलिक हैं? जानें कुंडली के इस दोष का विवाह पर क्या असर होता है

    Updated: Wed, 31 Dec 2025 04:30 PM (IST)

    Mangal Dosha: मंगल दोष क्या होता है और यह वैवाहिक जीवन को कैसे प्रभावित करता है? आइए जानते हैं मांगलिक होने के क्या लक्षण और स्वभाव होते हैं। साथ ही, ...और पढ़ें

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    मंगल दोष से मिलेगी मुक्ति (Image Source: AI-Generated)

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    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। ज्योतिष शास्त्र में मंगल ग्रह को ऊर्जा, साहस, पराक्रम और विवाह का कारक माना जाता है। जब किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल भारी होता है, तो उसे 'मांगलिक' कहा जाता है। अक्सर समाज में मंगल दोष को लेकर एक डर का माहौल रहता है, खासकर शादी-ब्याह के मामले में। लेकिन, ज्योतिष विशेषज्ञों के अनुसार, मंगल दोष हमेशा बुरा नहीं होता। यह व्यक्ति को साहसी और जुझारू भी बनाता है। आइए जानते हैं क्या है मंगल दोष और इससे जुड़ी महत्वपूर्ण बातें।

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    कैसे बनता है मंगल दोष?

    ज्योतिष गणना के अनुसार, अगर किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली के पहले (लग्न), चौथे, सातवें, आठवें या बारहवें भाव में मंगल स्थित हो, तो 'मंगल दोष' का निर्माण होता है। इन भावों में मंगल की उपस्थिति वैवाहिक जीवन, स्वास्थ्य और स्वभाव को प्रभावित कर सकती है।

    मांगलिक व्यक्ति का स्वभाव

    मांगलिक दोष से प्रभावित व्यक्ति आमतौर पर बहुत ऊर्जावान और स्वाभिमानी होते हैं। वे किसी भी काम को निडर होकर करते हैं। हालांकि, मंगल के प्रभाव के कारण कभी-कभी उनके स्वभाव में क्रोध और उग्रता भी देखी जाती है, जिसके कारण परिवार या जीवनसाथी के साथ वैचारिक मतभेद होने की संभावना रहती है।

    Mangal dosha

    (Image Source: AI-Generated)

    विवाह और मंगल दोष

    शादी के समय कुंडली मिलान में मंगल दोष पर विशेष ध्यान दिया जाता है। माना जाता है कि अगर एक पार्टनर मांगलिक है और दूसरा नहीं, तो उनके बीच अनबन या स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं आ सकती हैं। हालांकि, यदि दोनों पार्टनर मांगलिक हों, तो यह दोष अपने आप ही समाप्त हो जाता है। उनका वैवाहिक जीवन सुखमय रहता है।

    मंगल दोष के सरल उपाय:

    हनुमान चालीसा का पाठ: मंगलवार के दिन हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करने से मंगल का नकारात्मक प्रभाव कम होता है।

    लाल वस्तुओं का दान: मंगलवार को लाल मसूर की दाल, लाल कपड़ा या गुड़ का दान करना शुभ माना जाता है।

    भात पूजा: उज्जैन के मंगलनाथ मंदिर में 'भात पूजा' करवाने से मंगल दोष का निवारण होता है।

    कुंभ विवाह: अगर दोष बहुत भारी हो, तो विवाह से पहले सांकेतिक रूप से कुंभ विवाह या पीपल के पेड़ से विवाह की परंपरा निभाई जाती है।

    मंगला गौरी व्रत: महिलाओं के लिए मंगला गौरी का व्रत रखना और मां पार्वती की पूजा करना अत्यंत लाभकारी होता है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।