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    मंत्री गायत्री प्रजापति के खिलाफ एक और शिकायत दाखिल

    By Dharmendra PandeyEdited By:
    Updated: Sat, 27 Dec 2014 11:11 AM (IST)

    आय से अधिक संपत्ति के मामले में लोकायुक्त जांच के घेरे में आए भूतत्व एवं खनिकर्म मंत्री गायत्री प्रजापति मंत्री प्रजापति के खिलाफ एक और शिकायत दाखिल की गई है। सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर की ओर से दाखिल परिवाद में मंत्री गायत्री प्रजापति पर बांदा, जालौन, गोंडा. फैजाबाद, बागपत, गाजियाबाद,

    लखनऊ (राज्य ब्यूरो)। आय से अधिक संपत्ति के मामले में लोकायुक्त जांच के घेरे में आए भूतत्व एवं खनिकर्म मंत्री गायत्री प्रजापति मंत्री प्रजापति के खिलाफ एक और शिकायत दाखिल की गई है।

    सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर की ओर से दाखिल परिवाद में मंत्री गायत्री प्रजापति पर बांदा, जालौन, गोंडा. फैजाबाद, बागपत, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, सोनभद्र, मीरजापुर, फैजाबाद, ललितपुर और झांसी में अवैध खनन के जरिये करोड़ों रुपये की अवैध वसूली का आरोप लगाया गया है। दाखिल परिवाद में सिंडीकेट के जरिए हो रही अवैध वसूली का ब्यौरा भी दिया गया है। इसमें गाडिय़ों से होनी वाली वसूली का ब्यौरा भी है। कुछ खनन माफिया के नाम भी शिकायत में हैं। मंत्री के साथ निदेशक भूतत्व एवं खनिकर्म डा.भाष्कर उपाध्याय को भी अवैध खनन में संलिप्त ठहराया गया है। नूतन ठाकुर ने पूर्व में ओम शंकर द्विवेदी की शिकायत में उनकी भी शिकायत शामिल करने की बात कहते हुए कहा गया है कि वह पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध कराएंगी। लोकायुक्त न्यायमूर्ति एनके मेहरोत्रा ने स्वीकार किया है कि नूतन ठाकुर की ओर से शिकायत दाखिल की गयी है जिसका परीक्षण किया जा रहा है।

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    मंत्री गायत्री के चालकों व एक महिला को नोटिस

    लोकायुक्त जांच की जद में मंत्री गायत्री प्रजापति के खिलाफ पहले की शिकायत में परिवाद दर्ज करने से पहले लोकायुक्त एनके मेहरोत्रा ने उनके दो चालकों और एक महिला की संपत्ति का चिट्ठा जुटाना शुरू किया है। उन्होंने प्रश्नावली के साथ तीनों को नोटिस भेजकर पांच से सात जनवरी के बीच जवाब मांगा है। प्रतापगढ़ के ओम शंकर द्विवेदी ने मंत्री गायत्री पर करोड़ों रुपये की संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगाते हुए लोकायुक्त संगठन में शिकायत दाखिल की थी लेकिन 22 दिसंबर को लोकायुक्त के सवालों का जवाब देने बजाय वह न सिर्फ 'मुकरÓ गए बल्कि शिकायत वापसी का शपथ पत्र दाखिल कर दिया। शिकायत वापसी का नियम नहीं होने के चलते लोकायुक्त ने अब उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर मंत्री के कथितचालक रामराज, राम सहाय और महिला गुड्डा को प्रश्नावली के साथ नोटिस भेजा है। सूत्रों का कहना है कि लोकायुक्त ने गुड्डा को पांच, रामराज को छह व रामसहाय को सात जनवरी तक उत्तर दाखिल करने का समय दिया है। कंपनी रजिस्ट्रार से भी पूछा गया है ये तीनों कितनी कंपनियों केनिदेशक हैं। कौन-कौन से लोग इनकी कंपनियों में सदस्य या निदेशक हैं।

    लोकायुक्त न्यायमूर्ति एनके मेहरोत्रा ने बताया कि मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के खिलाफ उपलब्ध साक्ष्य की सच्चाई का परीक्षण हो रहा है। आरोपों का लिंक (सिरा) जोडऩे के लिए कुछ लोगों को नोटिस भेजा गया है। यह पड़ताल का तरीका है। जवाब के बाद ही इस मामले में परिवाद दर्ज करने पर फैसला किया जाएगा।

    नोटिस में लोकायुक्त के सवाल

    -मार्च 2012 के बाद से अब तक कितनी संपत्ति खरीदी, उसकी कितनी कीमत अदा की। मौजूदा समय में उस संपत्ति की कीमत क्या है।

    -मार्च 2012 तक आय के स्रोत क्या थे और अब आय के स्रोत क्या हैं। -वित्तीय वर्ष 2011, 2012, 2013 और 2014 में क्या आयकर रिटर्न दाखिल किया, यदि किया तो ब्यौरे के साथ उसकी छाया प्रति दाखिल करें।

    -कितनी कंपनियों के निदेशक हैं। उसकी सूची उपलब्ध करायें।

    -पंजीकृत मुख्तारनामा होने के बाद रामराज ने कितनी संपत्ति खरीदी और कितनी बेची। (सवाल सिर्फ सुश्री गुड्डा किया गया है)।