नई दिल्ली, अनुराग मिश्र। क्या आपके घर की नेम प्लेट भी चोरों को आकर्षित कर सकती है? जवाब है- हां। बल्कि किसी घर में चोरी करनी है या नहीं, यह तय करने के लिए चोर सबसे पहले नेम प्लेट ही देखते हैं। दरअसल, लोग अक्सर नेम प्लेट पर नाम के साथ पद या प्रोफेशन भी लिखते हैं। इससे चोर अंदाजा लगाते हैं कि किस घर में सेंध लगानी है। घेंट यूनिवर्सिटी (बेल्जियम) के कुरालार्सन और मद्रास विश्वविद्यालय की प्रोफेसर डा. प्रियंवदा की एक स्टडी रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। चोरों पर इस तरह की यह संभवतः पहली स्टडी है।

रिपोर्ट के मुताबिक चोर शानदार बने घर, नेम प्लेट पर लिखे प्रोफेशन और बाहर खड़ी गाड़ी के आधार पर तय करते हैं कि किस घर में चोरी करनी है। घर चिन्हित करने के बाद वे किसी त्योहार या शादी के समय चोरी को अंजाम देते हैं। इसकी मुख्य वजह यह है कि इस दौरान लोग बैंक से कैश और ज्वैलरी निकाल कर घर पर रखते हैं। इस स्टडी के पीछ शोधकर्ताओं का मुख्य उद्देश्य चोरों की सोच को समझना है ताकि ऐसी घटनाओं पर लगाम लगाई जा सके।

नेम प्लेट से कमाई का अंदाजा

शोधकर्ताओं ने 314 चोरों पर अध्ययन कर लगभग 300 पेज की रिपोर्ट तैयार की है। रिपोर्ट तैयार करने वाले घेंट यूनिवर्सिटी (बेल्जियम) के कुरालार्सन ने बताया कि 63 फीसदी मामलों में पाया गया कि नेम प्लेट पर लिखे प्रोफेशन के आधार पर चोर कमाई का आकलन करते हैं। 70 फीसदी मामलों में देखा गया कि चोर अपने घर के आसपास के घरों को निशाना बनाते हैं क्योंकि उन्हें उस इलाके के रास्तों और जगहों का अंदाजा होता है। 72 फीसदी मामलों में यह देखने को मिला कि चोरों ने घर के सामने खड़ी महंगी गाड़ी देखकर चोरी का फैसला किया।

घर की बनावट और लोकेशन भी अहम

रिपोर्ट के मुताबिक चोर ऐसे घरों में नहीं जाते (94 फीसदी) जिनमें हमेशा कोई न कोई रहता है या घर में ज्यादा चहल-पहल रहती है। चोरों के लिए घर की बनावट भी बहुत मायने रखती है। 97 फीसदी केस में चोर ऐसे घर को निशाना बनाते हैं जिनमें बाहर निकलने के कई रास्ते हों। तब चोर के पास भागने के कई विकल्प मौजूद होते हैं। अगर आपका घर गली का आखिरी मकान है, उसके बाद रास्ता नहीं है तो आपके घर में चोरी की संभावना कम होगी। चोर पुलिस पेट्रोलिंग टाइम का भी ख्याल रखते हैं। चोरी के बाद चोर पकड़े जाने से बचने के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट से सफर करते हैं। कुरालार्सन के अनुसार इसका मकसद पुलिस की नाकाबंदी से बचना होता है।

सीसीटीवी से ज्यादा कुत्तों से लगता है डर

चोरों को किसी घर में लगे सीसीटीवी से ज्यादा वहां पाले गए कुत्ते से डर लगता है। सीसीटीवी की नजर से बचने के लिए चोर उसे ढंक देते हैं या ऐसी जगह से गुजरते हैं जिससे सीसीटीवी के सामने न आएं। लेकिन कुत्ता हल्की से आहट पर भी भौंकने लगता है या अंजान व्यक्ति पर हमला कर देता है।  घेंट यूनिवर्सिटी (बेल्जियम) के कुरालार्सन ने बताया कि पहली बार चोरी करने वालों में पुलिस को लेकर भय होता है लेकिन पुराने चोरों में पुलिस का डर खत्म हो चुका होता है। वह उससे बचने के प्रयासों से वाकिफ होते हैं। चोर जेलों में चोरी की एडवांस तकनीक सीखते हैं। 

लॉक तोड़ने में कम आती है परेशानी

रिपोर्ट तैयार करने वाली मद्रास यूनिवर्सिटी की क्रिमिनोलॉजी विभाग की प्रियंवदा बताती हैं कि चोरों को ताला तोड़ने में ज्यादा समय नहीं लगता है। कई मुश्किल लॉक को वे बिना किसी उपकरण की सहायता से दस सेकेंड में तोड़ सकते हैं। इसके लिए उन्हें सिर्फ छोटी रॉड और कपड़े की आवश्यकता होती है।

बैक डोर का इस्तेमाल

प्रियंवदा के अनुसार चोर ये जानते हैं कि घर के मुख्य गेट का लॉक मजबूत होता है। अमूमन लोग अपने बरामदे या बैक गेट में मजबूती का कम ख्याल रखते हैं। ऐसे में घर में प्रवेश के लिए चोर बैक गेट का इस्तेमाल अधिक करते हैं। घर में घुसने के बाद चोर सबसे पहले तीन जगह को टटोलते हैं- बेडरूम, किचन और पूजाघर।

चोरी से बचने के लिए क्या करें

  • घर से बाहर जाते समय पड़ोसियों को जानकारी दें। लंबे समय के लिए घर से बाहर जा रहे हैं तो पुलिस को सूचित करें। पुलिस-पब्लिक रिलेशन को भी मजबूत करने की आवश्यकता है। इससे लोगों का पुलिस के प्रति विश्वास जाग्रत होगा और उन्हें सूचित करेंगे। 
  • घर के सीसीटीवी का कनेक्शन अपने फोन से कर लें। इससे मॉनिटरिंग में आसानी रहती है।
  • घर के सभी हिस्सों के लॉक पुख्ता कर लें।
  • जब आप घर में न हों, तब कम से कम नगदी और आभूषण रखें।
  • आपके घर के बाहर पड़े अखबार, दूध के पैकेट, पुरानी रंगोली आदि पर चोर निगाह रखते हैं। ऐसे में अगर आप घर से बाहर जा रहे हैं तो वेंडर के द्वारा इन सेवाओं को बंद कर दें या फिर आपने पड़ोसी से इसे उठाने के लिए आग्रह करें। 
  • अपने घर में आभूषण न रखें। उन्हें बैंक के लॉकर में ही रखें।