Mangal Dosh Upay: मंगल दोष से निजात पाने के लिए करें ये आसान उपाय, जीवन में आएगी खुशियों की बहार
सनातन धर्म में मंगलवार का दिन भगवान हनुमान और मंगल देव को समर्पित है। इस दिन हनुमान जी की पूजा और व्रत करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है और ...और पढ़ें

Mangal Dosh Upay: मंगल दोष से कैसे करें बचाव?

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अभी पढ़ेंधर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में मंगलवार का दिन भगवान श्रीराम के परम भक्त हनुमान जी को समर्पित होता है। इस शुभ अवसर पर हनुमान जी और मंगल देव की पूजा की जाती है। साथ ही मंगलवार का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से साधक पर हनुमान जी की कृपा बरसती है।

ज्योतिष मंगल दोष से निजात पाने के लिए मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा करने की सलह देते हैं। हालांकि, प्रबल मांगलिक होने पर निवारण अनिवार्य है। अगर आप भी मंगल दोष के प्रभाव से निजात पाना चाहते हैं, तो मंगलवार के दिन ये उपाय जरूर करें।
मंगल देव
मंगल देव को ऊर्जा का कारक माना जाता है। मेष और वृश्चिक राशि के स्वामी मंगल देव हैं। वहीं, मकर राशि के जातकों को मंगल देव हमेशा शुभ फल देते हैं। आसान शब्दों में कहें तो मकर राशि में मंगल देव उच्च के होते हैं। हनुमान जी की पूजा करने से मंगल देव प्रसन्न होते हैं। अपनी कृपा साधक पर बरसाते हैं। उनकी कृपा से जातक के आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। साथ ही करियर में सफलता मिलती है।
मंगल दोष के उपाय:-
- मंगलवार के दिन हनुमान जी की उपासना करें। आसान शब्दों में कहें तो मंगलवार के दिन स्नान-ध्यान के बाद जल में लाल रंग मिलाकर सूर्य देव को जल का अर्घ्य दें। इसके बाद विधि विधान से हनुमान जी की पूजा करें। वहीं, पूजा के समय हनुमान चालीसा का पाठ करें।
- ज्योतिषियों की मानें तो बड़े भाई की सेवा और सम्मान करने से मंगल देव प्रसन्न रहते हैं। इससे जातक हमेशा ऊर्जा से लबरेज रहता है। इसके साथ ही जातक को जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के संकटों से भी मुक्ति मिलती है।
- मंगल दोष से पीड़ित जातक को मंगलवार के दिन हनुमान जी को पूजा के समय मोतीचूर के लड्डू भेंट करना चाहिए। वहीं, अर्पित लड्डू को जरूरतमंदों के मध्य बाँट देना चाहिए।
- मंगल के प्रभाव से बचाव के लिए चांदी के चेन में हनुमान जी का लॉकेट धारण करना चाहिए। इस उपाय को करने से भी लाभ मिलता है। साथ ही दुख और संकट से मुक्ति मिलती है।
मंगल हेतु मंत्र
1. ॐ भौमाय नमः
2. ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः
3. ॐ आपदामप हर्तारम दातारं सर्व सम्पदाम,
लोकाभिरामं श्री रामं भूयो भूयो नामाम्यहम !
श्री रामाय रामभद्राय रामचन्द्राय वेधसे,
रघुनाथाय नाथाय सीताया पतये नमः !
4. अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहम्
दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम् ।
सकलगुणनिधानं वानराणामधीशम्
रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि।।
5. ॐ ऐं ह्रीं हनुमते श्री रामदूताय नमः
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।

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