समझनी है Bihar Politics? देखें 5 बेहतरीन किताबें, जिनमें छिपी है अनसुने राजनीति के रहस्य

Bihar Election 2025 का आज यानी 14 नवंबर को परिणाम आने वाला है। इस संदर्भ में, अगर आप बिहार की राजनीति को बढ़िया तरीके से समझना चाहते हैं, तो यहां कुछ किताबों के विकल्प दिए गए हैं जो बिहार और बिहार की राजनीति को गहराई से आपको बताने में मदद कर सकती है।
बिहार की राजनीति इतिहास को समझें इन किताबों के माध्यम से

बिहार भारतीय राजनीति का वह अध्याय है, जहां सामाजिक बदलाव, छात्र आंदोलनों, जातीय समीकरण और नेतृत्व की नई परिभाषाएं मिलकर एक अनोखी राजनीतिक संस्कृति बनाते हैं। अगर कोई व्यक्ति Bihar Political History को गहराई से समझना चाहता है, तो सिर्फ समाचार या चर्चाएं पर्याप्त नहीं होतीं। इसके लिए उन किताबों को पढ़ना जरूरी हो जाता है जो बिहार के आंदोलनकारी दौर, सामाजिक संघर्षों, नेताओं की सोच और सत्ता परिवर्तन की असली हकीकत को उजागर करती हैं। यहां आपको 5 ऐसी किताबों के विकल्प दिए गए हैं जो सिर्फ राजनीति ही नहीं, बल्कि बिहार के समाज, संस्कृति, विकास और चुनौतियों की भी गहरी तस्वीर पेश करती हैं। इन किताबों को पढ़कर पाठक यह समझ सकते हैं कि बिहार की राजनीति क्यों देशभर में एक अलग पहचान रखती है, नेता कैसे उभरते हैं, आंदोलन कैसे जन्म लेते हैं और समाज किस तरह बदलाव की मांग करता है।

ऐसे ही और किताबों के बारे में जानकारी के लिए आप हमारे हाउस ऑफ बुक्स की कैटेगरी पर जा सकते हैं।

  • Broken Promises: Caste, Crime and Politics in Bihar

    मृ्त्युंजय शर्मा द्वारा लिखित Broken Promises: Caste, Crime and Politics in Bihar, बिहार की राजनीति, जातिगत ढांचे और अपराध के गहरे रिश्ते को उजागर करने वाली किताब है जिसमें कुल 348 पन्ने है। इस किताब में आपको आज़ादी के बाद बिहार की राजनीति में लोकतंत्र के वादे धीरे-धीरे जातिगत समीकरणों और अपराध के प्रभाव में कैसे टूटते चले गए यह देखने को मिल सकता है। लेखक ने इसमें बताया है कि सत्ता तक पहुंचने के लिए किस तरह राजनीतिक दलों ने जातियों को वोट बैंक में बदल दिया। यह पुस्तक बिहार के सामाजिक सच्चाई का आईना है, जहां राजनीति विकास की जगह पहचान, जाति और सत्ता के संघर्ष का खेल बन गई।

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  • POST-MANDAL POLITICS IN BIHAR: CHANGING ELECTORAL PATTERNS VOLUME 1

    संजय कुमार की यह किताब बिहार की राजनीति में मंडल आयोग के बाद आए बड़े सामाजिक-राजनीतिक बदलावों को सरल तरीके से समझाती है। लेखक इसमें बताते हैं कि 1990 के दशक के बाद से बिहार की राजनीति सिर्फ सत्ता परिवर्तन का नहीं, बल्कि सामाजिक आधारों के पुनर्गठन का भी दौर रही है। इस किताब में विस्तार से बताया गया है कि किस तरह सामाजिक न्याय की राजनीति ने नए नेतृत्व को जन्म दिया और पारंपरिक प्रभुत्व वाले समूहों का प्रभाव धीरे-धीरे कम होता गया। लेखक इसमें वोटिंग पैटर्न, गठबंधन राजनीति, जातीय समीकरण, युवाओं की बदलती प्राथमिकताओं और महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी पर आधारित ठोस डेटा प्रस्तुत करते हैं। यह आपको इंग्लिश के सरल भाषा में मिल जाएगी।

