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    अखिलेश को सिर्फ काम के दम पर प्रदेश की सत्ता में वापसी पर संदेह

    By Dharmendra PandeyEdited By:
    Updated: Mon, 12 Sep 2016 11:20 AM (IST)

    उन्होंने अध्यापकों से सवाल किया कि जब मुख्यमंत्री रहते हुए नेताजी (मुलायम सिंह यादव) ने आपके सारे काम कर दिये तो फिर वह दोबारा सरकार क्यों नहीं बना पाए।

    लखनऊ (राज्य ब्यूरो)। लगातार विकास की बात करने वाले मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को अब सिर्फ काम के बल पर सत्ता में वापसी पर संदेह लगने लगा है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव कल लखनऊ में एक कार्यक्रम में काम के बूते सत्ता में वापसी को लेकर कुछ संशकित दिखे।

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    मुमताज डिग्री कॉलेज में उच्च शिक्षा पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी और शिक्षक सम्मान समारोह में उन्होंने अध्यापकों से सवाल किया कि जब मुख्यमंत्री रहते हुए नेताजी (मुलायम सिंह यादव) ने आपके सारे काम कर दिये तो फिर वह दोबारा सरकार क्यों नहीं बना पाए।

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    फिर कहा कि काम तो हम भी बहुत कर रहे हैं लेकिन, लोग कह रहे हैं काम से वोट नहीं मिलता। शिक्षकों से मुखातिब होकर बोले, आप ही बताइये।

    उन्होंने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को भी उनका नाम लिये बगैर जवाब दिया। यह कहते हुए कि मुझे किसी ने अच्छा लड़का कहा था। मौका मिला तो मैंने भी उन्हें अच्छा लड़का कह दिया लेकिन, लोग मेरे कहने का मतलब नहीं समझ पाए।

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    बकौल अखिलेश, उन्होंने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि भले ही दूसरे लोग उन्हें दूसरी नजर से देखते हों लेकिन हम-तुम (राहुल) हम उम्र हैं। तुम हमें नेता कहो, हम तुम्हें नेता कहें। राहुल ने परसों एक कार्यक्रम में कहा था कि उत्तर प्रदेश में साइकिल ठहरी हुई है, सिर्फ पैडल मारा जा रहा है। इस पर अखिलेश यादव ने कहा कि शायद उन्हें किसी ने यह नहीं बताया कि नोएडा, गाजियाबाद व लखनऊ में भी मेट्रो रेल का काम हो रहा है।

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    पिछली सरकारें लखनऊ में गोमती नदी की सफाई की डींगें हांकती थीं, हमने उसे साफ करने दिखाया है। हम गोमती नदी ही नहीं, वाराणसी और मथुरा की नदियों की भी सफाई करा रहे हैं।

    इस कार्यक्रम के दौरान दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ की अध्यक्ष प्रो.नंदिता नारायण के यह कहने पर कि मुख्यमंत्री को देख उन्हें अपने छात्र याद आ गए, अखिलेश ने कहा कि हम तो सरकार में भी छात्र बनकर काम कर रहे हैं।

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    अपनी सरकार के कार्यकाल में बड़े पैमाने पर हुईं भर्तियों और प्रमोशन का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने पुलिस भर्ती के रुके रिजल्ट का भी उल्लेख किया। यह कहते हुए कि हमें बहुत सारे लोगों से लडऩा पड़ता है, जल्दी इसका रास्ता भी निकल जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रतिस्पर्धा में बने रहने के लिए हमें प्राथमिक और उच्च शिक्षा पर ज्यादा ध्यान देना होगा

    इस मौके पर मुख्यमंत्री ने लखनऊ विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों के 16 रिटायर्ड शिक्षकों को भी सम्मानित किया।

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    उच्च शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) शारदा प्रताप शुक्ला ने कहा लखनऊ विश्वविद्यालय संबद्ध महाविद्यालय शिक्षक संघ (लुआक्टा) के तमाम मुद्दे शासन को संदर्भित किये गए हैं। बहुत जल्दी यह मुद्दे तय हो जाएंगे। दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रो.नंदिता नारायण ने कहा कि नई शिक्षा नीति के नाम पर औपचारिक शिक्षा को दरकिनार कर और कौशल विकास पर जरूरत से ज्यादा जोर देकर सरकार बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए सस्ते कामगार तैयार करना चाहती है। कार्यक्रम को व्यावसायिक शिक्षा व कौशल विकास राज्य मंत्री अभिषेक मिश्र ने भी संबोधित किया।

    चार हजार उर्दू शिक्षक भर्ती होंगे

    मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने 14 वर्षों से भटक रहे मोअल्लिम-ए-उर्दू उपाधिधारकों को उर्दू शिक्षक नियुक्त किया। उन्होंने एलान किया कि बहुत जल्दी उर्दू शिक्षकों के 4000 और पदों पर भर्ती की जाएगी।

    शिक्षकों की मांगों को लेकर निकालेंगे रास्ता : अखिलेश

    मुमताज कॉलेज के प्रबंधक जफरयाब जिलानी और लखनऊ विश्वविद्यालय संबद्ध महाविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ.मनोज पांडेय ने मुख्यमंत्री के सामने महाविद्यालयों के शिक्षकों की मांगें रखीं। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि समाजवादी रास्ता निकालना जानते हैं।

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    शिक्षकों के मामले की पैरवी बड़े वकील (अपर महाधिवक्ता जफरयाब जिलानी) ने मजबूती से की है। वह उच्च शिक्षा विभाग के लोगों और जफरयाब जिलानी के साथ बैठकर शिक्षकों की समस्याओं का समाधान कराएंगे। फिर कहा कि नेताजी ने आपके लिए बहुत काम किया है, कुछ क्रेडिट हम भी ले लें।