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पराली से मुक्ति के लिए लगाए जाएंगे पैलेट प्लांट, केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री ने लांच की योजना

हर साल का यही हाल है। पराली जैसी समस्या को लेकर केंद्र और राज्य सरकारों की चुप्पी तभी टूटती है जब पराली जलने लगती है। इस साल फिर से खेतों में पराली जलते ही सभी हरकत में आ गए हैं।

By Jagran NewsEdited By: Sonu GuptaPublished: Fri, 14 Oct 2022 12:13 AM (IST)Updated: Fri, 14 Oct 2022 12:13 AM (IST)
पराली को लेकर केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री ने लांच की योजना। (फाइल फोटो)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। हर साल का यही हाल है। पराली जैसी समस्या को लेकर केंद्र और राज्य सरकारों की चुप्पी तभी टूटती है जब पराली जलने लगती है। इस साल फिर से खेतों में पराली जलते ही सभी हरकत में आ गए हैं। वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के निर्देश पर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) पराली से पैलेट ( पराली से बनने वाला कृत्रिम कोयला ) बनाने के लिए प्लांट स्थापित करने की योजना लेकर आया है। इसका इस्तेमाल थर्मल पावर प्लांटों को अनिवार्य रूप से करना ही होगा। प्लांट लगाने वालों को कुल लागत की 40 प्रतिशत सहायता राशि दी जाएगी। लेकिन प्लांट लगने में तीन से छह महीने लगते हैं और इस बीच पराली का पूरा सीजन खत्म हो जाएगा।

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पर्यावरण मंत्री ने लांच किया अहम परियोजना

केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने गुरुवार को पराली समस्या से निपटने से जुड़ी इस अहम योजना को लांच किया। साथ ही इससे जुड़ी गाइडलाइन भी जारी की। इसके तहत कोई भी व्यक्ति अब पंजाब और हरियाणा में पैलेट या टोरेफैक्शन (कृत्रिम कोयला) प्लांट लगा सकेगा। एक टन क्षमता का पैलेट प्लांट लगाने पर 14 लाख रुपये की मदद मिलेगी। इसकी अधिकतम सीमा 70 लाख रुपये तक होगी। वहीं एक टन क्षमता के टोरेफैक्शन प्लांट लगाने पर 28 लाख की वित्तीय मदद दी जाएगी, जिसमें क्षमता के आधार पर अधिकतम 1.4 करोड़ रुपये तक की मदद दी जाएगी।

किसानों को होगा फायदा

केंद्रीय मंत्री यादव ने कहा कि पराली समस्या से निपटने के लिए यह एक अहम पहल है। इसमें किसानों का भी फायदा है और प्लांट लगाने वालों और थर्मल पावर प्लांट का भी। इससे रोजगार भी पैदा होगा। फिलहाल यह एक बार के लिए (वन टाइम) पायलट प्रोजेक्ट है।

एनटीपीसी शत-प्रतिशत पैलेट खरीदने को तैयार

इस मौके पर एनटीपीसी के चेयरमैन गुरदीप सिंह ने कहा कि वह शत-प्रतिशत पैलेट खरीदने को तैयार है। उन्होंने पैलेट प्लांट लगाने के इच्छुक उद्यमियों को इस बात का भरोसा दिया कि वह निश्चित होकर प्लांट लगाएं। फिलहाल उन्होंने इस खरीद के लिए टेंडर निकाले हैं लेकिन यदि कोई टेंडर से बाहर भी देता चाहता है तो भी वे पैलेट खरीदेंगे। इस दौरान वन एवं पर्यावरण मंत्रालय और सीपीसीबी ने इसे लेकर पूरा प्लान पेश किया।

पराली भंडारण केंद्र खोलने की तैयारी

हरियाणा और पंजाब दोनों ही राज्यों में जगह-जगह पराली भंडारण केंद्र भी खोलने की तैयारी है। फिलहाल जो प्लान तैयार किया है, उसके तहत प्लांट लगे तो उनमें दो लाख मिलियन टन से ज्यादा पराली की खपत होगी। फिलहाल मौजूदा समय में पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के एनसीआर से जुडे जिलों में पराली का कुल उत्पादन 27 मिलियन टन ही है।

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