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    सावधान! अगर नहीं आ रही खुशबू, तो हो सकता है पार्किंसन्स का खतरा, 90% मरीजों में दिखता है ये लक्षण

    By Niharika PandeyEdited By: Harshita Saxena
    Updated: Wed, 24 Dec 2025 07:12 PM (IST)

    हम चीजों को सूंघ कर भी खतरे को पहले भांप लेते हैं जैसे खाने का खराब हो जाना, गैस नोव खुले होने पर आने वाली बदबू। वहीं, हम सूंघ कर अपना फेवरेट परफ्यूम ...और पढ़ें

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    पार्किंसन्स का संकेत: सूंघने की क्षमता में कमी (Picture Credit- AI Generated)

    स्मार्ट व्यू- पूरी खबर, कम शब्दों में

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। पार्किंसन्स डिजीज नर्वस सिस्टम में मूवमेंट से जुड़ी समस्या मानी जाती है जो वक्त के साथ बिगड़ती जाती है। इसमें हाथों या पैरों में कंपन या कई बार जबड़ों में कंपन जैसे लक्षण नजर आते हैं, लेकिन इस बीमारी का पता लगाने में सूंघने की क्षमता को भी काफी महत्वपूर्ण माना गया है। आइए, जानते हैं कि कैसे खुशबू लेने की क्षमता का कम हो जाना पार्किंसन्स के लक्षणों में से एक हो सकता है।

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    जब नहीं आती कोई खुशबू

    हमसे से ज्यादातर लोग जीवन में कभी न कभी इस दौर से गुजरे होंगे कि उनकी सूंघने की क्षमता कमजोर पड़ी हो। कोल्ड, फ्लू जैसी समस्याओं में भी हमें किसी चीज की खुशबू या बदबू नहीं आती। हालांकि, यह न्यूरोजेनरेटिव बीमारियां जैसे अल्जाइर्म्स या पार्किंसन्स का भी संकेत हो सकता है। सबसे हैरानी की बात है कि बीमारी शुरू होने के कुछ सालों पहले ही सूंघने की क्षमता कम होने लगती है।

    बीमारी की है चेतावनी

    न्यूरो संबंधी बीमारी की सबसे बड़ी समस्या होती है कि जब तक हमें इसका पता चलता है वह काफी एडवांस स्टेज पर पहुंच चुकी होती है। पार्किंसन्स में जब अकड़न, हाथों के कंपन जैसे शुरुआती लक्षण नजर आते हैं तो मूवमेंट को कंट्रोल करने वाले आधे से ज्यादा न्यूरॉन्स पहले ही खत्म हो चुके होते हैं। वहीं, खुशबू ना सूंघ पाना पार्किंसन्स के शुरुआती लक्षणों में से एक है जोकि 90% मरीजों को प्रभावित करता है।

    पहचान करने में क्या आती है परेशानी

    भले ही खुशबू ना ले पाना पार्किंसन्स का लक्षण हो सकता है लेकिन यह सिर्फ इसी बीमारी में नहीं होता। उम्र बढ़ने, स्ट्रेस या फिर अन्य समस्याओं में भी ऐसा हो सकता है। इसके मरीज चॉकलेट जैसी अच्छी खुशबू की पहचान तो आसानी से कर लेते हैं, लेकिन न्यूट्रल या धुएं या रबर के जलने जैसी बदबू नहीं पहचान पाते। ऐसे में बीमारी का पता लगाने में कंफ्यूजन होता है।

    एनोस्मिया में भी नहीं आती है खुशबू

    यह चीजों को न सूंघ पाने की एक अस्थायी समस्या होती है जोकि कोल्ड या साइनस इंफेक्शन की वजह से हो सकता है। इसे किसी बीमारी के साइड इफेक्ट के रूप में भी देखा जाता है, जिसमें नाक ब्लॉक हो जाती है या ब्रेन को मिलने वाले खुशबू के सिग्नल्स में रुकावट आ जाती है।