मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने नेताजी के चहेते मंत्री को किया बर्खास्त

प्रदेश में कम समय में ही लंबी छलांग लगाने वाले गायत्री प्रसाद प्रजापति कैबिनेट मंत्री के रूप में भूतत्व एवं खनिकर्म मंत्रालय संभाल रहे थे।

By Dharmendra PandeyEdited By: Publish:Mon, 12 Sep 2016 11:48 AM (IST) Updated:Mon, 12 Sep 2016 03:45 PM (IST)
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने नेताजी के चहेते मंत्री को किया बर्खास्त

लखनऊ (वेब डेस्क)। लंबे समय से खनन के विवाद के कारण चर्चा में रहे खनन मंत्री गायत्री प्रजापति को आज मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बर्खास्त कर दिया है। प्रजापति को बर्खास्त करने की बाबत पत्र राज्यपाल को प्रेषित कर दिया गया है। मूलचंद चौहान खनन विभाग के मंत्री बनाए गए हैं। इसके अलावा पंचायती राज मंत्री राजकिशोर सिंह को भी बर्खास्त कर दिया गया है।

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अमेठी से विधायक खनन मंत्री गायत्री प्रजापति को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज पद से बर्खास्त कर दिया है। हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खनन घोटाले मामले में सीबीआई जांच के आदेश दिए थे, जिसके बाद आज मुख्यमंत्री ने यह कदम उठाया है। अखिलेश के इस कदम को डेमैज कंट्रोल बताया जा रहा है।

मंत्री गायत्री प्रजापति के खिलाफ एक और शिकायत दाखिल

मुख्यमंत्री अखिलेश को ऐसे कड़े कदम एक ऐसे समय पर उठाना पड़ा है, जब राज्य में चुनाव के दिन करीब हैं और सभी विपक्षी दल सत्ताधारी पार्टी को उखाड़ फेंकने का आह्वान कर रहे हैं। कांग्रेस से लेकर बीजेपी और बीएसपी ने मौजूदा अखिलेश सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं।अमेठी से पहली बार विधायक बनने वाले प्रजापति पहली बार में ही मंत्री बन गए थे।

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वर्ष 2012 में पहली बार अमेठी से विधायक बने प्रजापति ने कामयाबी की सीढ़ियों पर काफी तेजी से कदम रखे। उन्हें फरवरी 2013 में सिंचाई राज्यमंत्री बनाया गया था. बाद में उन्हें खनन राज्यमंत्री के पद पर नियुक्त किया गया था। जुलाई 2013 में प्रजापति को स्वतंत्र प्रभार का राज्यमंत्री बनाया गया था और जनवरी 2014 में उन्हें कैबिनेट मंत्री बना दिया गया था।

खनन मंत्री गायत्री प्रजापति की मुश्किलें बढ़ीं

प्रदेश में कम समय में ही लंबी छलांग लगाने वाले गायत्री प्रसाद प्रजापति कैबिनेट मंत्री के रूप में भूतत्व एवं खनिकर्म मंत्रालय संभाल रहे थे। गायत्री प्रसाद प्रजापति को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राज्यपाल राम नाईक को पत्र भेज दिया है।

गायत्री के बाद अखिलेश ने राजकिशोर सिंह को भी किया बर्खास्त

गायत्री प्रजापति प्रदेश में खनन मंत्री हैं और उनपर कई भ्रष्टाचार के आरोप लगते आएं हैं। ऐसे में अपनी सरकार की छवि को बेहतर बनाने के लिए अखिलेश यादव ने यह अहम फैसला लिया है। गायत्री प्रजापति को सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव का करीबी भी माना जाता है।

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942 करोड़ रुपये की संपत्ति

सोशल एक्टिविस्ट नूतन ठाकुर की ओर से लोकायुक्त के यहां दाखिल शिकायत के मुताबिक, मंत्री बनने के दो साल के भीतर ही गायत्री प्रजापति की संपत्ति 942.5 करोड़ रुपये हो गई। खुद के बचाव के मंत्री ने करीबियों के नाम पर संपत्तियां खरीदीं। गायत्री प्रजापति के पास मौजूदा समय में बीएमडब्ल्यू से लेकर तमाम लग्जरी गाड़ियां हैं। चुनावी नाव पर 2002 में पहली बार सवार होने वाले गायत्री प्रसाद प्रजापति ने विधानसभा चुनाव के दौरान अपने चुनावी हलफनामे में कुल संपत्ति 91,436 रुपए बताई थी।

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दस वर्ष बाद अमेठी से विधायक बनने वाले गायत्री प्रजापति ने 2012 के विधानसभा चुनाव के लिए भरे पर्चे के साथ लगे हलफनामे में अपनी कुल संपत्ति 3 लाख 71 हजार 720 रुपए बताई थी। अब उनकी संपत्ति अब बढ़कर 942 करोड़ रुपये की हो गई है। आज उनके पास कई बंगले, गाड़ी, फॉर्म हाउस सहित सैकड़ों करोड़ रुपए की चल-अचल संपत्ति है। लखनऊ के मुख्यमंत्री आवास के बगल में सरोजनी नायडू मार्ग पर आलीशान कोठी है। इसे कई लोग राजनीति का मुद्दा बनाने को तैयार थे।

बीपीएल कार्डधारी से बने करोड़पति

गायत्री प्रजापति पर अवैध खनन को संरक्षण देने के आरोप हैं, जबकि इससे पहले वह बीपीएल कार्ड को लेकर भी विवादों में रह चुके हैं। अमेठी के परसांवा गांव में 2002 में गायत्री प्रसाद प्रजापति को बीपीएल कार्ड जारी हुआ।इसके बाद 2012 में जब वह विधायक बने तो उन्हें गरीबी रेखा से ऊपर वाला एपीएल कार्ड मिला। 2012 में सपा के टिकट पर अमेठी से विधायकी का चुनाव लड़ने वाले गायत्री ने तब 1.81 करोड़ की संपत्ति घोषित की थी। मुलायम सिंह के बेटे प्रतीक से नजदीकियों के कारण उनका यादव परिवार में रुतबा बढ़ा और फिर 2013 में मुलायम सिंह यादव के कहने पर अखिलेश यादव ने उन्हें खनन मंत्री बना दिया।

मंत्री गायत्री प्रसाद को हाई कोर्ट का नोटिस

यूपी में अवैध खनन की सीबीआई जांच रुकवाने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट की बड़ी बेंच में पहुंची अखिलेश सरकार को तगड़ा झटका लगा था। हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच पर रोक लगाने से इनकार करते हुए राज्य सरकार से सवाल पूछा था कि अगर खनन में कोई गड़बड़ी नहीं है तो सरकार जांच से क्यों बचना चाहती है।

हाईकोर्ट के इस फैसले को अखिलेश सरकार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा था। सरकार ने चुनाव से पहले खनन घोटाले के आरोप ने विपक्ष के हाथ एक और मुद्दा दे दिया।

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गायत्री प्रजापति अपनी कार्यशैली को लेकर पहले भी विवादों में रहे हैं। गायत्री प्रजापति सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के करीबी माने जाते हैं। सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर ने प्रजापति के खिलाफ खनन के जरिये अवैध वसूली का आरोप लगाते हुए लोकायुक्त से भी शिकायत की थी।

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