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  • Ruled or Misruled

    Ruled or Misruled बिहार की राजनीति, सत्ता की उतार-चढ़ाव भरी यात्रा और प्रशासनिक फैसलों की बारीकियों को बेहद सटीक अंदाज में बयान करती है, जिसे लेखक संतोष सिंह ने लिखी है। इसमें आपको कुल 320 पन्ने मिलेंगे और यह अंग्रेजी भाषा में लिखी गई है। यह किताब बता सकती है कि बिहार ने कैसे अलग-अलग दौर में शासन के अच्छे और बुरे दोनों रूपों का अनुभव किया है। लेखक ने जमीन से जुड़े उदाहरणों, राजनीतिक घटनाओं और बदलावों के माध्यम से दिखाया है कि कैसे नेतृत्व की शैली और नीतियां आम जनता की जिंदगी को प्रभावित कर सकती हैं। इसमें शासन की सफलता और विफलता दोनों पर संतुलित नजर डाली गई है। यानी एक तरफ जहां व्यवस्था में सुधार के प्रयासों का जिक्र किया गया है, तो दूसरी तरफ गलत नीतियों की आलोचना भी है। यह बिहार की राजनीतिक यात्रा को समझने के लिए एक महत्वपूर्ण और सरल भाषा में लिखी गई किताब है, जो पढ़ने वालों को सोचने पर मजबूर कर देती है कि किसी राज्य को ‘रूल्ड’ किया गया या ‘मिसरूल्ड’?

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  • JP to BJP: Green and Saffron Shades of Bihar Politics

    संतोष सिंह द्वारा लिखित “JP to BJP: Green and Saffron Shades of Bihar Politics” बिहार की राजनीति के लंबे सफर को समझने के लिए एक महत्त्वपूर्ण किताब होब सकती है। लगभग 1195 पन्नों की यह किताब बिहार के राजनीतिक उतार-चढ़ाव, बदलावों और सामाजिक संरचना के विकास को बेहद सरल और मानवीय शैली में सामने रखती है। इस किताब में जेपी आंदोलन से लेकर भाजपा के उदय तक की राजनीतिक यात्रा को विस्तार से समझाया गया है। लेखक बताते हैं कि कैसे आंदोलन की चिंगारी ने बिहार की राजनीति का चेहरा बदला, कैसे हरे (समाजवादी-लोहियावादी राजनीति) और भगवा (राष्ट्रवादी-संघ विचारधारा) रंगों के बीच सत्ता और जनसमर्थन का समीकरण बना। पुस्तक यह भी बता सकती है कि बिहार की जातीय राजनीति, सामाजिक न्याय और विकास की चुनौतियां किस तरह वर्षों तक राजनीतिक फैसलों को प्रभावित करती रहीं हैं। 

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  • Bihar Chronicles : Journey Of History And Culture

    क्या आपको भी बिहार को गहराई से समझना है? तो शशांक शेखर द्वारा लिखित यह किताब आपको बिहार की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और सामाजिक धरोहर को इंग्लिश के सरल भाषा में समझा सकती है। यह किताब पाठकों को प्राचीन महाजनपदों से लेकर आधुनिक राजनीतिक और सांस्कृतिक बदलावों तक की यात्रा पर ले जा सकती है। इसमें लेखक ने बिहार के इतिहास, यहां के विद्वानों, परंपराओं, धार्मिक स्थलों, लोक संस्कृति और बदलते सामाजिक स्वरूप को बड़ी सहजता से सामने रखा है। पुस्तक में नालंदा, वैशाली, विक्रमशिला जैसी प्राचीन विश्वविख्यात संस्थाओं के गौरव और मगध साम्राज्य की ऐतिहासिक विरासत को विशेष रूप से दर्शाया गया है। यह किताब हर उस व्यक्ति की मदद कर सकता है जो बिहार को सच में जानना चाहते हैं।

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Faq's

  • बिहार चुनाव के नतीजे कब आने वाले है?
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    Bihar Election 2025 के परिणाम आज यानी 14 नवंबर को आने वाला है।
  • बिहार की राजनीति में जाति का क्या महत्व है?
    +
    जाति बिहार की राजनीति में हमेशा से एक महत्वपूर्ण मुद्दा बनते हुए आई है और कई किताबें इस विषय पर गहराई से बात करती हैं। आप इसे बढ़िया तरीके से समझने के लिए किताबों का सहारा ले सकते हैं।
  • क्या बिहार की राजनीति पर कोई आत्मकथा उपलब्ध हैं?
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    आपको बिहार की राजनीति पर कई आत्मकथाएं और राजनीतिक जीवनियां मिल सकती है, जैसे अरुण सिन्हा की 'नीतीश कुमार और उभरता बिहार' जो नीतीश कुमार के राजनीतिक उदय और उनके कार्यों का वर्णन करती है। इसके अतिरिक्त, अन्य कई सारे किताबें उपलब्ध है जिन्हें आप अमेजन या किताबों के दुकान से ले सकते हैं।