शिबू सोरेन एक जाना-माना नाम हैं और उनके निधन से भारत में शोक का माहौल है। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के निधन के बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उन्हें श्रद्धांजलि देने आज गंगाराम अस्पताल पहुंचे हैं। बता दें कि शिबू सोरेन जून 2025 से दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में भर्ती थे और इसका कारण उनकी कुछ पुरानी बीमारियां थी। वह काफी समय से किडनी के रोग से पीड़ित थे और उन्हें डायबिटीज की शिकायत भी थी। लेकिन आखिरकार वह अपनी इन बीमारियों से हार गए और उन्होंने 4 अगस्त 2025 को सर गंगाराम अस्पताल में अपनी अंतिम सांस ली। उनके निधन के बाद गूगल पर लोग लगातार उन्हें सर्च कर रहे हैं और उनके बारे में जानकारी प्राप्त करना चाह रहे हैं। इसलिए यहां हम आपको शिबू सोरेन कौन थे? इसके बारे में बताने जा रहे हैं और इसी के साथ उन पर और उनके आदिवासी संघर्ष पर लिखी कुछ किताबों के बारे में भी हम आपको बताएंगे, ताकि इन किताबों को पढ़कर आप शिबू सोरेन के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकें।
कौन थे शिबू सोरेन?
आपको बता दें कि शिबू सोरेन का पूरा जीन आदिवासियों के अधिकारों और झारखंड राज्य की स्थापना के लिए संघर्ष में बिता था। 11 जनवरी 1994 को बिहार में जन्में शिबू सोरेन ने केवल 18 साल की उम्र में 'संताल नवयुवक संघ' की स्थापना की थी। झारखंड के सीएम रह चुके शिबू सोरेन ने 1972 में झारखंड मुक्ति मोर्चा की स्थापना की थी और इसके महासचिन बने थे। शिबू सोरेन का लक्ष्य आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा करना, जमींदारों के शोषण के खिलाफ लड़ाई करना और झारखंड को अलग राज्य का दर्जा दिलाना था। उनके इस संघर्ष का ही परिणाम था कि साल 2000 में बिहार से अलग होकर झारखंड के स्वतंत्र राज्य बना था।
शिबू सोरेन और भारत की आदिवासी रातनीति पर आधारित टॉप किताबें
पुस्तक का नाम |
लेखक |
भाषा |
विषय |
क्यों पढ़ें? |
Dishom Guru: Shibu Soren |
अनुज कुमार सिन्हा |
हिंदी |
शिबू सोरेन की जीवनगाथा, आंदोलन, संघर्ष और झारखंड की राजनीति की पूरी कहानी। |
इस पुस्तक में रेयर तस्वीरें और आईविटनेस अकाउंट शामिल हैं। |
आदिवासी नहीं नाचेंगे |
हांसदा सोवेंद्र |
हिंदी |
संथाल समाज की कहानियाँ, सामाजिक अस्मिता, उपेक्षा और आदिवासी जीवन की सच्ची झलक |
The Hindu Literary Prize के लिए यह पुस्तक नॉमिनेटेड हुई थी। |
Suno Bachcho, Adivasi Sangharsh ke Nayak Shibu Soren (Guruji) ki Gatha |
अज्ञात |
हिंदी |
झारखंड आंदोलन के महानायक शिबू सोरेन (गुरुजी) के जीवन, संघर्ष और आदिवासी अधिकारों की लड़ाई को सरल भाषा में प्रस्तुत किया गया है। |
यह किताब खासतौर पर स्कूली बच्चों को प्रेरित करने के लिए बनाई गई है, जिससे वे भारत के मूलवासी समाज और उनके संघर्षों को समझ सकें। |
Shibu Soren: Jharkhand Andolan ka ek Sipahi |
संजय कृष्ण |
हिंदी |
झारखंड आंदोलन में शिबू सोरेन की भूमिका और उनके संघर्ष का विवरण |
यह किताब झारखंड के पृथक राज्य निर्माण की लड़ाई और आदिवासी राजनीति में शिबू सोरेन के योगदान को गहराई से समझने में मदद करती है। |